खरीफ सीजन बेहतर उत्पादन पाने के लिए फसलों की नई किस्मो की बुवाई, कम बजट में हुई किसानो की बल्ले बल्ले, अब होगा तगड़ा मुनाफा, देश के किसान अब इस खरीफ सीजन बेहतर उत्पादन पाने के लिए फसलों की नई किस्मो की बुवाई करते है। ताकि वह अच्छा मुनाफा कमा सके। ऐसे में आज हम आपके लिए मक्का की की उन्नत उन्नत किस्मो की जानकारी लेकर लाये है। जो आपको दुगना उत्पादन दे सकती है।
खरीफ सीजन बेहतर उत्पादन पाने के लिए फसलों की नई किस्मो की बुवाई, कम बजट में हुई किसानो की बल्ले बल्ले, अब होगा तगड़ा मुनाफा
खरीफ सीजन बेहतर उत्पादन पाने के लिए फसलों की नई किस्मो की बुवाई, कम बजट में हुई किसानो की बल्ले बल्ले, अब होगा तगड़ा मुनाफा
शक्ति-1 किस्म
यह मक्का की जल्दी पकने वाली किस्मों में से एक है। इस किस्म को पूरे भारत में उगाया जाता है। इसके दाने नारंगी सफेद रंग लिए हुए होते हैं। यह एक मध्यम समय में पकने वाली किस्म है। यह किस्म बुवाई के 90 से लेकर 95 दिन में तैयार हो जाती है। इससे 50 क्विंटल प्रति एकड़ तक का उत्पादन देने में सक्षम होती है।
एचएम – 11
यह देर से पकने वाली किस्म है, जिसे पकने में 95 से 120 दिन का समय लग सकता है। संकर मक्का की यह उन्नत किस्म कई रोगों के प्रति सहिष्णु है। इस किस्म की खासियत यह है कि यह अच्छी उपज देती है। इसके साथ ही संक्रमण प्रतिरोधी होने के कारण किसानों को इस किस्म की मक्का की खेती में लागत भी कम आती है। संकर मक्का की यह किस्म उत्तर प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़ आदि क्षेत्रों में प्रसिद्ध है। इस किस्म से किसान 70 से 90 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उत्पादन कर सकते हैं।
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गंगा-5 किस्म
देश में मक्का सबसे ज्यादा उगाई जाने वाली किस्म गंगा-5 है। इसके दाने पीले रंग के होते हैं। यह किस्म 90 से 100 दिन की अवधि में पककर तैयार हो जाती है। मक्का की यह किस्म से 50 से लेकर 60 क्विंटल तक का उत्पादन देने में सक्षम है।
एक्स 1174 डब्ल्यू.वी. किस्म
मक्का की यह किस्म एक्स 1174 डब्ल्यू.वी. को पककर तैयार होने में लगभग 80-85 दिन का समय लगता है। मक्का की इस किेस्म के दाने पीले नारंगी रंग के होते हैं। इस किस्म की मक्का 25 से 35 क्विंटल प्रति एकड़ तक उत्पादन दे सकती है। यह किस्म सिंचित क्षेत्रों के लिए उपयुक्त पाई गई है। मक्का की इस किस्म को पूरे भारत में उगाया जा सकता है। यह किस्म की खेती कर किसान बेहतर मुनाफा कमा रहे है।
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मक्का बुवाई करते समय इन बातो का रखना होगा विशेष ध्यान
- मक्का की बुवाई के समय मक्का की किस्म के अनुसार कतार व पौधों की दूरी रखनी चाहिए ।
- मक्का की जल्दी पकने वाली किस्मों के लिए लाइन से लाइन की दूरी 60 सेमी और पौधे से पौधे की दूरी 20 सेमी रखनी चाहिए।
- मध्यम अथवा देरी से पकने वाली किस्मों के लिए कतार से कतार की दूरी 75 सेमी और पौधे से पौधे की दूरी 25 सेमी रखनी चाहिए।
- यदि मक्का की खेती हरे चारे की फसल के रूप में की जा रही है तो चारे वाली फसलों के लिए कतार से कतार की दूरी 40 सेमी और पौधे से पौधे की दूरी 25 सेमी रखनी चाहिए।
- अगर आप इन सब बातो का ध्यान रखकर मक्का की खेती करते हो तो यह किस्मे आपको बेहतर मुनाफा देगी। साथ ही इन उन्नत किस्मो की खेती कर आपकी आय में भी दुगना मुनाफा होगा।
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