गेहूं निर्यात पर लगाए गए प्रतिबंध (Wheat Export Ban Latest News) केंद्र सरकार जल्द हटा लेगी इसको लेकर जो प्रमुख कारण है वह जानिए।
Wheat Export Ban Latest News | भारत में गेहूं का पर्याप्त स्टार्ट होने के बावजूद केंद्र सरकार ने गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था इसका प्रमुख कारण यह था कि स्थानीय बाजार में गेहूं की कीमतें तेजी से बढ़ रही थी गेहूं की कीमत के कारण महंगाई बन रही थी महंगाई पर नियंत्रण के लिए ही केंद्र सरकार ने गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया था, जबकि गेहूं के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ज्यादा मांग थी।
विदेशों से भारतीय गेहूं की बेहतर मांग के कारण भारत का गेहूं निर्यात 2021-22 में 70 लाख टन के रिकॉर्ड स्तर पर रहा। मूल्य के अनुसार यह 2.05 अरब डॉलर का रहा। भारत के कुल गेहूं निर्यात में से लगभग 50 प्रतिशत बांग्लादेश को जाता है। गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के पश्चात कुछ हद तक गेहूं के भाव में स्थिरता आई हालांकि यह अभी भी समर्थन मूल्य से अधिक दाम पर ही बिक रहा है। गेहूं पर लगाया गया प्रतिबंध अब जल्द हटेगा इसका उसके पीछे जो प्रमुख वजह है वह जानिए
केंद्र सरकार का रुझान भी प्रतिबंध हटाने की ओर (Wheat Export Ban Latest News)
विश्व स्तर पर खाद्यान्न का संकट गहराने लगा है, ऐसी स्थिति में सभी की निगाहें भारत पर टिकी हुई है। भारत भी इस दौर में अधिक से अधिक खाद्यान्न निर्यात करना चाह रहा है, किंतु विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के नियमों के कारण गेहूं का निर्यात नहीं हो पा रहा है। दरअसल वैश्विक स्तर पर कार्य करने वाले विश्व व्यापार संगठन का नियम है कि एमएसपी पर खरीदा हुआ गेहूं का निर्यात नहीं किया जा सकता। भारत सरकार इस नियम में ढिलाई चाहता है, यही कारण है कि भारत ने खुले बाजार में गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया है। जैसे ही विश्व व्यापार संगठन इस नियम में ढिलाई देता है भारत गेहूं के निर्यात से प्रतिबंध हटा देगा।
विश्व स्तर पर भारत ने नियमों में ढिलाई की मांग की
विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के सामने भारत सरकार ने खाद्यान्न् के निर्यात के नियमों में ढील देने की मांग उठाई है। दरअसल डब्ल्यूटीओ के नियमों के तहत सरकारी खरीदी यानी एमएसपी पर सरकार द्वारा खरीदा गया अनाज किसी भी देश में निर्यात नहीं किया जा सकता। भारत इस नियम में राहत की मांग कर रहा है। भारत वैश्विक खाद्यान्न् संकट के मद्देनजर दूसरे देश की सरकार को खाद्यान्न् कमी में मदद के तौर पर ऐसे निर्यात की अनुमति चाहता है। साफ है कि आने वाले समय में सरकारी गोदामों से माल विदेश निर्यात हो सके इसकी संभावना देश में तलाशी जा रही है।
अधिकांश गेहूं स्टॉक हुआ (Wheat Export Ban Latest News)
गेहूं के निर्यात प्रतिबंध के बाद बाजार में गेहूं के दाम में गिरावट का रुख जारी है। व्यापारियों के अनुसार ज्यादातर गेहूं स्टाक में चला गया है। ऐसी स्थिति में मंडियों में अब आवक कमजोर हो गई है।दिवाली के आसपास ही अब स्टाक का गेहूं बाजार में आएगा। दूसरी ओर मिलों ने मौके का लाभ लेते हुए निर्यात के लिए बंदरगाह पर पहुंचा गेहूं नीचे दामों पर खरीदना शुरू कर दिया है। फिलहाल गेहूं में न तो आवक बेहतर होती दिख रही है न ही दाम बढ़ते। वर्तमान में गेहूं के दाम मिल क्वालिटी 1950-2000, मालवराज 2000 से 2025, पूर्णा 2250-2300, लोकवन 2300 से 2350 और मक्का 2325 रुपये क्विंटल बने हुए हैं।