WHEAT UPDATE 2023 : एक बार फिर गेहूं और आटे की कीमतों में उछाल ने आम जनता की तोड़ी कमर। महंगाई कुछ इस तरह बढ़ गयी है कि महज दो हफ्ते के अंदर ही गेहूं के भाव में एक बार फिर से इजाफा हुआ है। इससे गरीब को भारी नुकसान हो रहा है। लोगों की थाली से रोटी गायब हो गई है। उधर मौसम के मिजाज ने किसानों की धुकधुकी बढ़ा दी है। मौसम विभाग ने अगले कुछ दिन में बारिश होने की संभावना व्यक्त की है। ऐसे में अगर बारिश हुई तो गेहूं की फसल को भारी नुकसान पहुंचेगा।
महंगाई की वजह से हर जगह बाजार में गेहूं, आटा और मैदा की कमी देखने को मिल रही है। और इस वजह से गेहूं से उत्पाद बनाने वाले छोटी और मध्यम उद्योग कंपनियों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। गेहूं एवं आटे की कीमतों में वृद्धि की वजह से कई छोटी आटा चक्कियों पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। पिछले दिनों तक आटा 28 से 30 रुपये प्रति किलो बिक रहा था। होली से पहले आटे की कीमतों में दो रुपये किलो तक की वृद्धि हुई है। मतलब 10 किलोग्राम के बैग पर 20 रुपये तक की बढ़ोत्तरी हुई है।
खाने-पीने की चीजें महंगी
भले ही सरकार ने इस बार गेहूं का समर्थन मूल्य 2015 में 110 रुपये की बढ़ोत्तरी करते हुए उसे 2125 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है, लेकिन बाजार में गेहूं की कीमत 3000 रुपये प्रति क्विंटल के पार पहुंच गई है। गेहूं महंगा होते ही आटे की कीमत में भी एक बार फिर से तेजी देखने को मिल रही है। किसानों का कहना है कि अभी गेहूं की नई फसल आने में तकरीबन डेढ़ से दो महीने का वक्त लगेगा।
ऐसे में गेहूं के भाव में और इजाफा हो सकता है, जिससे महंगाई बढ़ जाएगी और खाने-पीने की चीजें महंगी हो जाएंगी। गेहूं जारी होने में देरी की वजह से इस तरह की समस्या बढ़ रही है. वहीं, अतिरिक्त गेहूं बाजार में आने के बाद बढ़ती कीमतों से राहत मिल सकती है।
गेहूं का घटा, सरसों का बढ़ा
WHEAT UPDATE 2023 गेहू की महंगाई ने एक बार फिर आम आदमी को जकड़ा साथ ही आटा ,मैदा भी हुआ महंगा
बोले किसान
जिले में गेहूं की फसल की स्थिति
वर्ष रकवा (हेक्टेयर में) उत्पादन (मीट्रिक टन में )
2017-18 223557 961.29
2018-19 227340 978398
2019-20 223574 934986
2021-22 224788 976046
2022-23 222423 217835
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