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Wheat Export Ban: मोदी सरकार ने बताया क्यों लगाई गई गेहूं के निर्यात पर रोक, आप भी जानिए असली वजह

Wheat Export Ban: गेहूं की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए इसके निर्यात पर रोक लगाई है। गेहूं निर्यात रुकने के बाद मंडियों में इस प्रमुख खाद्यान्न के खरीद भाव में कमी आ गई है। इसकी वजह से किसान संगठन गेहूं निर्यात पर रोक के सरकारी फैसले का विरोध कर रहे हैं। गेहूं का निर्यात रोकने का फैसला इसलिए किया ताकि नागरिकों को गेहूं की कमी नहीं हो।
 
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हाइलाइट्स

  • गेहूं की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए इसके निर्यात पर रोक लगाई है
  • गेहूं निर्यात रुकने के बाद मंडियों में इस प्रमुख खाद्यान्न के खरीद भाव में कमी आ गई है
  • इसकी वजह से किसान संगठन गेहूं निर्यात पर रोक के सरकारी फैसले का विरोध कर रहे हैं
  • गेहूं का निर्यात रोकने का फैसला इसलिए किया ताकि नागरिकों को गेहूं की कमी नहीं हो

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इंदौर: केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने रविवार को कहा कि सरकार ने देश के नागरिकों को गेहूं की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए इस प्रमुख खाद्यान्न के निर्यात पर रोक लगाई है। चौधरी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमारे लिए देश सबसे पहले है और देश के नागरिकों के लिए गेहूं की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करना हमारी पहली प्राथमिकता है। हमने गेहूं का निर्यात रोकने का फैसला इसलिए किया ताकि नागरिकों को गेहूं की कमी नहीं हो।’’

बहरहाल गेहूं निर्यात रुकने के बाद मंडियों में इस प्रमुख खाद्यान्न के खरीद भाव में कमी आ गई है जिसकी वजह से किसान संगठन गेहूं निर्यात पर रोक के सरकारी फैसले का विरोध कर रहे हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या ऐसे हालात में किसानों को सरकारी खरीद में गेहूं पर बोनस दिया जाएगा, कृषि राज्य मंत्री ने कोई सीधा जवाब न देते हुए कहा कि सरकार किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदती है।

उन्होंने खेती को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार की अलग-अलग योजनाओं का जिक्र करते हुए कहा,‘‘देश में वर्ष 2013 के दौरान कृषि का बजट केवल 23,000 करोड़ रुपये था जिसे हमने छह गुना बढ़ाकर 1.32 लाख करोड़ रुपये पर पहुंचा दिया है।’’

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इसके पहले चौधरी ने देश के सबसे बड़े सोयाबीन उत्पादक राज्य मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले इंदौर में ‘सोया महाकुंभ’ का उद्घाटन किया। उन्होंने इस कार्यक्रम में कहा कि देश को खाद्य तेलों के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार तिलहनों और पाम की खेती को बढ़ावा दे रही है।

‘सोया महाकुंभ’ का आयोजन केंद्र सरकार के भारतीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान (आईआईएसआर) ने निजी संस्थाओं के साथ मिलकर किया है। सोयाबीन क्षेत्र के इस तीन दिवसीय जमावड़े में कृषि वैज्ञानिक, किसान और अन्य संबद्ध पक्षों के लोग शिरकत कर रहे हैं।

Wheat Export Ban | मोदी सरकार ने बताया क्यों लगाई गई गेहूं के निर्यात पर रोक : Mpmandibhav

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