जाने कहा तक पहुंची मध्यप्रदेश में लाड़ली बहना योजना और क्या है इस योजना का हाल, जाने क्या है महिला वोटरों पर इसका असर इस योजना के तहत मध्य प्रदेश में 23 से लेकर 60 साल तक की उम्र वाली एक करोड़ 25 लाख महिलाओं के खाते खोले गए हैं जिनमें प्रति माह एक हज़ार रुपये की रक़म स्थानांतरित करने की प्रक्रिया चल रही है।
जाने कहा तक पहुंची मध्यप्रदेश में लाड़ली बहना योजना और क्या है इस योजना का हाल ,जाने क्या है महिला वोटरों पर इसका असर
वैसे तो योजना शुरू करने की घोषणा मार्च महीने में ही की गई थी।लेकिन इसको पूरी तरह से अमल में लाने की प्रक्रिया को तीन महीने लग गए। इस दौरान प्रदेश के शहरी और ग्रामीण अंचलों में महिलाओं को इसके बारे में बताया गया और फिर शुरू हुई उनके बैंक खाते खोलने और योजना के लिए उनके पंजीकरण की प्रक्रिया,
यह भी जाने ;-Ladli Bahna Yojana :अगर महिलाओ के खाते में नहीं आये लाड़ली बहना योजना की पहली क़िस्त ,जानिए कैसे करे शिकायत दर्ज
जाने कहा तक पहुंची मध्यप्रदेश में लाड़ली बहना योजना और क्या है इस योजना का हाल ,जाने क्या है महिला वोटरों पर इसका असर
महिलाओ के खातों में पैसा पहुंचाना हुआ शुरू
इस महीने की पहली तारीख को योजना का ‘ट्रायल रन’ किया गया और कई महिलाओं के बैंक खातों में एक रूपए स्थानांतरित किए गए। फिर 10 जून को शाम 6 बजे जबलपुर शहर में आयोजित किये गए एक भव्य कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ‘कम्प्यूटर’ के ‘माउस’ को ‘क्लिक’ किया जिसके बाद लाभार्थियों के बैंक के खातों में एक हज़ार रूपए की रक़म स्थानांतरित होनी शुरू हो गयी। जिनके खातों में पैसे फ़ौरन पहुँच गए उनकी ख़ुशी का ठिकाना नहीं था। जिनके खातों में पैसे नहीं पहुँच सके वो महिलाएं चिंतित दिख रही थीं।
पैसा कही तक पहुंचा है तो कहीं नहीं
हम बात कर ही रहे थे कि मोहल्ले की और भी महिलाएं आ गईं और उन्होंने बातचीत के दौरान ‘शिवराज मामा’ को धन्यवाद दिया। मध्य प्रदेश में बतौर मुख्यमंत्री सबसे लंबा 16 वर्षों का कार्यकाल शिवराज सिंह चौहान का ही रहा है।
जाने कहा तक पहुंची मध्यप्रदेश में लाड़ली बहना योजना और क्या है इस योजना का हाल ,जाने क्या है महिला वोटरों पर इसका असर
और इस दौरान उन्होंने महिलाओं को केंद्रित करती हुई कई योजनायें शुरू की थीं जिनमें से एक ‘लाडली लक्ष्मी योजना’ भी शामिल है। इन योजनाओं की वजह से शिवराज सिंह चौहान को प्रदेश की एक बड़ी आबादी ‘मामा’ कहकर भी संबोधित करती है।
पैसा जहाँ नहीं पहुंचा वहां एक हफ्ते में पहुंचाने का वादा
सीहोर ज़िले में तैनात महिला एवं बाल विकास विभाग में कार्यक्रम अधिकारी प्रफुल खत्री बीबीसी से बात करते हुए कहते हैं कि जिन महिलाओं के खातों में पैसे नहीं आने की शिकायत मिल रही है उसका निराकरण किया जा रहा है। वो बताते हैं कि कई ऐसे खाते हैं जिनमें ‘डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफ़र’ की व्यवस्था में कुछ तकनीकी गड़बड़ी आ रही है उसे शीघ्र ही दूर कर लिया जाएगा।
यह भी पढ़िए :-
जाने कहा तक पहुंची मध्यप्रदेश में लाड़ली बहना योजना और क्या है इस योजना का हाल ,जाने क्या है महिला वोटरों पर इसका असर