RBI Monetary Policy 2021 – आम आदमी को नही मिली राहत
RBI Monetary Policy (RBI)
RBI Monetary Policy भारतीय रिजर्व बैंक ने ब्ज्यज डरे नही घटाई है , आने वाले समय बढ़ सकती है महंगाई , रेजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) आज अपनी दो महीने मे होने वाली समीक्षा बैठक मे मौद्रिक नीति के नतीजो की घोषणा की है । RBI के गवर्नर शक्तिकान्त दास ने नतीजे को ऐलान क्लारते हुये कहा , रेपों और रिवर्स रेपों रेट मे बताया की कोई बदलाव नही किया है ।
उन्होने बताया की लोन की राहत मे कोई राहत नही मेलेंगी , अगर आप कोई निवेश करते है तो उसके उपर आपको अब कोई ज्यादा ब्याज नही दिया जाएंगा । अभी घोषणा मे रेपों रेट मे 4% और रिवर्स मे रेपों रेट 3.35% तक दिया जाना है ,RBI ने ब 9वी बार रेपों मे कोई बदलाव नही किया जाएंगा । देखा जाए तो रेपों रेट 2001 अप्रेल के बाद मे सबसे निचले स्टार पर चले गए है । 6 दिसंबर को RBI की मौद्रिक नीति समिति किबैठक शुरू हुई थी जो इस कैलेंडर मे सीमित आखरी बैठक थी ।
GDP का ग्रोथ का अनुमान 9.5 % बरकरार
RBI Monetary Policy RBI ने वित्तीय वर्ष 2021-22 के GDP ग्रोथ अनुमान 9.5% लगाया गया है ,एक्सपेर्ट ने बटाया की अर्थव्यवस्था मे रिकवरी और मजबूत करने केलिए कोई भी डरो मे बदलाव नही किया जाएंगा ।
RBI की वित्तीयवर्ष मे तीसरी GDP ग्रोथ मे 6.6% और चौथी तिमाही मे 6% रह सकती है ।
जनवरी 2022 मे बढ़ सकती है महंगाई
RBI Monetary Policy शक्तिकान्त दास ने बताया हाइकिमहंगाई हमारे पहले से ही अनुमान के मुताबित है रहेंगी है । अगर रबी की अच्छी फासले हुई तो आगे कीमतों मे कमी होंगी । सब्जियों की कीमतों मे भी कमी आ सकती है , लेकिन इस वर्ष की वित्तीय तिमाही जनवरी से मार्च पीक पर जाएंगी और हमंगाई को लेकर उसके बाद इसमे कमी आ सकती है ।
कोरोना के दूसरे लहर के झटके मे उबर रही है देश की इकोनोमी
RBI Monetary Policy RBI के वित्तीय वर्ष 2022 के लिए CPI इन्फेलेशन पर 5.3 % तक रहने का अनुमान बताया है । RBI के गवर्नर ने बताया की कोरोना की दूसरी लहर आने के बाद सेड़ेख की अर्थव्यवस्था कुछ डगमगा सी गई है , देश की इकॉनमी अभी तक उबर रही है , और उन्होने बताया की इसमे और तेजीया रही है , लेकिन यह लंबे समय तक नही हो सकती कुछ अनुमानो के अनुसार यह ज्यादा सामी तक नही रह सकती है,RBI के गवर्नर के अनुसार यह इकॉनमी रिकवरी लंबे समय तक बनी रह सकती है इसके लिए आपको पॉलिसी सपोर्ट का होना जरूरी है । इस तरह इकॉनमी पर बहुत गहरा असर दिखाई देता नजर आ रहा है ।
तेल की कीमतों मे बढ़ सकता है तेल की मांग
आरबीआई के गवर्नर ने बाते की इन आकड़ों से यह सुधरने के सनके मिल रहे है ,क्रषी संबन्धित सेक्टर मे मदद से ग्रामीणो मे मांग पर बहुत अधिक सुधार हो सकता है और होते दिख रहा है,तेल की एक्साइड ड्यूटि वैट मे कटौती की मांग मे बहुत अधिक्बधोती की संभावना हो सकती है ।
फीचर फोन के लिए तैयार होंगा UPI सिस्टम
RBI Monetary Policy RBI के गवर्नर ने बताया की डिजिटल पेमेंट पर विभिन्न चार्जेस लगाने के ऊपर एक एक्सपेर्ट स्टडि कर रहे है जिसके अनुसार उस पर कुछ वुभिन्न प्रकार के चर्गेस लगाने की तैयारी ए है । डिजिटल पेमेंट को अधिक लोगो तक पाहुचाने के लिए आरबीआई के द्वारा एक आँय UPI सिस्टम तैयार किया जाना है , जिसके तहत पेमेंट सिस्टम तैयार किया जाना है जिसके तहत फिर चार्जेस लगाए जाएंगे , सिस्टम पेमेंट रिटेल डायरेक्ट जिसेक और आईपीओ मे यूपीआई से पेमेंट करने के लिए आरबीआई ने इसके लिए बढ़त करते हुये है , अब उसकी लिमिट 2 लाख से बढ़ाकर 5 लाख तक कीकी जाएंगी ।
रेपों और रिवर्स रेपों रेट क्या है ?
रेपों रेट उसे कहा जाता है , जिस पर रिजर्व बैंको को बैंकको को कर्ज दिया जाता है उसे रेपों रेट कहा जाता है ।
रिवर्स रेपों रेट उसे कहा जाता है , यानि की रेपों रेटका उल्टा होता है , रिवर्स रिपो रेट वह दर होती है , जो बैंको को रिजर्व बैंक के पास अपना पैसा रखने के उपर उसे बजाय दिया जाता है । उसे रेपों रेट कहा जाता है ।
आरबीआई RBI Monetary Policy देश का सबसे बड़ा केंद्रीय बैंक है , यह देश की और सभी बैंक की इकोनोमी को कंट्रोल करता है , जिसकी स्थापना 1 अप्रेल 1935 को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के एक्ट 1934 के तहत की गई थी ।
बता दे की आरबीआई के गवर्नर केंद्र मे मंत्री भी रह चुके है । सीडी देशमुख ईबीआई के तीसरे गवर्नर भी रहे है और केंद्रीय वित्त मंत्री भी बने है । 15 वे गवरर्नर देश के प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह रहे ।
आरबीआई का लोगो शेर वाला है जो ईस्ट इंडिया के डबल मुहर वाला प्रेरित किया गया है , जिसमे की थोड़ा सा बदलाव भी किया गया है , अगर आपने अच्छी तरह देखा होंगा तो लोगो मे शेर के साथ पाम का भी पेड़ भी दिया गया था ।
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