PM Fasal Bima Yojana: किसानो की हो गयी मौज, फसल बीमा की राशि आने लगी सबके खातों में हमारे देश के किसानों का सब कुछ उनकी खेती-बाड़ी ही है, जिसके भरोसे पर ही उनके सभी दैनिक जीवन के खर्च पुरे होते है। किसान अपनी जमा पूंजी लगाकर फसल उगाते है, जिससे फसल उत्पादन कर उसे बेचकर उनकी आमदनी हो सके, लेकिन कई बार तेज गर्मी, अधिक बारिश व अन्य प्राकृतिक आपदाओं के कारण इनकी फसल खराब हो जाती है, जिससे किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ता है।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना
आपकी जानकारी के लिए हम आपको pm फसल बिमा योजना की कुछ जानकारी देते है वर्ष 2016-17 में केंद्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY Yojana) की शुरुआत की गई थी। PM फसल बीमा योजना के अंतर्गत प्राकृतिक आपदाओं जैसे ओलावृष्टि, तूफान, चक्रवात, टोर्नेडो, सूखा, भूसंखलन, बाढ़, अधिक गर्मी के कारण आग का लगना, बिजली कड़कने से आग लगना आदि के कारण किसानों के फसल बर्बाद होने पर किसानों को उनके फसल के नुकसान के पैसे दिये जाते है। PM Fasal Bima Yojana के अंतर्गत खाने की फसलें, तिलहन फसलें, कपास, आलू और गन्ना आदि फसलें आती है ।
पीएम फसल बीमा योजना कैसे डलेंगे पैसे
केंद्र सरकार द्वारा प्रत्येक राज्य में किसानों को फसल बीमा योजना से जुड़ने का आग्रह किया जा रहा है। इसी दिशा में सरकार द्वारा उन सभी किसानों को PM Fasal Bima Yojana के अंतर्गत आवेदन अनिवार्य किया है। जो KCC (किसान क्रेडिट कार्ड लोन) योजना से जुड़े हुए हैं। इसके अतिरिक्त गैर ऋणी किसानों को भी इस योजना से जुड़े जाने का आग्रह किया जा रहा है। हालांकि इनके लिए यह योजना वैकल्पिक है। पीएम किसान योजना के अंतर्गत किसानों को मात्र 2% प्रीमियम राशि का भुगतान करना होता है। इसके अतिरिक्त जो भी प्रीमियम राशि होगी उसका भुगतान केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा। जिन किसानों ने पीएम फसल बीमा योजना के अंतर्गत आवेदन किया है। उन सभी की राज्य अनुसार सूची हम नीचे दे रहे हैं। इस सूची को आप PDF में देख सकते हैं।
ये भी पढ़िए- इतिहास में पहली बार सरिया सीमेंट की कीमतों में जबरदस्त गिरावट, एक क्लिक में देखिए आज की ताजा कीमते
पीएम फसल बीमा योजना के लिए महत्वपूर्ण दस्तावेज
यदि आप भी पीएम फसल बीमा योजना 2023 का लाभ उठाना चाहते है तो इसके लिए आपको कुछ दस्तावेजों की जरूरत पड़ती है जिसके बारे में हम आपको बताते है।
- आधार कार्ड
- वोटर कार्ड
- पैन कार्ड
- किसान की फ़ोटो
- खेत का खसरा नंबर
- एड्रेस प्रूफ
- सरपंच या पटवारी से खेत में बुआई होने का एक प्रमाण पत्र
- यदि किसान किसी दूसरे के खेत में खेती करता है तो किसान और खेत के मालिक के बीच करार के प्रमाणपत्र की फोटोकॉपी जिसमें खेत का खसरा नंबर साफ साफ लिखा रहना चाहिए, बैंक खाता और एक कैंसल चेक।