मानसून जल्दी दस्तक देने वाला है यानी कि खरीफ सीजन (Soybean bij & Bhav ke bare me Jane) निकट आ चुका है। सोयाबीन बीज के भाव जानें …
Soybean bij & Bhav ke bare me Jane | गर्मियों के सीजन के बाद किसान अब खरीफ फसल की तैयारी में जुट चुके हैं। खरीफ की मुख्य फसल सोयाबीन की बोवनी में अब मात्र 20 से 30 दिन का समय ही बचा है। मौसम विभाग इस बार मानसून की जल्द आमद की बात कह रहा है, बताया जा रहा है कि इस बार मानसून जल्दी दस्तक देगा। इसको ध्यान में रखते हुए किसान सोयाबीन बीजों की ग्रेडिंग और अन्य तैयारियों में जुट गए हैं।
समय को देखते हुए कृषि वैज्ञानिक किसानों को सलाह दे रहे हैं कि इस समय खेती किसानी के तमाम काम कर लिए जाएं ताकि आने वाली खरीफ फसल की बोवनी के दौरान सुविधा हो सके। विशेषज्ञों के अनुसार इस बार सोयाबीन की देरी से पकने वाली वैरायटी को भी बोय जा सकता है क्योंकि मौसम विभाग अच्छी बारिश की संभावना जता चुका है।
Also Read गेहू का भाव मध्यप्रदेश | Gehu ka bhav madya pradesh : MpMandiBHav
सोयाबीन बीज के भाव में तेजी आई (Soybean bij & Bhav ke bare me Jane)
किसान सोयाबीन बीज की खरीदारी में व्यस्त हो गए हैं सोयाबीन बीज की कीमत में भी तेजी आई है मंडी में सोयाबीन जहां 6 से ₹7000 के मध्य बिक रहा है वही बीज वाले सोयाबीन की कीमत ₹8000 से अधिक की बताई जा रही है। गत 3-4 वर्ष में जल्दी पकने वाली फसलों में नुकसान हुआ था लेकिन इस बार किसानों का देरी से पकने वाली सोयाबीन की बोवनी की ओर रुझान दिख रहा है। अच्छी गुणवत्ता का बीज 10 हजार रुपये प्रति क्विंटल के पार हो चुका है।
बोवनी के लिए चुन सकते हैं यह प्रजातियां
मालवांचल में पिछले चार दशक से सोयाबीन खरीफ की मुख्य फसल है और अब इसकी विभिन्न किस्में खोज ली गई हैं। जिससे किसान साथी उत्पादन कर अपनी आमदनी बढ़ा सकते हैं। सोयाबीन की बोवनी को लेकर ज्यादातर किसान शीघ्र पकने वाली प्रजाति जेएस-2079, 2059, जेएस-9560, 7322 व 2034 बोते हैं, जो 90 दिन में ही पककर तैयार हो जाती है।
जबकि देरी से पकने वाली सोयाबीन में एनआरसी-7, जेएस-9305, जेएस-2029 है, जो 110 दिन से ज्यादा का समय लेती है, किंतु पिछले कुछ वर्षों से सितंबर के अंत और अक्टूबर के प्रथम पखवाड़े में भी बारिश होने से अर्ली वैरायटी की सोयाबीन में किसानों को नुकसान हो रहा है। बीज की गुणवत्ता भी प्रभावित होती है। गीले खेत से निकालने में भी काफी मशक्कत करनी पड़ती है।
Also read आज का सरसो मंडी भाव Saros mandi bhav : MpMandiBhav
सोयाबीन की यह प्रजातियां बढ़ाएगी दोगुना आमदनी
सोयाबीन की यह प्रजाति औसत से अधिक बारिश के लिए सोयाबीन की जेएस-9305 सर्वोत्तम बताई जाती है। इस कारण इस वर्ष इसके बीज की किमत 10 हजार रुपये प्रति क्विंटल पार हो चुकी है जबकि दूसरे बीज आठ से नौ हजार रुपये प्रति क्विंटल में उपलब्ध है। 9305 प्रजाति मंडियों में ही आठ से साढ़े आठ हजार रुपये प्रति क्विंटल पहुंच गई थी। जिन खेतों में जलजमाव, गलतियां वाला खेत की स्थिति पैदा होती है, उसके लिए यह प्रजाति उत्तम होती है। अर्ली वैरायटी में तो 9560, 1025 आदि प्रचलन में है।
सोयाबीन बोने का रकबा बढ़ने की उम्मीद
मध्यप्रदेश में इस बार सोयाबीन का क्षेत्र बढ़ने की उम्मीद है क्योंकि अधिक बारिश के कारण मक्का व अन्य फसलें सीमित क्षेत्र में ही बोई जाएंगी। उद्यानिकी कृषि करने वाले किसान भी अनार, अमरूद, नींबू आदि के बीच में सोयाबीन लगा देते हैं। इधर, गत खरीफ सीजन में सोयाबीन के भाव 10 हजार रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंचने से लीज पर दी जाने वाली भूमि के दाम में भी 30 से 40 प्रतिशत तक वृद्धि हो गई थी।
बीज निगम की साख गिरी
Soybean bij & Bhav ke bare me Jane | मध्यप्रदेश में ज्यादातर संपन्न किसान प्रमाणित बीज लाकर बोते हैं और फिर दो-तीन साल तक ग्रेडिंग कर वही बीज अपनाते हैं। मालवांचल में सोयाबीन की अधिक बोवनी होने से कई निजी कंपनियां भी बीज तैयार करने लग गई हैं। ये कंपनियां जिन किसानों को बीज देती हैं, अच्छी गुणवत्ता होने पर ऊंचे दाम में उन्हीं से वापस खरीद भी लेती हैं।
यह उपक्रम पूर्व में शासन द्वारा स्थापित बीज निगम अपनाता था। लेकिन अब धीरे-धीरे बीज निगम के साथ गिरती जा रही है। कई बार सही समय पर बीज निगम बीज उपलब्ध नहीं करवा पाता जिसके कारण किसानों को निराश होना पड़ता है। किसानों की हमेशा से मांग रहती है कि खरीफ की मुख्य फसल सोयाबीन के बीज शासकीय स्तर पर भी उपलब्ध होने चाहिए, अन्यथा छोटे किसानों का शोषण होता रहेग
Also Read आज का maharastra GEHU मंडी भाव। maharastra GEHU Mandi bhav 23-05-2022 :MpMandiBhav