- किसान क्रेडिट कार्ड
किसान क्रेडिट कार्ड के जरिए किसानों को सस्ते ब्याज पर बैंकों से कर्ज मिलता है.
पीएम किसान सम्मान निधि स्कीम से जुड़े किसानों का केसीसी आसानी से बन जाएगा.
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि स्कीम के सभी लाभान्वित किसानों को सरकार किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) दे रही है.
इसके लिए पीएम किसान और केसीसी दोनों योजनाओं को लिंक कर दिया गया है.
कोरोना काल में ही करीब दो करोड़ किसानों को केसीसी दिया गया है. इस कार्ड के जरिए किसानों को सस्ते ब्याज पर बैंकों से कर्ज मिलता है.
केसीसी बनवाने से पहले किसानों के मन में कई तरह के सवाल होते हैं. इनमें से एक है कि केसीसी बनवाने के लिए कौन-कौन से कागज की जरूरत पडे़गी.
तमाम सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए जिस तरह के कागजात की जरूरत पड़ती है, वैसे ही कागजतों की जरूरत केसीसी के लिए भी पड़ेगी.
इन कागजातों की पडे़गी जरूरत
केसीसी के लिए पूरी जानकारी के सात भरा हुआ आवेदन, पहचान पत्र- जैसे वोटर आईडी, आधार और पैन कार्ड आदि.
इसके अलावा एक एफीडेविड की भी जरूरत पडे़गी, जो साबित करेगा कि आपने किसी और बैंक से कर्ज नहीं ले रखा है. इसके अलावा आवेदनकर्ता एक पासपोर्ट साइज फोटो की भी जरूरत पड़ती है.
पुराने लोन के बारे में देनी होगी जानकारी
अगर आपने पहले कभी कृषि लोन ले रखा है तो केसीसी लेने के समय इसकी जानकारी देना आवश्यक है.
अगर आप इस बारे में नहीं बताते हैं तो आपको केसीसी जारी नहीं किया जाएगा. केंद्र सरकार ने 1.60 लाख रुपये तक की रकम लेने के लिए गारंटी खत्म कर दी है.
अगर किसान एक लोन को एक साल के भीतर चुका देता है तो उसे इस पर महज 4 फीसदी का ब्याज देना होगा.
पीएम किसान स्कीम से जुड़े किसानों के लिए आसान है प्रोसेस
पीएम किसान सम्मान निधि स्कीम से जुड़े किसानों का केसीसी आसानी से बन जाएगा.
इन किसानों को कागजात और फसल विवरण की फोटोकॉपी के साथ एक पेज के सरल आवेदन पत्र जमा करने के बाद केसीसी मिल जाता है.
केसीसी के लिए न्यूनतम उम्र 18 साल और अधिकतम 75 साल होनी चाहिए. एक बार बनने के बाद उसकी पांच साल ही वैधता होगी.
केसीसी के लिए जरूरी दस्तावेज और पात्रता
- विधिवत भरा हुआ आवेदन पत्र.
- पहचान का प्रमाण–मतदाता पहचान पत्र, पैन कार्ड, पासपोर्ट, आधार कार्ड (Aadhaar), डीएल आदि.
- किसी और बैंक में कर्जदार न होने का एफीडेविड.
- आवेदक की फोटो.
- व्यक्तिगत खेती या संयुक्त कृषि कर रहे किसान इसके लिए पात्र हैं.
- पट्टेदार, बटाईदार किसान और स्वयं सहायता समूह भी लाभ ले सकते हैं.
- सभी सरकारी, निजी, सहकारी और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक इसे बना सकते हैं.
- आप कॉमन सर्विस सेंटर के जरिए भी आवेदन कर सकते हैं.