पिछले लगभग 3 महीनों से प्याज के काम दामों के कारण महाराष्ट्र के किसानों के लिए थोड़ी राहत भरी खबर आ रही है। कई मंडियों में न्यूनतम तो कई जगह औसत भावों में सुधार आया है।महाराष्ट्र स्टेट एग्रीकल्चर बोर्ड के अधिकारियों के अनुसार नागपुर मंडी में 11 जून को प्याज का न्यूनतम दाम 800 रुपये प्रति क्विंटल वही अधिकतम 1200 रुपये तक रहा. इसी तरह नासिक के कलवन में अधिकतम दाम 2050 तो औसत 1400 रुपये तक रहा. सांगली में न्यूनतम दाम 500, अधिकतम 1700 जबकि औसत रेट 1100 रुपये प्रति क्विंटल तक रहा. दाम में आए इस सुधार देख मायूस किसानों के चेहरे पर मुस्कुराहट लौटने लगी है. अब किसानों को उम्मीद है कि जल्द ही हालात बदलेंगे और पहले की तरह उनकी कमाई भी पटरी पर लौटेगी. किसानों का कहना है कि जब प्याज का दाम (Onion Price) 30 रुपये प्रति किलो पर आ जाएगा तब जाकर असल में उनको राहत मिलेगी.
जानकारी के लिए बता दे कि महाराष्ट्र देश का सबसे बड़ा प्याज उत्पादक राज्य है. यहां देश का लगभग 40 फीसदी प्याज का उत्पादन होता है. लेकिन पिछले कुछ महीने से प्याज के गिरते भावों के चलते यहां के करीब 15 लाख किसान गहरे संकट में थे. उन्हें कहीं 50 पैसे तो कहीं 75 पैसे और 1-2 रुपये तक का ही भाव मिल रहा था. हालात ये हो गए थे कि किसानों को अपने प्याज़ को फेंकना या फिर मुफ्त में ही बांटने पड़ रहा था. खेतों से मंडी तक उपज ले जाने तक का खर्चा भी नहीं निकल पा रहा था. उल्टे कुछ जगहों पर किसानों को मंडी तक माल पहुंचाने का पैसा अपनी जेब से भुगतना पड़ गया था.
ये भी पढ़ें ; Wheat Price: तुर्की से वापसी के बाद भी ऑनलाइन मंडी में रिकॉर्ड तोड़ रहा गेहूं का भाव
ये भी पढ़ें ; देश में नैनो यूरिया के बाद अब नैनो डीएपी,किसानों को बोझ से मुक्ति और कम खर्च में मिलेगा ज्यादा उत्पादन
फिर किसानों ने किया स्टोरेज पर जोर
जिन किसानों के पास स्टोरेज की अच्छी सुविधा है उन लोगों ने अपने प्याज़ का स्टॉक करके रखना उचित समझा . हालांकि ज्यादातर किसानों के पास प्याज़ स्टोरेज की सुविधा नहीं होने के कारण उन्हें कम क़ीमत में प्याज़ बेचना ही पड़ा है. इतने कम दाम को लेकर किसान लगातार सरकार के खिलाफ सवाल उठा रहे थे कि सरकार क्या कर रही है.
इसके बाद नाफेड (NAFED) के डायरेक्टर अशोक ठाकुर ने कहा था कि इस साल उनकी खरीद 2.5 लाख टन से बढ़ाकर 4 लाख टन तक किया जा सकता है. खरीद 11-12 रुपये से बढ़ाकर 18 रुपये प्रति किलो तक के रेट पर भी हो सकती है. माना जा सकता है कि इसकी वजह से भी बाजार कुछ दबाव में आया है. पुणे में अच्छी गुणवत्ता वाला प्याज मात्र 16 से 17 रुपये प्रति किलो बिक रहा है.
किसानों ने दामों को लेकर क्या कहा?
महाराष्ट्र प्याज़ उत्पादक संगठन के अध्यक्ष भारत दिघोले का कहना है कि इस समय प्याज़ की कीमतों में 1 से 2 रुपये की मामूली बढ़ोतरी देखने को मिली है. यही सिलसिला कायम रहेगा तो किसानों के लिए अच्छा होगा. सभी मंडियों में दाम में तेजी दर्ज हुई है. यह काफी अच्छा संकेत है. लेकिन अब भी पिछले साल के मुकाबले प्रति किलो 10 रुपये तक कम रेट है. अभी जो रेट मिल रहा है उससे अधिक तो लागत मिल रही है, फिर भी हमें खुशी है कि मार्केट में किसानों के लिहाज से कुछ सुधार शुरू तो हुआ है.
मॉनसून में प्याज की कीमतों में तेजी के संकेत
गर्मी के मौसम में प्याज के रिकॉर्ड उत्पादन के कारण पिछले दो महीने से प्याज की ज्यादा आवक जारी है. हालांकि बाजार में मांग कम होने के कारण प्याज की कीमतों में दिन-ब-दिन गिरावट भी जारी थी. लेकिन अब कुछ किसानों को उम्मीद है कि जिन्हें बेचना था वो बेच चुके इसलिए अब दाम में सुधार की ही बारी है. मॉनसून के दौरान प्याज की आवक भी मंडियों में कम हो जाती है. सिर्फ भंडारण की सुविधा वाले किसान उसे मंडी में ले जाते हैं. इसलिए अब दाम में इजाफा अवश्य होगा.