मात्र 600 रूपये की कीमत में मिलेंगा अब Nano DAP, 1 बोरी का काम करेंगी DAP की यह 500ML की बोत्तल
मात्र 600 रूपये की कीमत में मिलेंगा अब Nano DAP, 1 बोरी का काम करेंगी DAP की यह 500ML की बोत्तल देश के किसानों को केंद्र सरकार ने अनमोल तोहफा दिया है। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने बुधवार को 500 मिली लीटर की तरल इफको नैनो डीएपी खाद राष्ट्र को समर्पित किया। इसी के साथ अब 45 किलो डीएपी के बोरे से निजात मिलेगी। अपने संबोधन में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उर्वरक खेती का अभिन्न अंग है। इसमें केवल पौधों के छिड़काव से ही उत्पादन की गुणवत्ता और मात्रा दोनों को बढ़ाने के साथ भूमि का संरक्षण भी हो सकेगा। जमीन की उर्वरता भी बनी रहेगी।
तरल यूरिया की दिया जाएगा बढ़ावा
आपको बता दे की उन्होंने किसानों से आह्वान करते हुए दानेदार यूरिया और डीएपी की जगह तरल नैनो यूरिया और डीएपी के प्रयोग को बढ़ावा देने को कहा। उन्होंने कहा कि इससे प्राकृतिक खेती की राह भी आसान होगी, क्योंकि यह केवल बीज और पौधे पर छिड़की जाती है। इससे मिट्टी के नीचे केचुओं की संख्या बढ़ाने में मदद मिलेगी। किसानों के लिए यह आज से ही उपलब्ध हो गई है। इस आयोजन में सोशल मीडिया के माध्यम से देश-विदेश से दो करोड़ लोग जुड़े, इसमें 3600 सहकारी समितियां, किसान, पंचायतें और हितधारक शामिल हैं।
इफ्को 90 लाख मीट्रिक उर्वरक का उत्पादन
आपको बता दे की अमित शाह जी ने कहा कि देश में हो रहे उर्वरकों के कुल उत्पादन के 384 लाख मीट्रिक टन में से 132 लाख मीट्रिक टन का उत्पादन सहकारिता समितियों द्वारा किया जाता है। इसमें से 90 लाख मीट्रिक उर्वरक का उत्पादन IFFCO ने किया है। यह भारत के आत्मनिर्भर संकल्प को हर दिन मजबूती प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि देश में सहकारिता की सफलता को इससे समझा जा सकता है। आज भी सहकारिता के माध्यम से 80 पैसा सीधा किसानों के खाते में जाता है।
मात्र 600 रूपये की कीमत में मिलेंगा अब Nano DAP, 1 बोरी का काम करेंगी DAP की यह 500ML की बोत्तल
600 रूपये की आएंगी नैनो डीएपी
आपकी जानकारी के लिए बता दे की इस तरल नैनो डीएपी की कीमत 600 रुपये रखी गई है, जबकि बोरे की कीमत 1,350 है। इससे किसान की लागत कम होगी, सब्सिडी घटेगी और उर्वरकों के प्रयोग में कमी आएगी। कृषि मंत्रालय ने पिछले महीने ही इसे मंजूरी दी है। देश के कई हिस्सों में बड़े पैमाने पर किसान इसका प्रयोग कर रहे हैं। अभी गुजरात की कलोल इकाई में इसका उत्पादन किया जा रहा है। यहां हर दिन 500 मिली लीटर की दो लाख बोतलों का उत्पादन किया जा रहा है।
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2021 में आया था NANO यूरिया
आपको बता दे की नैनो यूरिया भारत के कृषि क्षेत्र के विकास और प्राकृतिक खेती के लिए खासा सहायक साबित होगी। शाह ने कहा कि 2021 में नैनो यूरिया की मार्केटिंग शुरू की गई थी। मार्च 2023 तक 17 करोड़ नैनो यूरिया की बोतल तैयार करने का आधारभूत ढांचा तैयार हो गया है। इसमें मार्च 2023 तक 6.3 बोतलों का उत्पादन किया जा चुका है। नैनो यूरिया पहले से ही बाजार में उपलब्ध है। ऐसे में नैनो डीएपी के आने से आयात में भी कमी आएगी।