गोबर खाद Cow Dung
गोबर खाद Cow Dung आपने अक्सर देखा होंगा ग्रामीण क्षेत्रो मे अक्सर खेतो मे देखना होंगा की गाय , भैस , घोडा आदि सभी का मल मूत्र को एक गड्डे मे दल देते है इससे बहुत समय बाद अच्छी खाद बन जाती है जिसे खेतो मे दल देते है इसकी मांग बहुत होती है क्यू की यह बहुत उपजाऊ फसल बनाने मे मदद करता है ।
गोबर खादको बनाने मे भूसा ,बर्बाद होता है उसे और , जो खिलाने योग्य नही होता है उससे या अन्य पोशक पदार्थ जो भी पशुओ के बांधने के स्थान पर उपयोग मे लाये गया हो उसे गोबर खाद कहा जाता है । गोबर खाद से पौधो को पोषक पदार्थ मिलते है । और इस खाद का असर खेतो मे और फसलों मे बहुत समय तक रथ है , गोबर खाद मे पोटाश , नाइट्रोजन और उसमे फास्फोरस आदि तत्व मिलते है । जो की मिलना बहुत ही आवस्यक हो जाता है । गोबर खाद की गुणवत्ता मे अम्रता मे कैल्सियम की मात्रा बढ़ जाती है । इसी तरह से यह खाद को भौतिकगुणों को सुधारने मे मदद करता है ।
कैसे बनाए गोबर खाद ?
गोबर की खाद कई विधियों के द्वारा बनाई जाती है लेकिन उसमें ऐसी कई विधियां हैं जो कि काफी लोकप्रिय हैं जो कि हैं इंदौर की विधि, श्री पुरुषोत्तम राव विधि, नाडेप विधि, श्री प्रदीप तापस विधि, बैंगलोर विधि। इन सभी में से सबसे ज्यादा लोकप्रिय और उपयोग में लाए जाने वाली विधि नाडेप विधि मानी जाती है। आपको बता दें कि इस नाटक विधि के जन्मदाता महाराष्ट्र के यवतमाल जिले के कृषक श्री नारायण देव राव पंडरी पांडे माने जाते हैं। इस खाद की विधि उन्हीं के प्रथम अक्षरों के नाम पर दी गई है।
गोबर खाद Cow Dung को कम से कम मात्रा में उपयोग करने वाली यह नाडेप विधि सबसे उत्तम विधि मानी जाती है। इस विधि में आपको एक गाय के वार्षिक गोबर से 80 से 100 टन लगभग 150 बैलगाड़ी खाद प्राप्त हो सकता है। इस खाद में आपको 0.5 से 1.5 प्रतिशत तक नाइट्रोजन तथा 0.5 से 0.9 प्रतिशत तथा फास्फोरस इसी के साथ साथ 1.2 से 1.4 प्रतिशत तक पोटाश भी शामिल रहता है।
इस विधि को बनाने के लिए सबसे पहले जमीन के ऊपर ईद का एक आयताकार कमरेनुमा तैयार किया जाता है। जिसकी दीवारें 9 इंच चौड़ी मानी जाती है। इस टांके का फर्श ईट,पत्थर और टुकड़ों को डालकर इसको पक्का कर दिया जाता है।
जो आप टांका तैयार करेंगे उसकी लंबाई 12 फीट और उसकी चौड़ाई 5 फीट तथा उसकी ऊंचाई 3 फीट यानी कि 10×5×3 होनी चाहिए। इसमें ईटों की जुड़ाई वैसे तो मिट्टी से की जा सकती है लेकिन जो आप आखरी रद्दा इस्तेमाल करेंगे वह सीमेंट का अवश्य होना चाहिए जिससे आपका टांका गिरने से बच सकें। यह याद रखें कि आपका टांका हमेशा हवादार होना चाहिए। यह इसीलिए क्योंकि खाद सामग्री जब पकती है तो उसमें हवा होना बेहद ही आवश्यक होता है। इसी कारण से जब टाका बांधते हैं तब चारों तरफ दीवारों में छेद किए जाते हैं।
अगर आप जब ईटों की जुड़ाई कर रहे होते हैं तब आप ही तो की जुड़ाई करने के बाद कम से कम एक तरफ 7 इंच का छेद छोड़ दें। यह छेद इस तरह से बनाएं जिससे पहली लाइन के 262 के बीच में दूसरी लाइन के छेद आ जाएं। जो आपका रद्दा होगा उसकी तीसरे, छठे और नवे रद्दे में छेद बनाए जाएंगे। अगर आप 62 की संख्या बढ़ा देते हैं तो आपकी खाद जल्दी से पक जाएगी। लेकिन इस स्थिति में आप को पानी की मात्रा की ज्यादा आवश्यकता पड़ सकती है। स्टार्के के अंदर की जो दीवारें और फर्श है उसे गोबर की मिट्टी से अच्छे से लीप दें।
कैसे करे गोबर की खाद का उपयोग ?
वैसे तो सड़े हुए गोबर खाद Cow Dung को कई बार फसलों की बुवाई से 3 से 4 हफ्ते पहले दिया जाना अच्छा माना जाता है। जो गोबर की खाद होती है वह नाम मिट्टी में विघटित हो जाती है। इसी कारण से मिट्टी की संरचना में सुधार होने लगता है। उसमें जो पोषक तत्व होते हैं वह फसलों की वृद्धि में बहुत ही अच्छे माने जाते हैं। अगर इस खाद को फसल बोने से काफी पहले दे दिया जाए तो यह वर्षा जल द्वारा पोषक तत्व खत्म कर देता है। इसी कारण से बुवाई से पहले गोबर की खाद को अच्छी तरह से तैयार खेत की मिट्टी में ही मिला ना अच्छा माना जाता है।
गोबर खाद Cow Dung,सब्जियों और फलों के पौधों को उर्वरकों के रूप में दिया जाए तो वह अच्छा परिणाम देते हैं। जो गोबर खाद Cow Dung होती है उसमें फास्फोरस की मात्रा कम मानी जाती है। इसी कारण से खेत में गोबर खाद Cow Dung के साथ-साथ सिंगल सुपर फास्फेट को पहली खाद के रूप में उपयोग में लाया जाता है। जो भी नाइट्रोजन उर्वरक होते हैं उन्हें पौधों के निचले भाग के आसपास ही उपयोग में लाया जाना अच्छा माना जाता है।
गोबर की खाद का मूल्य ?
जीतने गोबर खाद Cow Dung अमूल्य है वैसे ही इसका मूल्य बहुत अधिक है , इसमे बहुत प्रकार के तत्व पाये जाते है जिसके कारण इसकी मांग बहुत अधिक होती है , इसे खरीदने के लिए कई सालो का इंतजार किया जाता है क्यू की यह कई सालो तक जमा किया जाता है इसके बाद ही इसे बेचा जाता है । यह टरकी के हिसाब से बेचा जाता है जैसे की एक ट्राली खाद की कीमत 20 से 30 हजार रु तक की होती है फिर उसे देखा जाता है की किस मात्र का अधिक उपयोग किया है इस आधार पर खाद को बेचा जाता है ।
गोबर की खाद से फसल को फायदा ?
गोबर खाद Cow Dung सुनने मे तो यह बहुत ही कठिन होता है । इसे बनाने के लिए कई सालो की मेहनत लग जाती है लेकिन महनता के अनुसार यह फसल को उतना ही फायदा देते है जितना समय इन्हे बनाने के लिए लगता है यह एक बार खेत मे डालने से यह कई सालो तक खेत को फायदा देते है और फसल को भी बहुत फायदा देते है ।
कैसे करे उपयोग ?
गोबर खाद Cow Dung को खेतो मे ट्राली से एक जहा पर बीच मे दाल दिया जाता है और फिर उसे फैला दिया जाता है । कोई कोई खेतो मे जगह जगह फिर दाल देते है फिर उसे थोड़ा थोड़ा फैला देते है उसके बाद खेतो मे पनि की सिंचाई करने पर यह ख्वेतों मे फ़ेल जाते है जिसके कारण यह पूरे खेतो मे फैल जाता है और यह फसलों को फायदा देता है ।
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