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Forest News: मोर के आंसू पीकर प्रेग्नेंट होती है मोरनी? जंगल की वो बात जो अब राज नहीं रही

Forest News: मोर के आंसू पीकर प्रेग्नेंट होती है मोरनी? जंगल की वो बात जो अब राज नहीं रही

Peacock: मोर एक पक्षी है जो अंडे नहीं देता, तो मोर के बच्चे कैसे जन्म लेते हैं? इस सवाल का जवाब बड़ा मुश्किल है. वहीं बहुत से लोग तो यह भी कहते हैं कि मोर कभी संबंध नहीं बनाते. कुछ समय पहले एक मशहूर हस्ती ने भारी भीड़ की मौजूदगी में अपने मंच से ये कहा था कि मोर रोता है तो उसके आंसू गिरते हैं, मोरनी उन आंसुओं को पीती है और इससे उसे संतान होती है. तो क्या वाकई मोर के आंसू पीने से मोरनी प्रेग्नेंट हो जाती है?

Forest News: मोर के आंसू पीकर प्रेग्नेंट होती है मोरनी? जंगल की वो बात जो अब राज नहीं रही
Forest News: मोर के आंसू पीकर प्रेग्नेंट होती है मोरनी? जंगल की वो बात जो अब राज नहीं रही

ऐसी बहुत सी बाते हैं जो लोगों के दिमाग में घूम रही हैं. इंटरनेट-मोबाइल कैमरे के युग में दकियानूसी और बेबुनियाद बातें ज्यादा देर तक टिक नहीं पाती हैं.

ऐसे में इस सवाल का जवाब कुछ इस तरह तब मिला जब बहुत से लोगों ने मोर की मेटिंग का वीडियो (Video) बनाया उसके बाद धीरे-धीरे लोगों की गलतफहमी दूर होने लगी. हालांकि वैज्ञानिकों ने भी कभी ऐसे दावों और बातों के सच होने की पुष्टि नहीं की थी.

Forest News: मोर के आंसू पीकर प्रेग्नेंट होती है मोरनी? जंगल की वो बात जो अब राज नहीं रही
Forest News: मोर के आंसू पीकर प्रेग्नेंट होती है मोरनी? जंगल की वो बात जो अब राज नहीं रही

इसी रेफरेंस में एक दिलचस्प बात ये है कि जुलॉजिकल एक्सपर्ट के मुताबिक कुछ पक्षी खास तरह का ‘किस’ कर संबंध बनाते हैं, इस प्रकिया को Cloacal Kiss कहते हैं. कई वाइल्डलाइफ फोटोग्राफरों ने मोर-मोरनी की मेटिंग की तस्वीरें उतारने के साथ वीडियो बनाए हैं.

उनका कहना है कि मोर के प्रजनन का तरीका बाकी पक्षियों की तरह ही होता है. मोर समेत कई पक्षी जब संबंध बनाते हैं तब नर पक्षी मादा की पीठ पर सवार होता है, इसी दौरान नर अपना स्पर्म मादा के शरीर में ट्रांसफर कर देता है.

जंगल में मोर नाचा किसने देखा?

ऐसे में अगर आपके दिमाग में मोरनी के आंसू पीने वाली कोई गलतफहमी हो तो उसे फौरन दूर कर दीजिए. दरअसल मोर और मोरनी एक दूसरे के करीब आते हैं. मोरनी को देखकर मोर नाचने लगता है. मोरनी उसे निहारती है और आकर्षित होने पर ही वो उसके सामने आती है. इसके बाद 9 से 15 सेकेंड की क्लॉकल किस की प्रक्रिया शुरू होती है.

इंटरनेट के आने से पहले हिंदुस्तानी समाज में बहुत सी बातों को संकेतों के जरिए कहने का चलन रहा है. ऐसी ही एक कहावत आपने सुनी होगी- जंगल में मोर नाचा किसने देखा? इस मिसाल के क्या मायने हैं इस पर भी एक अलग बहस सुनने को मिलती है.

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