पिछले कुछ समय सेकिसान Mushrooms मशरूम की खेती करते आ रहे हैं, और इनको Mushrooms मशरूम की खेती करने में बहुत ही दिलचस्पी बढ़ती ही जा रही है। साथ ही साथ Mushrooms मशरूम की खेती से आर्थिक सुधार में भी मदद मिलती है। अगर आप कुछ बातों का ध्यान रखें तो वह बाजार में Mushrooms मशरूम के दाम बहुत ही अच्छे मिल जाते हैं।
अधिकतर राज्यों में किसान Mushrooms मशरूम की खेती करके बहुत ही अच्छी रकम कमा लेते हैं। Mushrooms मशरूम की खेती में कम जगह और कम समय लगता है साथ ही साथ इसकी खेती में बहुत ही कम लागत भी लगती है। लेकिन Mushrooms मशरूम का मुनाफा बहुत ही ज्यादा होता है। अगर आप भी Mushrooms मशरूम की खेती करना चाहते हैं तो कृषि विज्ञान केंद्र या फिर कृषि विश्वविद्यालय में प्रशिक्षण प्राप्त कर सकते हैं।
Mushrooms मशरूम की खेती कैसे करें
अगर आप भी मशरूम की खेती करना चाहते हैं तो आपको यह जानना बेहद जरूरी है कि इसकी खेती किस प्रकार की जाती है। आपको बता दें कि उत्तरी भारत में सफेद बटन मशरूम की मौसमी खेती करने के लिए अक्टूबर से मार्च तक का समय बहुत ही अच्छा माना जाता है। इसी दौरान मशरूम की दो फसलें उगाई जा सकती हैं। अगर आप बटन मशरूम की खेती करना चाहते हैं तो इसके लिए अनुकूल तापमान 15 से 22 डिग्री सेंटीग्रेट अवश्य होना चाहिए। इसी के साथ साथ सापेक्षिक आद्रता 80 से 90% अवश्य ही होनी चाहिए।
सफेद बटन मशरूम की खेती करने के लिए स्थाई व अस्थाई दोनों ही रूप में सेड का प्रयोग कर सकते हैं। जो भी किसान आर्थिक समस्याओं से जूझ रहे हैं वह बांसिया धान की पौध से बने अस्थाई सेड या फिर झोपड़ी का भी उपयोग कर सकते हैं।
मशरूम कितने प्रकार की होती हैं
पूरे विश्व में खाई जाने वाली मशरूम लगभग 10000 प्रजातियों में मिल जाती है। जिनमें से 70 प्रजातियां कृत्रिम खेती के लिए उपयोग में आती हैं। बता दें कि भारत में भी मशरूम की प्रजातियों की खोज हो चुकी है। लेकिन भारत में तीन प्रकार के ही मशरूम अच्छे माने जाते हैं।
1. बटन मशरूम
2. सीप मशरूम
3. धान पुआल मशरूम
मशरूम की खेती में कितना खर्चा आता है
जैसा कि हमने आपको शुरुआत नहीं बताया कि अगर आप मशरूम की खेती करते हैं तो आपको लागत से ज्यादा मुनाफा होता है। अगर किसान मशरूम की खेती पर एक लाख रुपए खर्च कर देते हैं तो वे अच्छा-खासा मुनाफा कमा सकते हैं। अगर आप 1 किलो मशरूम की खेती करते हैं तो करीब 25 से 30 किलो रुपए का खर्चा आ जाता है। अगर बाजार में मशरूम की देखी जाए तो वहां पर 250 से ₹300 किलो की बिक्री होती है। अगर आप किसी बड़े शहर या फिर बड़े होटल या रेस्टोरेंट पर मशरूम की सप्लाई करते हैं तो कम से कम आपको ₹500 प्रति किलो तक भी मुनाफा हो जाता है।
मशरूम की फसल कितने दिनों में होती है तैयार
मशरूम की फसल की बात करें तो यह है 2.5 से 3 महीने में तैयार हो सकती है। पूरे भारत में इसका उत्पादन हो सकता है। प्रजातियों के हिसाब से सभी के तापमान अलग-अलग होते हैं। इसलिए मशरूम को पूरे वर्ष में कभी भी उगाया जा सकता है।
Mushrooms मशरूम के बीज के दाम
मशरूम बहुत ही मशहूर मानी जाती है। बाजारों में इसकी बहुत ज्यादा मांग होती है। भारत और विदेशों के होटलों में मशरूम से अलग अलग तरह की डिश तैयार की जाती है। अगर जिस भी मशरूम के बीच में गुणवत्ता की कमी है वह बीज ₹12000 प्रति किलो के हिसाब से बिकता है। और बात करें सबसे अच्छी क्वालिटी वाले बीच की तो वह ₹30000 प्रति किलो के हिसाब से बाजारों में बिकता है।
बाजारों में बढ़ती जा रही है मशरूम की मांग
बहुत लोग पहाड़ों पर जाकर मशरूम की तलाश करते हैं साथ ही साथ इसको बेचने के लिए लेकर आते हैं। इससे जो भी कमाई होती है उसे किसानों को बहुत ही आर्थिक सहायता मिलती है। लेकिन अगर किसान पहाड़ों पर इस मौसमी मशरूम को खोजते हैं तो यह चुनौती भरा है। कई बार वहां पर गए हुए किसानों पर जंगली जानवर हमला भी कर देते हैं।
कुछ रिपोर्ट के मुताबिक पहले के समय में गुच्छी मशरूम का उपयोग स्थानीय स्तर पर सब्जी के तरह किया जाता था। लेकिन पिछले 10 वर्षों से इसकी डिमांड पूरे दुनिया में बढ़ती ही जा रही है। इसी कारण से इसकी कीमतों में तेजी से बढ़ोतरी होती जा रही है। भारत में मिलने वाले गुच्छी मशरूम को 80 से 90% तक एक्सपोर्ट कर दिया जाता है।
मशरूम की खेती का रखें इस तरह ख्याल
क्या आपने कभी सोचा है कि मशरूम की खेती में इतना कंपटीशन क्यों नहीं है क्योंकि मशरूम की खेती को बहुत ही देखभाल के साथ किया जाता है। अगर आपको मशरूम की खेती करनी है तो उसके लिए सबसे जरूरी होता है तापमान। इसे 15 से 22 डिग्री सेंटीग्रेट के बीच में उगाया जा सकता है इससे ज्यादा तापमान होने पर फसल खराब हो जाती है।
मशरूम की खेती के लिए फसल में 80 से 90 फीसदी जमीन जरूर होनी चाहिए। अगर आप अच्छा मशरूम उगाना चाहते हैं तो उसके लिए कंपोस्ट का होना बेहद जरूरी है। साथ ही साथ इस बात का जरूर ध्यान रखें कि आप पुराने बीजों का इस्तेमाल ना करें क्योंकि इसका असर उत्पादन पर भी हो सकता है। साथ ही साथ इस बात का भी ख्याल रखें कि जब ताजा मशरूम उगता है तो उसकी कीमत ज्यादा होती है, इसलिए जब भी मशरूम तैयार हो जाए वैसे ही उसको बेच दे।
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