कम खर्च में शुरू करे कड़कनाथ मुर्गी पालन, हर महीने होंगी तगड़ी कमाई, देखिए पूरी जानकारी अगर आप भी खुद का बिजनेस प्लान कर रहे हैं तो ये खबर आपके लिए ही है. सरकार भी नया बिजनेस शुरू करने में मदद के लिए कई योजनाएं चला रही है जिससे छोटे कारोबरियों को लाभ मिल रहा है. आज यहां हम आपको आज एक ऐसे बिजनेस के बारे में बता रहे हैं जिसमें बहुत कम निवेश कर आप जबरदस्त मुनाफा कमा सकते हैं. ये बिजनेस है कड़कनाथ मुर्गों का. मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के साथ ही देश के कई राज्यों में इसका जम कर कारोबार हो रहा है. मध्य प्रदेश के कड़कनाथ मुर्गे को जीआई टैग भी मिला हुआ है।
कड़कनाथ मुर्गी पालन
यदि आप भी अपने बिजनेस से हर महीने तगड़ी कमाई करना चाहते हैं तो ये खबर आपके काम की है. आज हम आपको कड़कनाथ मुर्गा के बिजनेस के बारे में बता रहे हैं. ये काला मुर्गा दुनियाभर में अपनी अलग पहचान बना चुका है. इसका सबसे ज्यादा कारोबार मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में किया जाता है. आदिवासी इलाके में इसे कालीमासी कहा जाता है. इसका मांस सेहत के लिए फायदेमंद और शरीर के लिए अच्छा माना जाता है इसीलिए इसकी डिमांड बहुत अधिक होती है।
कड़कनाथ मुर्गे को मिला है जीआई टैग
आपकी जानकरी के लिए बता दे की कड़कनाथ मुर्गों का कारोबार अब मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के साथ ही देश के कई राज्यों में हो रहा है. आप इससे होने वाली कमाई का अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के कृषि विज्ञान केंद्र समय पर कड़कनाथ मुर्गे के चूजे उपलब्ध नहीं करा पा रहे हैं. कड़कनाथ मुर्गे की उत्पत्ति मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले में हुई है इसलिए मध्य प्रदेश के कड़कनाथ मुर्गे को जीआई टैग (GI Tag) भी मिला हुआ है. इस टैग का मतलब है कि कड़कनाथ मुर्गे सबसे बढ़िया और जबरदस्त मुर्गा है और इसके बराबर कोई दूसरा मुर्गा नहीं है।
कड़कनाथ मुर्गे में होते है कई औषधीय गुण
आपकी जानकारी के लिए बता दे की कड़कनाथ मुर्गे और मुर्गी का रंग काला, मांस काला और खून भी काला होता है.इसमें उपस्थित औषधीय गुण के कारण यह हमेसा से ही खूब डिमांड में है. इस मुर्गे के मांस में आयरन और प्रोटीन सबसे ज्यादा पाया जाता है. इसके मांस में वसा और कोलेस्ट्रॉल भी कम पाया जाता है. इसके चलते ह्रदय और मधुमेह के रोगियों के लिए यह चिकन बेहद फायदेमंद माना जाता है. इसके रेगुलर सेवन से शरीर को काफी पोषक तत्व मिलते हैं. इसकी मांग और फायदों को देखते हुए सरकार भी इसका बिजनेस शुरू करने में हर स्तर पर मदद करती हैं।
कड़कनाथ मुर्गा पालन के लिए सरकार चलाती है कई योजना
आपको बता दे की कड़कनाथ मुर्गा पालन की आवश्यकता को समझते हुए इसे बढ़ावा देने के लिए मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ सरकार कई योजनाएं चला रही हैं. छत्तीसगढ़ में सिर्फ 53,000 रुपये जमा करने पर सरकार की ओर से तीन किस्तों में 1000 चूजे, 30 मुर्गियों के शेड और छह महीने तक मुफ्त दाना दिया जाता है. वहीं, टीकाकरण और स्वास्थ्य देखभाल की जिम्मेदारी भी सरकार ही उठाती है. इतना ही नहीं, मुर्गों के बड़े होने पर मार्केटिंग का काम भी सरकार ही करती है।
कृषि विज्ञान केंद्र से मिलेंगे आपको भी चूजे
यदि आप भी कड़कनाथ मुर्गा पालन का बिजनेस करना चाहते हैं तो आपके नजदीकी कृषि विज्ञान केंद्र से चूजे ले सकते हैं. कुछ किसान 15 दिन का चूजा ले जाते हैं, जबकि कुछ लोग एक दिन का चूजा ले जाते हैं. कड़कनाथ का चूजा साढ़े तीन से चार माह के अंदर बिक्री के लिए तैयार हो जाता है. आपको बता दें कि कड़कनाथ मुर्गी के चूजे का रेट 70-100 रुपये के बीच है. इसके एक अंडे का रेट 20-30 रुपये तक होता है. यानी आपका बजट भी इस बिजनेस के लिए ना नहीं कहेगा।
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कितना होता है कड़कनाथ मुर्गा पालन में मुनाफा
यदि हम इससे होने वाले मुनाफे की बात करे तो बाजार में एक कड़कनाथ मुर्गे की कीमत लगभग 3,000-4,000 रुपये होती है. इसका मांस 700-1000 रुपये प्रति किलो बिकता है. सर्दियों में मांस की खपत बढ़ने पर कड़कनाथ मुर्गे के मांस की कीमत 1000-1200 रुपये किलो तक पहुंच जाती है. अब अगर मुनाफे के हिसाब पर नजर डालें तो मान लीजिए आपने सरकार से 1000 चूजे 53,000 रुपये में खरीदे. एक मुर्गे में औसतन 3 किग्रा मांस निकला तो सर्दियों के एक मौसम में आप 35 लाख रुपये से ज्यादा की कमाई कर सकते हैं. इसके अलावा, इसमें आपको 6 महीने तक के उनके दाने और शेड बनाने पर भी कोई खर्चा नहीं करना है. यानी कम मेहनत और कम निवेश में जबरदस्त मुनाफा मिलेगा।