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Soybean Price Falls:सोयाबीन के दामों में हो सकती 500रूपये प्रतिक्विंटल तक गिरावट,जानिए कारन

Soybean Price Falls सोयाबीन का भाव मार्केट में चर्चा का विषय बना हुआ है. क्योंकि अभी सोयाबीन मार्केट में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है. जिसके चलते आगे आने वाले समय में किसानों को दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है.

सोयाबीन के भाव पर सभी की निगाहें बनी हुई हैं. क्योंकि मध्यप्रदेश के इंदौर में सोयाबीन का भाव 4 महीने के सबसे  निचले स्तर तक पहुँच चुका है और अभी भी लगातार गिरता हुआ नज़र आ रहा है. जानकारों के मुताबिक भाव में गिरावट की वजह सोयाबीन और सूरजमुखी का तेल बताया जा रहा है.

ओरिगो ई-मंडी के जनरल मैनेजर तरुण सत्संगी का बयान

तरुण सत्संगी का कहना है कि सोयाबीन ऑयल और सूरजमुखी ऑयल पर आयात शुल्क को खत्म करने से यह गिरावट हमें देखने को मिल रही है. इंदौर में सोयाबीन का भाव अभी 6,625 रुपये के आस-पास कारोबार कर रहा है. उनका कहना है कि सोयाबीन का यह भाव 6,625 रुपये से टूटकर 6,500 या 6,000 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुँच सकता है. और साथ ही सोयाबीन के भाव में तेजी को लेकर उनका कहना है कि सोयाबीन की कीमतों में तेजी का रुझान तभी बनेगा, जब भाव 7,310 रुपये प्रति क्विंटल से ऊपर टिकना शुरू होगा. हालांकि मौजूदा हालात को देखते हुए यह कठिन दिखाई पड़ रहा है.

भारत में सोयाबीन की फसल की स्थिति

कृषि मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के मुताबिक पूरे भारत में किसानों ने चल रहे खरीफ सीजन में गुरुवार तक 21,200 हेक्टेयर में सोयाबीन की बुवाई की है, जो कि पिछले साल के मुकाबले 76 फीसदी कम है. भारत सरकार के द्वारा दिए गए इन आंकड़ों से अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि आने वाले समय में सोयाबीन के भाव क्या रह सकते हैं.

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विदेशी बाज़ारों में भी सोयाबीन पर है दबाव

विदेशी बाजार में पुरानी सोयाबीन सीबीओटी(Chicago Board of Trade)जुलाई के आंकड़ों को देखें तो हाल ही के मूल्य व्यवहार से एक बात स्पष्ट हो जाती है कि 17.44 डॉलर के भाव को तोड़ने में कई तरह की कठिनाइयां हैं. क्योंकि 31 मई को और फिर 9 जून को मार्किट में सोयाबीन ने 17.44 डॉलर के भाव को तोड़ने की कोशिश की थी लेकिन भाव इसके ऊपर टिक नहीं सका था. हालांकि 9 जून को मार्किट में सोयाबीन का भाव कुछ देर के लिए 17.84 डॉलर हुआ भी था, लेकिन ज़्यादा देर तक टिक नहीं सका.

अंत में आपको बता दें कि भारत सरकार ने सालाना 20 लाख टन क्रूड सोयाबीन ऑयल और सूरजमुखी तेल के आयात पर सीमा शुल्क और कृषि अवसंरचना उपकर(infrastucture tax) को मार्च 2024 तक खत्म कर दिया है. वित्त मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार सालाना 20 लाख टन कच्चे सोयाबीन और सूरजमुखी तेल पर वित्त वर्ष (Financial year) 2022-23 और 2023-24 में आयात शुल्क नहीं लगाया जाएगा.

इस निर्णय के साथ ही 5 फीसदी प्रभावी सीमा शुल्क और उपकर को शून्य कर दिया जाएगा और वित्त वर्ष 2022-23 और 2023-24 में कुल 80 लाख टन क्रूड सोयाबीन ऑयल और क्रूड सूरजमुखी तेल के शुल्क मुक्त आयात की अनुमति दी जाएगी. निर्यात प्रतिबंध हटाने से खाद्य तेलों की कीमतों में भी कुछ नरमी आएगी

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