WHEAT UPDATE 8 MARCH : सरकार ने पहले गेहू की खरीदी के लिए ऑनलाइन MSP पर खरीदी के लिए रजिस्ट्रेशन करने के लिए कहा गया था। कोटा संभाग के साथ ही बारां जिले में भी 15 मार्च से गेहूं की खरीद शुरू होगी। इसके लिए खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री ने ऑनलाइन पंजीयन शुरू करने की घोषणा की थी। इसके चलते सरसों व चने के लिए तो पंजीयन शुरू हो गया। लेकिन सोमवार तक गेहूं के पंजीयन शुरू नहीं होने से किसान असमंजस की स्थिति में रहे। और अब अचानक से सरकार में अपना आदेश बदल दिया।
अचनाक से दिया आदेश
ऐसे में अब जिले में 15 मार्च से टोकन के माध्यम से ही खरीद करने का उच्च स्तर पर निर्णय लिया गया है। इससे आने वाले दिनों में टोकन को लेकर पटवारियों के सामने किसानों को मारामारी का सामना करना पड़ेगा। इसको लेकर पहले से ही प्रशासन की ओर से स्थित स्पष्ट नहीं करने व एनवक्त पर टोकन से खरीद करने की घोषणा से किसानों में भी नाराजगी है।
किसानो की नाराजगी
अच्छी बारिश के चलते जिले में इस बार सबसे अधिक 1 लाख 23 हजार 815 हैक्टेयर में गेहूं की बुवाई है। जिले में करीब 5 लाख 12 हजार मीट्रिक टन उत्पादन का अनुमान है। 15 मार्च से सरकार ने जिले में 7 जगह खरीद केंद्र खोलने की घोषणा की है, लेकिन 1 मार्च से ही लगातार मंडी में किसान गेहूं लेकर पहुंच रहे हैं। यहां किसानों को 1500 से 1600 रुपए प्रति क्विंटल का भाव मिलने से अभी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है, जबकि प्रदेश में गेहूं की फसल को न्यूनतम समर्थन मूल्य 1840 प्रति क्विंटल रुपए का भाव मिलेगा।
किसानों को पंजीयन के लिए भरोसे में रखा
किसान महापंचायत के प्रदेश संयोजक सत्यनारायण सिंह, जिलाध्यक्ष जगदीश शर्मा ने कहा कि एक सप्ताह पहले ही राज्य सरकार की अोर से गेहूं खरीद की घोषणा कोटा संभाग में शुरू करने के लिए कहा था इसके लिए 8 मार्च से ही पोर्टल पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन शुरू करने की बात कहीं गई थी। लेकिन अब एनवक्त पर टोकन से खरीद शुरू करने की घोषणा से किसानों को पटवारियों के यहां चक्कर काटना पड़ेगा, जबकि जिले में पटवारियों की कमी व कई बार मुख्यालय पर नहीं मिलने से परेशानी होती है।
1 लाख 32 हजार हैक्टेयर में बुवाई
जिले में इस बार सबसे अधिक 1 लाख 23 हजार 815 हैक्टेयर में गेहूं की बुवाई हुई है। इसके चलते प्रति हैक्टेयर 45 क्विंटल का उत्पादन व प्रति बीघा साढ़े सात क्विंटल का उत्पादन होने से मंडी से लेकर खरीद केंद्र पर भी अच्छी आवक की उम्मीद है। मार्च की शुरुआत में ही गेहूं की आवक शुरू हो गई है। अब तक सरकारी खरीद नहीं होने से किसानों को कम दाम में ही मंडी में गेहूं बेचने की मजबूरी बनी हुई है।
4 लाख 44 हजार क्विंटल की करेंगे खरीद
जिले में एफसीआई, राजफैड व तिलम संघ के माध्यम से खाद्य विभाग की ओर से 4 लाख 44 हजार क्विंटल गेहूं खरीदने का लक्ष्य रखा गया है। पांच केंद्रों पर एफसीआई खरीद करेगी इसमें बारां, मांगरोल, सीसवाली, अटरू व छबड़ा में खरीद की जाएगी। इसके अलावा राजफैड की ओर से छीपाबड़ौद व तिलम संघ की ओर से अंता में खरीद केंद्र खोलकर गेहूं की 15 मार्च से खरीद करना प्रस्तावित है।
सहायक आयुक्त बोलीं- तय समय पर शुरू करें खरीद
खाद्य विभाग की आयुक्त रश्मि गुप्ता ने मंगलवार को मिनी सचिवालय में कलक्टर इंद्रसिंह राव की अध्यक्षता में राजफेड, तिलम संघ व एफसीआई के अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने लेकर 15 मार्च से पहले सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त कर तय समय पर खरीद शुरू करने के निर्देश दिए हैं। बैठक में तिलम संघ के एमडी, डीएसओ सत्यनारायण आमेठा, क्रय-विक्रय समिति के महाप्रबंधक सोमित्र मंगल, कृषि विभाग के उपनिदेशक अतीश कुमार शर्मा, एफसीआई के मैनेजर रविंद्र कुमार आदि मौजूद थे।
टोकन द्वारा होंगी गेहू खरीदी
किसानों को गिरदावरी व अन्य दस्तावेज लेने के लिए किसी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पड़े। इसके लिए आदेश जारी कर पटवारी व एलआर को कार्यालय व पटवार घर पर मौजूद रहने के निर्देश दिए गए हैं। इसके बावजूद शिकायत मिलने पर संबंधित पटवारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। गेहूं के लिए किसान को रजिस्ट्रेशन करवाने की जरूरत नहीं है। शुरुआत में पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराने की बात थी, लेकिन अब पोर्टल अपलाेड नहीं होने से खरीद केंद्र पर आने वाले किसानों के द्वारा दस्तावेज पेश करने के बाद टोकन के माध्यम से खरीद की जाएगी।
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