जैविक खेती विधि से फसलों की रक्षा रोग एवं कीटों से कैसे करें . हम सब जानते हैं कि आज के समय में जैविक खेती जोरों से चल रही है। क्योंकि आज हर कोई प्राकृतिक की ओर भागता जा रहा है क्योंकि प्राकृतिक में ही हमारा जीवन है और हमारे जीवन की आगे बढ़ने की वृद्धि की गति है। आज के समय में जैविक खेती की मांग दिनों-दिन बढ़ती जा रही है।
आपको बता दें तो, कि कीट नाशकों के अनियंत्रित प्रयोग से तथा अनुशंसा के बिल्कुल ही विपरित उपयोग से अनेक दिक्कतें सामने आ रही है.
जैसा कि हम सब देख सकते हैं,कीटों के अंदर प्रतिरोधी शक्ति का विकास होता जा रहा है, साथ ही वह परजीवी भी हो रहे हैं, सबसे बड़ा क्षति यह है कि परभक्षी मित्र कीटों का नाश तथा कीटनाशकों के उपयोग से खेती की लागत में भी वृद्धि हो रहा है , साथ ही भूमि तथा जल प्रदूषित होने से पर्यावरण को बहुत ज्यादा नुकसान हो चुका है।
जैविक विधि के जरिए कीट को नियंत्रण करने में काश्त लागत व्यय को कम करने की कोशिश की जा सकती है , तथा किसानों द्वारा इसे आराम से अपनाया जा सकता है।
गर्मी में करे गहरी जुताई।
अगर आप अपने खेत को जैविक खेती के जरिए किसानों से बचाना चाहते हैं तो गर्मी के समय में गहरी जुताई करें जिसकी वजह से आप के किटाणो के जो अंडे हैं वह बाहर आएंगे, और जैसे ही आप गहरी जुताई करते हैं तो जो भी कीटाणु होते हैं आपके खेत में वह सारे बाहर आते हैं जिसकी वजह से उन्हें पक्षियों द्वारा आराम से नष्ट कर दिया जाता है।
मेढो की करें अच्छी तरीके से सफाई।
आपको बता दे तो, बहुत सारे कीट खेतों में अपना बसेरा बनाते हैं और ज्यादातर इनका बसेरा. इन मेंढ़ों की खरपतवार पर रहता है। अतः यह सुनिश्चित जरूर करें की आप समय-समय पर इसकी सफाई आवश्यक रूप से करें।
इसकी सफाई करने के लिए आप कभी भी कच्चे गोबर का प्रयोग खेतों में बिल्कुल भी ना करें, आपके जानकारी के लिए बता दे तो, कच्चे गोबर से दीमक का बहुत ही ज्यादा असर होता है।
अगर कोई पौधा, किसी भी रोग से क्षतिग्रस्त हो रहा है तो उसकी नियमित-रूप से चुनाई कर अच्छे से जला देना चाहिये।
फसल चक्र है एक अच्छा तरीका।
अगर आप अपने खेतों को कीटों से बचाना चाहते हैं, तो एक बात का खास ध्यान रखें वह यह है कि हमेशा अपने खेत में एक ही तरह की फसल की उपज ना करें फसल को बदल बदल कर अपने खेतों में लगाएं ।
और उसकी उपज करें और साथ में एक बात और ध्यान में रखें कि लंबे फसल चक्र वाला ही फसल लगाएं जिससे कि कीटों का प्रभाव आपके फसलों पर ना पड़े।
हमेशा संतुलित रासायनिक खाद का उपयोग करें।
आपको बता दें तो अगर आपको एक अच्छी खेती करनी है, तो हमेशा एक संतुलित रासायनिक खाद का उपयोग अवश्य करें क्योंकि वही आपके फसल को कीटों से बचाएगा।
और हर फसल में अलग अलग तरीके के रसायनिक खाद की जरूरत पड़ती है और उसके मात्रा में भी थोड़ा बहुत इजाफा होता है फसल के अनुसार तो इन चीजों को खास ध्यान में रखकर ही आप किसी भी रसायनिक खाद का उपयोग करें अपने उपज हुए फसल के लिए।
जैसे कि आपको बता दे कुछ फसलों का उदाहरण लेकर –
नाइट्रोजन गन्ने में अधिक देने पर पायरिल्ला कीट का प्रकोप अधिक होता हैं ।
धान में नत्रजन अधिक देने पर सफेद/भूरी माहू तथा तना छेदक का प्रकोप ज्यादा होता है।
फसल की उपज करने से पहले इसकी जानकारी जरूर रखें, कीट व्याधि होने पर नाइट्रोजन का प्रयोग बिल्कुल भी नहीं करें तथा पोटाश खाद को अतिरिक्त मात्रा एक बार जरूर डालें इससे एक मुनाफा होगा आपको कि आप के फसल में कीट लगने की जो डर है वह बहुत ही ज्यादा कम हो जाएगी।
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