बाजरे की खेती | बाजरा की फसल में बीज दर | बाजरा की खेती का समय | बाजरा की खेती | bajre ki kheti | bajre ki fasal | bajra kaisa hota hai | बाजरा की उन्नत किस्में | हाइब्रिड बाजरा का बीज | बाजरा की खेती राजस्थान | गर्मी में बाजरे की खेती | बाजरा में खरपतवार की दवा | बाजरे की खेती कैसे करें | बाजरा की खेती मध्यप्रदेश
देश के शुष्क और अर्ध शुष्क क्षेत्रों मे खरीफ की फसलों मे जानी मानी है बाजरे की खेती | बाजरे की फसल कम लागत और बिना सिचाई वाली फसल मानी जाती है | देश मे बाजरा अधिकतर देशी प्रजातियों को बोया जाता है लेकिन किसान भाइयों अच्छी उपज लेने के लिए आज के समय उन्नतशील प्रजातियों का चयन कर रहा है | आज के समय बाजार मे शंकर बाजरा यानि हाइब्रिड बाजरा जैसी किस्मो मे कई बाजरा की उन्नत किस्में मिलती है –
बाजरे का वैज्ञानिक नाम – Millet
बाजरा की खेती की जानकारी –
कम वर्षा वाले स्थानों के लिए यह एक बहुत ही अच्छी फसल है – बाजरा एक प्रकार से खरीफ की फसल है जो देश के शुष्क क्षेत्रों मे बहुत की जाती है | इस खेती मे कोई विशेष ज्ञान और देख -रेख की आवश्यकता नहीं होती है, लेकिन बुआई सही समय और बाजरे की सही किस्मो का चयन करें |
देश के शुष्क तथा अर्ध-शुष्क क्षेत्रों में यह प्रमुख खाद्य फसल है | साथ ही पशुओं के पौष्टिक चारा उत्पादन के लिए भी बाजरे की मुख्य खेती की जाती है | तो आइए जानते है बाजरे की खेती की सम्पूर्ण जानकारी –
bajre ki fasal मे जलवायु और भूमि ?
बाजरा की खेती के लिए शुष्क जलवायु अनुकूल मानी जाती है | बाजरा शुष्क जलवायु अर्थात कम वर्षा वाले क्षेत्रों में सफलतापूर्वक की जा सकती है |
खेत की मृदा की बात करें तो इसके लिए हल्की या दोमट बलुई मिट्टी उपयुक्त होती है | यह बरसात की फसल है इसके भूमि का जल निकास उत्तम होना चाहिए | 40 से 50 सेंटीमीटर वार्षिक वर्षा वाले क्षेत्रों में इसकी खेती सफलतापूर्वक की जा सकती है |
बाजरा की उन्नत किस्में ?
अच्छी उपज प्राप्त करने के लिए बाजरे की उन्नतशील प्रजातियों का शुद्ध बीज ही बोना चाहिए जैसे संकुल प्रजातियों में
- आई.सी.एम्.बी 155
- डब्लू.सी.सी. 75
- आई.सी.टी.बी. 8203 एवम राज 171 है |
- संकर प्रजातियों में पूसा 322
- पूसा 23 एवम आई.सी ऍम एच्. 441
- पायोनियर बाजरा बीज 86m90
- पीओनिर 86 एम 88 और 86 एम 84 / Pioneer 86M88 or 86M84
- Bayer 9444 / बायर 9444 हाइब्रिड बाजरा का बीज
- Kavri supar Boss / कावेरी सुपर बॉस हाइब्रिड बाजरा का बीज
- HHB -66 / एच -एच -बी 66 हाइब्रिड बाजरा का बीज
- Rasi 1827 हाइब्रिड बाजरा का बीज
- Shri Ram 8494 हाइब्रिड बाजरा
- MH -169 / PUSA 23 हाइब्रिड बाजरा
- RHB -121, 127 हाइब्रिड बाजरा का बीज
- MPMH -17 हाइब्रिड बाजरा का बीज
- NANDI -70,72 हाइब्रिड बाजरा का बीज जैसी आदि है| – विस्तृत जानकारी के लिए – टॉप बाजरा सीड्स
बाजार की फसल के लिए खेत की तैयारी ?
bajre ki fasal के लिए पहली जुताई मिट्टी पलटने वाले हल से तथा दो-तीन जुताई देशी हल या कल्टीवेटर से खेत को अच्छी तरह भुरभुरा बनाकर पाटा लगाना चाहिए | आख़िरी जुताई में 100 से 125 कुंतल सड़ी गोबर की खाद खेत तैयारी के समय ही अच्छे तरह मिला देनी चाहिए |
बाजरा की खेती का समय –
बता दे की किसान भाइयों बाजरे की बुआई का उत्तम समय 15 जुलाई से लेकर 20 अगस्त तक ठीक माना जाता है | वेसे बारिश के आगमन पर भूमि मे अच्छी नमी आने पर बुआई कर सकते है |
बाजरे की बुवाई मध्य जुलाई से मध्य अगस्त तक कर देना चाहिए| बुवाई 50 सेंटीमीटर लाइन से लाइन की दूरी पर 4 सेंटीमीटर गहराई पर करना चाहिए | इसकी बुवाई छिड़काव विधि से भी कर सकते है।
बाजार की खेती में बीज की मात्र- बीज बुवाई –
बाजरा की खेती में बीज की मात्रा कितनी प्रति हेक्टेयर पड़ती है तो इसके लिए बीज की मात्रा 4 से 5 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर बीज उत्तम रहता है | यदि बाजरा बीज उपचारित नहीं है तो बोने से पहले एक किलोग्राम बीज को थीरम 2.5 ग्राम से शोधित कर लेना चाहिए |
bajre ki kheti मे खाद और उर्वरक –
100 से 125 कुंतल गोबर की सड़ी खाद खेत की तैयारी के समय आख़िरी जुताई में मिला देना चाहिए | उर्वरको का प्रयोग भूमि परीक्षण के आधार पर करना चाहिए | यदि भूमि परीक्षण नहीं कराया है तो संकर प्रजातियों के लिए 60 से 100 किलोग्राम नत्रजन, 40 किलोग्राम फास्फोरस एवम 40 किलोग्राम पोटाश तथा देशी या हाइब्रिड बाजरा बीज प्रजातियों के लिए 40 से 50 किलोग्राम नत्रजन, 25 किलोग्राम फास्फोरस एवं 25 किलोग्राम पोटाश प्रति हेक्टेयर प्रयोग करते है |
फास्फोरस एवम पोटाश की पूरी मात्रा तथा नत्रजन की आधी मात्रा बुवाई से पहले बेसल ड्रेसिंग द्वारा तथा शेष आधी नत्रजन की मात्रा टाप ड्रेसिंग के रूप में बुवाई के 25 से 30 दिन बाद खड़ी फसल में देना चाहिए |
बाजरा की सिंचाई कब करनी चाहिए ?
बाजरा ऐसी फसल है की जिसको कम पानी की आवश्यकता होती है | वर्षा ऋतू में बुवाई के कारण वर्षा का ही पानी पर्याप्त होता है | लेकिन वर्ष न होने फसल में फूल आने पर एक या दो सिंचाइयां आवश्यकतानुसार करनी चाहिए | जल निकास का प्रबंधन अति आवश्यक है |
बाजरा में खरपतवार की दवा ?
बाजरे में कितनी बार निराई और गुडाई, छटाई यानी थिनिंग कब करनी चाहिए और खरपतवारों का जो नियंत्रण है वो हम किस प्रकार करे –
बाजरा की खेती के लिए निराई-गुडाई का अधिक महत्व है | पहली निराई-गुडाई बुवाई के 15 से 20 दिन बाद करनी चाहिए तथा दूसरी निराई-गुडाई 35 से 40 दिन बाद करनी चाहिए |
निराई-गुडाई करते समय पौधों को छटनी या थिनिंग आवश्यकतानुसार करनी चाहिए | यदि फसल में पथरचट्टा के अलावा अधिक खरपतवार जमाते है, तो बुवाई के एक-दो दिनों के अन्दर लासो 50 ई.सी. या एलाक्लोर 5 लीटर भूमि पर छिडकाव करना चाहिए जिससे खरपतवारों का जमाव ही न हो सके।
बाजरे की फसल में कौन-कौन से रोग और नियंत्रण ?
bajre ki fasal में रोग लगते है जैसे की बाजरे का अर्गट, बाजरे का कण्डुआ एव बाजरे की हरित बाली रोग है | इनके नियंत्रण के लिए बीज शोधन करके बुवाई करनी चाहिए एक ही खेत में लगातार बाजरा की फसल नहीं लेनी चाहिए |
रोग ग्रस्त पौधों को एव बालियों को निकाल देना चाहिए इसके साथ ही मैन्कोजेब या जिनेब 75 प्रतिशत या जीरम 80 प्रतिशत घुलनशील चूर्ण 2 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर के हिसाब से प्रयोग करना चाहिए |
बाजरे की फसल में कौन-कौन से कीट और उनकी रोकथाम ?
बाजरे की फसल में कई तरह के कीटों का प्रकोप होता है जैसे की तन छेदक, प्ररोह मख्खी, पत्ती लपेटक, माहू आदि है | इनके नियंत्रण हेतु खेत में पुराने पड़े अवशेषों को इकट्ठा करके जला देना चाहिए |
बीज शोधन करके बोना चाहिए इसके साथ ही फैनीटोथ्रियान 50 ई.सी 1 लीटर या क्यूनालफास 25 ई.सी. 2 लीटर या कर्बराल 50 प्रतिशत घुलनशील चूर्ण १.५ किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से प्रयोग करना चाहिए |
पत्ती लपेटक हेतु डाईकलोर्वास 70 ई.सी. 650 मिलीलीटर या क्लोरपैरीफास 20 ई.सी. 1 लीटर प्रति हेक्टेयर की दर से प्रयोग
करे |
हाइब्रिड बाजरा और सामान्य बाजरा का उत्पादन पैदावार ?
खेती मे सभी तरह की सुरक्षा और सावधानियां अपनाने के बाद हमें कितनी पैदावार प्राप्त हो जाती है –
संकुल बाजरा / देसी | इस बाजरा की पैदावार 15 से 22 कुंतल प्रति हेक्टेयर तक की उपज ली जा सकती है | |
हाइब्रिड बाजरा / संकर बाजरा | संकर बाजरा की प्रजातियों की पैदावार 25 से 30 कुंतल प्रति हेक्टेयर प्राप्त हो जाती है | |
बाजरा सबसे ज्यादा कहाँ होता है ?
भारत में बाजरा मुख्य रूप से राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात, मध्यप्रदेश, हरियाणा, आन्ध्र प्रदेश, कर्नाटक,उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु जैसे राज्यों में उगाया जाता है | भारत देश में लगभग 85 लाख हैक्टर क्षेत्र में बाजरा की खेती की जा रही है, जिसमें से 87 प्रतिशत क्षेत्र राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश एवं हरियाणा राज्यों में होती है |
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बाजरे का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य कौन सा है?
बाजरा राजस्थान में भारत के कुल क्षेत्र का 50 प्रतिशत तथा 1/3 भाग उत्पादकता का उत्पादन किया जाता है यानि की राजस्थान बाजरे का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है |
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चारा बाजरा की खेती ?
देश में कई ऐसे प्रगतिशील किसान है जो चारा बाजरा जिसे चरी बाजरी भी कहाँ जाता है | इस चरी बाजरे के बीज का मुख्य उधेश्य हरें चारे की पैदावार बढ़ाना है जिससे कई बार काटने के बाद फुटन वापस शुरू हो जाती है | ज्यादातर पशुपालन करने वाले किसान गर्मियों में चारा वाले बाजरे की खेती करते है |
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बाजरा की बुवाई कब की जाती है?
बता दे की किसान भाइयों बाजरे की बुआई का उत्तम समय 15 जुलाई से लेकर 20 अगस्त तक ठीक माना जाता है | वेसे बारिश के आगमन पर भूमि मे अच्छी नमी आने पर बुआई कर सकते है |
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बाजरा की खेती कहाँ-कहाँ होती है?
भारत देश में लगभग 85 लाख हैक्टर क्षेत्र में बाजरे की खेती की जा रही है, जिसमें से 87 प्रतिशत क्षेत्र राजस्थान, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, गुजरात, उत्तर प्रदेश एवं हरियाणा राज्यों में होती है |
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बाजरे की खेती कब होती है?
बाजरे की बुवाई मध्य जुलाई से मध्य अगस्त तक कर देना चाहिए| बुवाई 50 सेंटीमीटर लाइन से लाइन की दूरी पर 4 सेंटीमीटर गहराई पर करना चाहिए | वेसे बारिश के आगमन पर भूमि मे अच्छी नमी आने पर बुआई कर सकते है |
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बाजरे का सबसे अच्छा बीज कौन सा होता है?
अच्छी उपज प्राप्त करने के लिए किसानो का सबसे बड़ा सवाल होता है – बाजरा कौन सा बढ़िया है? इसके लिए किसान भाई –
पीओनिर 86 एम 88 , Bayer 9444, कावेरी सुपर बॉस, HHB -66, Rasi 1827
Shri Ram 8494
MH -169 / PUS23
RHB -121, 127
MPMH -17
NANDI -70,72 – जानिए टॉप 10 बाजरा बीज 2022 -
बाजरा की खेती के लिए सबसे अनुकूल मौसम कौन सा है?
बता दे की किसान भाइयों बाजरे की बुआई का उत्तम समय 15 जुलाई से लेकर 20 अगस्त तक ठीक माना जाता है | वेसे बारिश के मौसम आगमन पर भूमि मे अच्छी नमी आने पर बुआई कर सकते है-
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जवाहर और बाजरा कौन सी फसल है?
बाजरा और ज्वार दोनों ही खरीफ मौसम की प्रमुख धान्य फसल है, जो देश के शुष्क जलवायु वाले क्षेत्रों मे उगाई जाती है |
बाजरा खाने के क्या फायदे हैं?
बाजरा देश में प्रमुख रूप से मोटे और गर्म आनाज फसलों की श्रेणी में आता है, जिसकी ज्यादातर खपत और मांग नवम्बर से फरवरी तक रहती है | सर्दियों में बाजरा खाने से शरीर मजबूत और रोगप्रतिरोधक क्षमता बढती है |
बाजरा की खेती मध्यप्रदेश ?
mp में भी हर साल खरीफ की फसलों में दलहनी फसलों के आलावा बाजरे की फसल 2 लाख हेक्टेयर रकबे में बोई जाती है |
बाजरा फसल का उपयोग ?
यह फसल मुख्यतः खाद्यान सामग्री और इसके फसल अवशेष पशुचारे एव ईट भटों में काम में लिया जाता है |
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