Indian Railways ट्रेन की पटरियो के बीच में जानबूझ कर छोड़ी जाती है खाली जगह ,जानिए इसके पीछे की वजह है। Indian Railways भारतीय रेलवे दुनिया का चौथा और एशिया का दूसरा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है । यहां हजारों ट्रेनें चलती हैं। अगर आपने कभी ट्रेन की पटरियों को देखा है तो आपको पता होगा कि लोहे की दो पटरियों के बीच में थोड़ी जगह छोड़ी जाती है पटरियों के बीच का ये जगह देखकर मन में आता है कि कहीं इससे कोई हादसा न हो सके लेकिन आपको बता दें कि रेलवे के पटरियों के बीच गैप छोड़ने के पीछ बड़ी वजह है। इस जगह की वजह से कई बड़े हादसे टल जाते हैं।
वैज्ञानिक क्या कहते है
आपको बताते है कि पटरियों के बीच में जगह छोड़ने के पीछे वैज्ञानिक कारण है। अगर आपने विज्ञान पढ़ी है तो आपको पता होगा कि धातुएं गर्म होने पर फैलती हैं और ठंडी होने पर सिकुड़ती हैं ट्रेन की पटरियां भी ठोस लोहे की बनी होती हैं। जब गर्मी के मौसम में भारी-भरकम ट्रेनों के भार पटरियों पर पड़ता है तो वो फैलती हैं। इसलिए पटरियों के बीच जगह रखी जाती है।
हादसे से बचने के लिए किया जाता है ऐसा
Indian Railways अगर पटरियों के बीच जगह न रखा जाए तो पटरियां फैलकर एक-दूसरे पर दबाव डालेंगी। ऐसे में वो टूट सकती हैं और बड़ा रेल हादसा हो सकता है। तो अगर आप ये सोचते हैं कि पटरियों के बीच के गैप से हादसे हो सकते हैं। जगह को कम किया जा रहा है। लेकिन इन्हें कभी भी पूरी तरह से नहीं भरा जाएगा।
ओवर ब्रिज पर भी होता है इस तकनीकी का इस्तेमाल
Indian Railways में ऐसा नहीं है कि इस तकनीकी का इस्तेमाल केवल ट्रेनों की पटरियों में किया जाता है। अगर आपने नदी नहर या किसी अन्य ओवर ब्रिज को देखा है। तो उसमें भी बीच में थोड़ा गैप छोड़ा जाता है। इसकी भी वजह यही है। गर्मी के मौसम में धातुएं फैलती हैं और सर्दियों में ये सिकुड़ती हैं। अगर आप गर्मी के मौसम में इन जगह को देखेंगे तो ये कम होगा। वहीं सर्दियों में ये बढ़ जाता है।
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