PM Fasal Bima Yojana : सरकार ने जारी की फसल बीमा की लिस्ट, इस तारीख को डलेंगे सभी किसानो के खातों में फसल बीमा की राशि भारत में लगभग 60 प्रतिशत आबादी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कृषि पर निर्भर है. वही, तकनीक के इतने विकास के बाद भी ज्यादातर किसान वर्षा आधारित कृषि पर निर्भर रहते हैं. ऐसे में कई बार अचानक होने वाली भारी बारिश, सूखा, तूफान या किसी अन्य तरह की प्राकृतिक आपदा की वजह से फसलों के खराब होने का खतरा बना रहता है. इसका पूरा नुकसान किसानों को उठाना पड़ता है. इन्हीं समस्याओं के मद्देनजर प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की शुरुआत की गई है, जो इस स्थिति में उनको वित्तीय सहायता प्रदान करती है. हालांकि, इसके लिए किसानों को प्रीमियम देना पड़ता है. वहीं ओडिशा के किसानों को अब अगले तीन सालों तक फसल बीमा का प्रीमियम अब नहीं देना पड़ेगा।
क्या है PM Fasal Bima Yojana
आपकी जानकारी के लिए बता दे की बारिश, तापमान, पाला, नमी आदि जैसी स्थिति में किसानों को बहुत ज्यादा नुकसान होता है. इससे बचने के लिए किसान को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के तहत बहुत कम पैसे या प्रीमियम देकर अपनी फसल का बीमा करवाने की सुविधा मिलती है. बीमा कवरेज के तहत अगर बीमित फसल खराब हो जाती है तो इसकी पूरी भरपाई बीमा कंपनी द्वारा की जाती है।
कब तक डलेंगी किसानो के खातों में राशि
जैसा की आप सभी इस बात से अवगत है की इस वर्ष रबी मौसम में बेमौसम बारिश एवं ओला वृष्टि एवं खरीफ सीजन में अधिक वर्षा, बाढ़ तथा जल भराव से किसानों की फसलों को काफी अधिक नुकसान हुआ था, ऐसे में जिन किसानों ने फसलों का बीमा कराया था वह किसान आज भी बीमा राशि की राह देख रहे हैं। इस बीच हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री जे पी दलाल ने किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत इंश्योरेंस कंपनियों को निर्देश दिए कि अगले 10 दिनों में पात्र किसानों के खातों में मुआवजे की राशि भेज दी जाए।
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तीन इंश्योरेंस कंपनी द्वारा किसानों को दिए गए मुआवजे
आपको बता दे की कृषि मंत्री ने खरीफ 2023 सीजन में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत नामांकित किसानों के फसल खराबे के कारण हुए नुकसान के मुआवजे के संबंध में वरिष्ठ अधिकारियों तथा इंश्योरेंस कंपनियों के स्टेट हेड के साथ समीक्षा बैठक की। बैठक में राज्य की तीन इंश्योरेंस कंपनी द्वारा किसानों को दिए गए मुआवजे की समीक्षा की गई।