खरीफ सीजन में करिये धान की यह 5 उन्नत किस्मो की बुआई कर देगी मालामाल ,कम समय अवधि में प्रति एकड़ 40-45 क्विंटल बम्फर पैदावार जब से किसान (खेतीहर) परंरागत खेती तकनीकि विधि का उपयोग करने लगा है, तब के खेती मुनाफे का सौदा बना गया है। आज का किसान अधिक महंगी वाली खेती को छोड़ दें तो परंपरागत खेती से भी अच्छी आमदनी कर रहा है। हालांकि किसानों को यह बात याद रखना चाहिए कि खेती में तकनीकि से अधिक फसलों को किस्में पर ध्यान देना चाहिए, क्योंकि इस पर पैदावारी टिकी होती है। एक गलत फसलों की किस्म आपकी पूरी करी कराई मेहनतन पर पानी फेर सकती है। इसलिए हमेशा जब कोई फसल की बोआई करें तो यह ध्यान कि आपके खेती की मिट्टी और वातारण के हिसाब से ही बोने वाली फसल की किस्म हो, ताकि आपके खेत से फसलों की अधिक पैदावारी हो सके और अधिक लाभ मिले।
अभी मानसून के देरी से चलते धान की यह पांच किस्मे आपको कर देगी मालामाल कृषि वैज्ञानिकों ने धान की कई ऐसी किस्में विकसित की हैं, जिनकी मदद से किसान आसानी से कम पानी में भी बेहतर उपज प्राप्त कर सकते हैं. आपको बताते है कम समय अवधि में धान की यह पांच उन्नत किस्मो के बारे में –
खरीफ सीजन में करिये धान की यह 5 उन्नत किस्मो की बुआई कर देगी मालामाल ,कम समय अवधि में प्रति एकड़ 40-45 क्विंटल बम्फर पैदावार
PUSA 834 बासमती Variety
पूसा 834 बासमती चावल की उच्च उपज वाली किस्म है जिसे भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) द्वारा विकसित किया गया था. यह एक अर्ध-बौनी किस्म है जिसकी परिपक्वता अवधि लगभग 125-130 दिनों की होती है. पूसा 834 के फायदों में से एक इसका जीवाणु पत्ती झुलसा रोग के प्रति प्रतिरोध है, जो चावल की खेती में एक आम समस्या है. यह लवणता के प्रति भी सहिष्णु है और उच्च मिट्टी की लवणता के स्तर वाले क्षेत्रों में बढ़ सकता है. यह इसे कम गुणवत्ता वाली मिट्टी या पानी की कमी वाले क्षेत्रों में किसानों के लिए एक अच्छा विकल्प बनाता है. पूसा 834 का एक अन्य लाभ इसकी उच्च उपज क्षमता है. यह प्रति हेक्टेयर 6-7 टन धान का उत्पादन कर सकता है, जो पारंपरिक बासमती किस्मों की तुलना में काफी अधिक है.
PANT PADDY – 12 Variety
धान की अधिक उपज देने वाली किस्म है जिसे भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) ने G.B. पंत यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर एंड टेक्नोलॉजी द्वारा विकसित किया है. यह एक अर्ध-बौनी किस्म है जो 110-115 दिनों में पक जाती है और उत्तर भारत के सिंचित क्षेत्रों में खेती के लिए उपयुक्त है. पंत धान-12 के फायदों में से एक इसकी उच्च उपज क्षमता है. यह प्रति हेक्टेयर 7-8 टन अनाज का उत्पादन कर सकता है, जो पारंपरिक गेहूं की किस्मों की तुलना में काफी अधिक है.
Kranti धान 6444 Variety
एक एकड़ में 45 क्विंटल धान पैदा कर नया कीर्तिमान स्थापित किया है। किसान ने क्रांति धान की 6444 किस्म का रोपा लगाया था। 130 दिन बाद जब फसल की कटाई हुई तो खुद किसान अचंभित था। कंपनी ने किसान काे 40 क्विंटल प्रति एकड़ का भरोसा दिलाया था। मगर किसान ने फसल की देखरेख ठीक ढंग से समय रहते की। जिसके परिणाम स्वरूप फसल की बंपर पैदावार हुई।
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खरीफ सीजन में करिये धान की यह 5 उन्नत किस्मो की बुआई कर देगी मालामाल ,कम समय अवधि में प्रति एकड़ 40-45 क्विंटल बम्फर पैदावार
PUSA SUGANDH 4-2002 Variety
पूसा सुगंध 4- 2002 में विकसित की गई इस धान की किस्म को तैयार होने में 120-125 दिन का समय लगता है. वहीं इससे प्रति हेक्टेयर उपज 40-45 क्विंटल मिलती है. इसका दाना लम्बा, पतला व सुगंधित होता है.
PUSA 1460 Variety
पूसा 1460- इस धान की किस्म से प्रति हेक्टेयर 50 से 55 क्विंटल उत्पादन मिलता है. ये 120 से 125 दिनों में तैयार होता है. इसका पौधा छोटा होता है और इसके दाने छोटे पतले होते हैं.
Kranti 6444 kaise uplabdh hoga
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