गेहूं के निर्यात पर लगा प्रतिबंध फिलहाल हटने नहीं जा रहा है।जिसको लेकर केद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल 25 मई 2022 को यह साफ कर दी है।उल्लेखनीय है कि दुनिया के कई देशों सहित विश्व मुद्रा कोष (आईएमएफ
ने भारत के गेहूं निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के फैसले की आलोचना की थी।जिसके तहत भारत के निजी कारोबारियों के लिए गेहूं निर्यात को फिर से खोलने की बात को लेकर सवाल किया गया था।
दरअसल केद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि अभी दुनिया में अस्थिरता का दौर है।ऐसे में यदि हम गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध हटा देंगे तो इसका फायदा कालाबाजारी, जमाखोरों और सट्टेबाजी को होगा।उन्होंने कहा कि यह न तो जरुरतमंद देशों के हित में होगा और न ही गरीब लोगों की मदद कर पाएगा।
ऐसे में इससे बचने का स्मार्ट तरीका यह है कि सरकारी रुट के माध्यम से (जी2जी) से ही गेहूं का निर्यात किया जाए।ऐसे में हम जरुरतमंद और गरीब लोगों को सस्ता गेहूं उपलब्ध करा सकेंगे।उन्हेंने कहा कि भारत के इस फैसले का मर्म समझने के लिए विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) और वैश्विक मुद्रा कोष (आईएमएफ के साथ संपर्क किया था।जिसको लेकर विश्व मुद्रा कोष (आईएमएफ) की प्रमुख क्रिस्टालिना जॉर्जिवा ने वर्ल्ड इकोनोमिक फोरम में भारत के गेहूं निर्यात पर पाबंदी की आलोचना की थी।
उन्होने कहा था कि अन्य देश भी ऐसा कर सकते हैं ।जिससे इस संकट से निपटने के लिए वैश्विक समुदाय तैयार नहीं हो पाएगा।