गेहूं और चना का किसानों ने बीते दिनों जमकर स्टाक किया। हाल यह है कि मध्य प्रदेश के वेयरहाउसों में अब जगह नहीं मिल रही है। लगभग सभी वेयर हाउस फुल हो चुके हैं। इस बीच केंद्र सरकार ने आंकड़े जारी किए हैं कि अप्रैल से जुलाई के बीच में 30 से 35 लाख टन गेहूं का निर्यात होने का अनुमान जताया है। निर्यात सौदों के करार के आधार पर यह अनुमान जताया गया है। अब मध्य पूर्व के कई देश भी भारत से गेहूं खरीद रहे हैं। इस बीच निर्यात का दबाव अभी मध्य प्रदेश, राजस्थान और गुजरात के बाजारों पर ही है।
व्यापारियों के अनुसार वेयर हाउसों के भर जाने से अब मंडी में माल की आवक बढ़ रही है। शनिवार को अष्टमी के बावजूद गेहूं की आवक इंदौर में करीब 25 हजार बोरी रही। दलाल हीरालाल अगावील के अनुसार अब गेहूं में न तो मंदी दिख रही है और माल भरपूर है इसलिए तेजी भी बहुत ज्यादा नजर नहीं आएगी। भाड़े और खर्चे के हिसाब से गेहूं के बाजार में 50-75 रुपये की घट-बढ़ की ही उम्मीद है। ऊंपर में गेहूं 2400 तक तो पहुंच चुका है। इससे ऊपर में पड़ते नहीं है। हालांकि सुजाता, चंदौसी जैसा ऊंची क्वालिटी का गेहूं उपभोक्ता बाजार में 3000 से ऊपर बिकता देखा जाएगा। सुजाता की आवक छुट-पुट शुरू हुई है। शनिवार को मालवराज गेहूं में अटकी लेवाली फिर शुरू हो गई। इससे मालवराज में 25 रुपये का सुधार दिखा।
lass=”h3″>
गेहूं मंडी भाव : मिल क्वालिटी 2100-2125, पूर्णा 2300-2350, लोकवन 2300-2400, मालवराज 2100-2125 रुपये प्रति क्विंटल।
इंदौर चावल भाव
दयालदास अजीत कुमार छावनी के अनुसार बासमती (921) 10000 से 11000, तिबार 8000 से 8500, दुबार पोनिया 7000 से 7500, मिनी दुबार 6000 से 6500, बासमती सेला 6500 से 9000, मोगरा 3500 से 6000, दुबराज 3500 से 4000, कालीमूंछ डिनरकिंग 7500, राजभोग 6500, परमल 2500 से 2650, हंसा सेला 2450 से 2650, हंसा सफेद 2350 से 2450, पोहा 3700 से 4100 रुपये क्विंटल बिका।