इस खरीफ मक्का की इन 3 वैराइटी से होगा बम्फर उत्पादन, कम लागत में देंगी अच्छा मुनाफा, देखिए कौन सी है वैराइटी बिहार, उत्तरप्रदेश, हरियाणा, मध्यप्रदेश जैसे राज्यों में मक्का का बड़े पैमाने पर उत्पादन किया जाता है। इस फसल की खासियत ये होती है कि इसे मात्र 3 महीने में तैयार कर लिया जाता है। मक्का का उत्पादन भी अन्य फसलों की अपेक्षा ज्यादा होता है। यही वजह है कि किसान इस फसल का उत्पादन पसंद करते हैं। पॉपकॉर्न बनाने में, चॉकलेट बनाने में, पैकेज्ड उत्पाद बनाने में और जानवरों के चारा के रूप में मक्का के काफी उपयोग हैं। लेकिन ज्यादातर किसान सही मौसम और मिट्टी की जरूरतों के हिसाब से उन्नत बीज का चुनाव नहीं कर पाते। किसान भाइयों बीज किसी भी खेती का आधार होता है। अगर बीज सही न हो, तो हम अच्छी फसल होने की उम्मीद नहीं कर सकते हैं। कृषि अनुसंधान संस्थान केंद्र एवं राज्य स्तर पर किसानों के लिए अच्छे और उन्नत बीजों की खोज में लगी रहती है और समय समय पर उन्नत बीजों को किसानों के समक्ष पेश करती रहती है।
एचएम-11 (HM-11) मक्का की किस्म
एचएम – 11 (HM – 11) यह किस्म लम्बे समय में पकने वाली किस्मो में से एक है। जिसमें 95 से 120 दिनों तक का समय लग सकता है। हाइब्रिड मक्का की ये उन्नत किस्म कई रोगों के प्रति सहनशील है। इस किस्म की खासियत ये है कि ये अच्छी पैदावार तो देती ही है। साथ ही संक्रमण रोधी होने की वजह से इस किस्म से मक्का की खेती (Maize Cultivation) करने पर किसानों को लागत भी कम पड़ती है। हाइब्रिड मक्का का ये वेरिएंट उत्तरप्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़ आदि क्षेत्रों में प्रसिद्ध है। किसान इस किस्म से 70 से 90 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उत्पादन किया जा सकता है।
पूसा एच क्यू पी एम 5 इम्प्रूव्ड (Pusa HQ PM 5 Improved) मक्का की किस्म
आपको बता दे की वर्ष 2020 मे पूसा एच क्यू पी एम 5 इम्प्रूव्ड किस्म को लांच किया गया था। ये किस्म मक्का के उत्पादन बढ़ाने और किसानों के लागत घटाने के लिए बाजार में मौजूद सर्वश्रेष्ठ किस्मों में से एक है। मक्का की ये किस्म संक्रमण रोधी होने के कारण इसमें सामान्य किस्मों की अपेक्षा कम रोग लगते हैं, जिससे किसानों को कीटनाशक और अन्य दवाइयों पर ज्यादा खर्च नहीं आता। पूसा एच क्यू पी एम 5 इम्प्रूव्ड किस्म 88 से 111 दिनों के बीच तैयार होती है। औसतन 104.1 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की उपज की वजह से देश के कई क्षेत्रों में इस किस्म से मक्का की पैदावार बड़े स्तर पर की जाती है। हालांकि अलग-अलग क्षेत्रों में इस किस्म की पैदावार भी अलग अलग है। पहाड़ी और पठारी क्षेत्रों में इस किस्म की अच्छी खेती की जाती है। किसान बताए गए इस किस्म का चुनाव करने से पहले अपने नजदीकी कृषि सलाहकार से जरूर संपर्क करें और मिट्टी की जांच भी जरूर करवाएं।पूसा एच क्यू पी एम 5 इम्प्रूव्ड किस्म की बुवाई करके आप भी लाखो की कमाई कर सकते है।
ये भी पढ़िए- सबके दिलो पर छुरिया चलाने आ रही नए जनरेशन की Maruti Alto 800, कम कीमत के साथ मिलेंगे जबरदस्त फीचर्स
पूसा विवेक हाइब्रिड 27 इम्प्रूव्ड (संकर) (Pusa Vivek Hybrid 27 Improved) मक्का की किस्म
आपको बता दे की पूसा विवेक हाइब्रिड 27 इम्प्रूव्डये की यह किस्म थोड़ी जल्दी पकने वाली किस्म है। मात्र 84 दिन के अंदर इस किस्म से मक्का की फसल तैयार हो जाती है। वर्ष 2020 में लांच की गई ये किस्म भी मक्का की लेटेस्ट किस्मों से एक है। प्रोटीन की उच्च मात्रा की वजह से जानवरों के चारे के लिए और प्रोटिनेक्स जैसे उत्पाद बनाने के लिए भी बड़े स्तर पर इस किस्म को उपयोग में लाया जाता है। पूसा विवेक हाइब्रिड 27 इंप्रूव्ड किस्म किसानों को कम लागत में अधिक पैदावार देने के लिए जानी जाती है। बिहार, झारखंड, ओडिशा, वेस्ट बंगाल, यूपी आदि राज्यों में पूसा विवेक के इस हाइब्रिड मक्का के किस्म की खेती बड़े पैमाने पर होती है। औसत उपज की बात करें तो 48.5 क्विंटल प्रति की उपज इस किस्म से किसान प्राप्त कर सकते हैं। यह सबसे कम समय में पककर तैयार हो जाती है।
ये भी पढ़िए- PM Fasal Bima Yojana: किसानो के लिए आई बहुत बड़ी खुशखबरी, इतने दिनों में डाले जायेंगे फसल बीमा योजना के पैसे
कितना होता है मक्का की फसल से मुनाफा
मक्का की खेती से होने वाली इनकम की बात करे तो यदि औसतन 50 क्विंटल प्रति हेक्टेयर भी उत्पादन हो और 20 से 22 रुपए प्रति किलो की सामान्य कीमत पर भी बेचें तो तो इसे बेचने पर किसानों को 1,10,000 रुपए प्राप्त होंगे। लागत का अगर 50,000 रुपए तक कम भी कर दें तो करीब 60 हजार रुपए का शुद्ध मुनाफा किसानों को मक्का की खेती से हो सकता है। ये मुनाफा तीन महीने में होता है, इसलिए अगर सालाना देखा जाए तो मक्का की खेती से प्रति हेक्टेयर 2,40,000 रुपए की कमाई किसान कर सकते हैं।