प्रमाणित हाइब्रिड मूंग का बीज |
मूंग की अच्छी किस्मों का विवरण |
गिरनार 22G22 मूंग बीज |
गिरनार कम्पनी का यह बीज सात शाखाओ वाली मानी जाती है, जो अच्छे उत्पादन के लिए अधिक लगाई जाती है | इस किस्म का दाना काफी हरा चमकीला और मोटा होता है | राजस्थान, मध्यप्रदेश, गुजरात, उत्तरप्रदेश के किसानों ई पहली पसंद बनी हुई है | गिरनार 22G22 मूंग बीज का उत्पादन 12 से 15 क्विंटल / हेक्टेयर तक देखा जाता है | यह किस्म 55 से 65 दिन में पककर तैयार हो जाती है | |
MH – 421 मूंग बीज |
खरीफ बुवाई का उपयुक्त समय – जून से जुलाई वसंत – 15 फरवरी तक गर्मी – 15 अप्रैल तक बोया जाता है | पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड बुवाई के लिए अच्छा माना गया है | हरियाणा कृषि विश्वविधालय द्वारा विकशित यह बीज रोग प्रतिरोधक सहनशील और उत्पादन की दृष्टि से काफी अच्छी किस्म मानी जाती है | पिला मोजेक रोगमुक्त किस्म है | उत्पादन इसका 8 से लेकर 10 क्विंटल / एकड़ लिया जा सकता है | बीघे के हिसाब से 3 से 3.5 क्विंटल / एकड़ उपज होती है | बीज के डेन मोटे चमकीले और भारी होते है | इसका बीज बाजार में आप आसानी से खरीद सकते है | अधिक पढ़े – मूंग MH-421 |
पूसा विशाल |
यह किस्म 60 से 70 दिन में पककर तैयार हो जाती है | 5 से 6 क्विंटल / एकड़ तक का उत्पादन देती है | हेक्टेयर में बात करें तो 10 से 11 क्विंटल / हेक्टेयर उपज ले सकते है | इस किस्म के बीज की बुवाई का समय – वसंत ऋतू में 12 – 28 मार्च |ग्रीष्मकालीन /गर्मी सीजन में – 24 मार्च से 8 अप्रैल | खरीफ मौसम के लिए जुलाई- अगस्त | अधिक पढ़े – पूसा विशाल मूंग बीज |
जवाहर मूंग -721 |
इन्दोर कृषि महाविधालय mp से विकशित यह बीज ग्रीष्मकालीन और खरीफ के लिए बोई जा सकती है | उत्पादन की बात करें तो – 12 से 14 क्विंटल / हेक्टेयर तक ले सकते है | जवाहर मूंग -721 पीला मोजेक एवं पाउडरीमिल्डयू रोग के प्रति सहनशील किस्म है |बुवाई से 70 से 75 दिन बाद कटाई के लिए तैयार हो जाते हैंअधिक जानकारी के लिए – जवाहर मूंग -721 |
पूसा रत्ना |
60-65 दिन में पककर तैयार होने वाली यह किस्म उत्तरप्रदेश में काफी बोई जाती है | इस बीज किस्म से 5 से 6 क्विंटल / एकड़ तक का उत्पादन ले सकते है | बुआई का समय वसंत ऋतु के लिए फरवरी-मार्च , ग्रीष्म ऋतु के लिए 20 मार्च से 10 अप्रैल , खरीफ ऋतु में 15 जुलाई से 10 अगस्त बीज बुआई के समय बीज दर 22 किग्रा./ हेक्टेयर रखनी चाहिए | |
HUM-1 / हम -1 |
यह काफी पुराणी और अभी तक बुवाई में किसान की पसन्द बनी हुई किस्म है जो वाराणसी कृषि विधालय से विकशित हुई | उपज पैदावार की बात करें तो 8-9 क्विंटल / हेक्टेयर जो 65-70 दिन में पककर तैयार हो जाती है | ग्रीष्म एवं खरीफ दोनो मौसम के लिये उपयुक्त मूंग बीज है | पीला मोजेक एवं पर्णदाग रोग के प्रति काफी सहनशील किस्म है | |
ग्रीन गोल्ड मूंग बीज |
इस किस्म में मूंग की फलिया काफी संख्या में गुच्छेदार रूप में लगती है | बीज बजनदार और हरा चमकीला होता है जो बाजार में अच्छा भाव दिलाने में मदद करता है | अधिक उपज के लिए महशूर यह किस्म 13 से 15 क्विंटल / हेक्टेयर उपज देता है | |
NM-47 |
मूंग की अधिक पैदावार देने वाली किस्मों में जानी जाती है यह किस्म, पकने की समय 60-65 दिन का होता है | यह किस्म पिला मोजेक, पति धब्बा, छाछिया रोग के प्रतिरोध है | पैदावार की बात करें तो 9 से 10 क्विंटल / एकड़ उपज आकी जा सकती है | |
RMG268 |
यह राजस्थान में मूंग की उन्नत किस्मों में खरीफ सीजन के लिए अच्छी मानी जाती है, 60 से 70 दिन में पककर तैयार हो जाती है | झुलसा रोग, पत्तीधब्बा रोग मोजेक जैसें रोगों के प्रतिरोधक है | |
जयनित क्रांति |
ग्रीष्म और बरसात ऋतू में अधिकतर इसकी बुवाई की जाती है | पीलिया और मोजेक रोग के प्रति सहनशील किस्म है | बीजों के दाने हरे और मोटे चमकीले होते है, 65 से 70 दिन में पक जाती है | 10 से 12 क्विंटल प्रति एकड़ उत्पादन लिया जा सकता है | |
दिनकर मूंग बीज/ शरीफ-1 |
इस किस्म को SHARIF-1 के नाम से भी जाना जाता है, फली और पौधो की उचाई-लम्बाई काफी होती है | मूंग की यह वैराईटी 50 से 60 दिन में पककर तैयार हो जाती है | डालिया वजनदार और गुछो के रूप में होती है | अधिकतम उपज पैदावार की बात करें तो 10 से 13 क्विंटल प्रति हेकटेयर ले सकते है | |
महावीर वेस्टर्न मूंग ब्रांड |
पौधे में कई शाखाये और उचाई में 50 से 70 सेंटीमीटर तक होती है | जल्दी पकने वाली बीज किस्म है जो 55 से 65 दिन में पककर तैयार हो जाती है | उत्पादन की बात करें तो 10 से 13 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक लिया जा सकता है | |