Soyabean Variety :खरीफ सीजन में सोयाबीन की यह 4 उन्नत किस्मे किसानो को करेगी मालामाल ,रोग और सूखा रोधी क्षमता के साथ होगी बम्फर पैदावार New 5 Soyabean Variety :सोयाबीन की बुवाई का समय आने वाला है। भारत में इसकी बुवाई का समय 15 जून से शुरू हो जाती है। इसे देखते हुए किसानों को सोयाबीन की अधिक उत्पादन देने वाली किस्मों की जानकारी होनी जरूरी है ताकि वे इन किस्मों में से अपने क्षेत्र के अनुकूल किस्म का चयन करके समय पर सोयाबीन की बुवाई कर सकें। भारत में सोयाबीन खरीफ की फसल के अंतर्गत आती है। भारत में सबसे ज्यादा सोयाबीन की खेती मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान में होती है। मध्य प्रदेश का सोयाबीन उत्पादन में 45 प्रतिशत है। जबकि सोयाबीन उत्पादन में महाराष्ट्र का 40 प्रतिशत हिस्सा है। बता दें कि भारत में सोयाबीन का 12 मिलियन टन उत्पादन होता है। आज हम ट्रैक्टर जंक्शन के माध्यम से आपको सोयाबीन की टॉप 10 उन्नत किस्मों की जानकारी दे रहे हैं।
MACS-1407 Soyabean Variety
यह किस्म प्रति हेक्टेयर में 39 क्विंटल का पैदावार देती है और यह गर्डल बीटल, लीफ माइनर, लीफ रोलर, स्टेम फ्लाई, एफिड्स, व्हाइट फ्लाई और डिफोलिएटर जैसे प्रमुख कीट-पतंगों के लिए प्रतिरोधी किस्म है। इसका मोटा तना, जमीन से ऊपर (7 सेमी) फली सम्मिलन और फली बिखरने का प्रतिरोधी होना इसे यांत्रिक कटाई के लिए भी उपयुक्त बनाता है। यह किस्म पूर्वोत्तर भारत की वर्षा आधारित परिस्थितियों के लिए उपयुक्त है। सोयाबीन (Soyabean Variety) की यह किस्म बिना किसी उपज हानि के 20 जून से 5 जुलाई के दौरान बुआई के लिए अत्यधिक अनुकूल है। यह इसे अन्य किस्मों की तुलना में मानसून की अनिश्चितताओं का अधिक प्रतिरोधी बनाता है। इस किस्म को तैयार होने में बुआई की तारीख से 104 दिन लगते हैं। इसमें सफेद रंग के फूल, पीले रंग के बीज और काले हिलम होते हैं। इसके बीजों में 19.81 प्रतिशत तेल की मात्रा, 41 प्रतिशत प्रोटीन की मात्रा होती है।
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Soyabean Variety :खरीफ सीजन में सोयाबीन की यह 4 उन्नत किस्मे किसानो को करेगी मालामाल ,रोग और सूखा रोधी क्षमता के साथ होगी बम्फर पैदावार
RVS-18 Soyabean Variety
सोयाबीन की (Soyabean Variety) इस किस्म को भी राजमाता सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय द्वारा विकसित किया गया है. सोयाबीन की यह किस्म देश के मध्य भाग के जिले मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, बुंदेलखंड, मराठवाड़ा और विदर्भ के किसानों के लिए लायी गयी है. सोयाबीन कि यह किस्म मध्यम अवधि की 91-93 दिन वाली होती है. इसका भी जड़ तंत्र काफी मजबूत होता है इसके कारण सूखा और अधिक वर्षा होने पर भी काफी समय तक बना रहता है. दोनों की स्थितियों में किसानों को अच्छी पैदावार मिलती है. किसान इस बीज को 70 किलो प्रति हेक्येयर क्षेत्र में बुवाई कर सकते हैं. सब कुछ सही रहने पर इसका उत्पागन 22-24 क्विंटल प्रति हेक्टेयर होती है.
RVSM 1135 Soyabean Variety
इसके जड़ का अधिक फैलाव होने के कारण जड़ मजबूत होता है इस वजह सूखा होने पर भी पौधे की नमी बनाए रखने में मदद मिलती है. इस कारण से से इस किस्म को सूखा रोधी भी कहा जाता है. आरवीएस किस्म (Soyabean Variety) के सोयाबीन की अंकुरण क्षमता 90 फीसदी होती है. पौधे का अधिक फैलाव और छोटा दाना होने के कारण कम बीज में अधिक उत्पादन होता है साथ ही पौधों की ऊंचाई अच्छी होने के कारण इसे हार्वेस्ट करने में आसानी होती है. RVSM 1135 उच्च उत्पादन क्षमता और कीट रोधी क्षमता के कारण यह सोयाबीन की उन्नत किस्म मानी जाती है. विपरित जलवायु परिस्थितियों में भी यह उच्च पैदावार देती है.
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Soyabean Variety :खरीफ सीजन में सोयाबीन की यह 4 उन्नत किस्मे किसानो को करेगी मालामाल ,रोग और सूखा रोधी क्षमता के साथ होगी बम्फर पैदावार
BS – 6124 Soyabean Variety
सोयाबीन की यह किस्म (Soyabean Variety) बुवाई के लिए बीज की मात्रा 35-40 किलों बीज प्रति एकड़ पर्याप्त होती है। बात करें इसके उत्पादन की तो इस किस्म से एक हेक्टेयर में करीब 20-25 क्विंटल तक उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है। इस किस्म से सोयाबीन की फसल 90-95 दिनों में तैयार हो जाती है। इस किस्म में फूल बैंगनी रंग के और पत्ते लंबे होते हैं।