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सुपर फास्फेट खाद 425 रुपये प्रति बोरी, दामों मे 150 रुपये की बढ़ोतरी, डीएपी का दाम 1200 रुपये फिक्स

dap

Single Super Phosphate Fertilizer Price Increased – आगामी खरीफ फसल की तैयारी कर रहे मध्य प्रदेश के किसानों के लिए अब सुपर खाद के अधिक दाम चुकाने पड़ेंगे. प्रदेश सरकार ने सिंगल सुपर फास्फेट की कीमत में बढ़ोतरी कर दी है. हालांकि किसानों को कुछ हद तक इसमें राहत देने की कोशिश भी की गई है इधर डीएपी के भाव अब फिक्स कर दिए गए हैं. डीएपी 12 सो रुपए से अधिक कीमत पर अब प्रदेश में नहीं बेची जा सकेगी.

डीएपी का दाम

इतनी हुई सुपर खाद के दामों में बढ़ोतरी 

खरीफ फसलों की बुवाई के पहले सिंगल सुपर फास्फेट (Single Super Phosphate Fertilizer Price Increased) की 50 किलो की एक बोरी किसानों को अब 425 रुपये में मिलेगी. यह वृद्धि पिछले साल की तुलना में ₹151 प्रति बोरी की है. हालांकि प्रदेश के किसानों को यह राहत भी प्रदान की गई है कि सहकारी समितियों के पास जो खाद पहले से स्टॉक में है, उसे वे पुरानी दर पर ही किसानों को बेचेंगे.

प्रदेश की उर्वरक समन्वय समिति की बैठक में हुआ निर्णय

किसान बुवाई से पहले खेत को तैयार करने के लिए सुपर फास्फेट (पाउडर) खाद का उपयोग मुख्य रूप से करते हैं. दानेदार खाद का उपयोग अन्य खाद के साथ मिलाकर ही किया जाता है. पिछले दिनों कृषि उत्पादन आयुक्त शैलेंद्र सिंह की अध्यक्षता में उर्वरक समन्वय समिति की एक बैठक आयोजित हुई, जिसमें सिंगल सुपर फास्फेट की नई दर तय की गई. अब किसानों को सिंगल सुपर फास्फेट पाउडर की बोरी अब 274 रुपये से 425 रुपये की 151 रुपये महंगी मिलेगी. वहीं, दानेदार खाद 304 रुपये की जगह अब 465 रुपये की 161 रुपये महंगी मिलेगी.

प्रदेश में अब तक 83 हजार टन खाद की बिक्री 

प्रदेश में पिछले साल दो लाख 65 हजार टन सिंगल सुपर फास्फेट (एसएसपी) खाद  एक अप्रैल से 30 जून तक बेची गई . एक अप्रैल से सात जून 2022 तक 83,000 टन खाद का विक्रय भी हो चुका है, जो पिछले साल इस अवधि की तुलना में 18,000 टन कम ही है. प्रदेश में अभी चार लाख 39 हजार टन एसएसपी स्टॉक में उपलब्ध है, जो पिछले साल की तुलना में एक लाख 74 हजार टन ज्यादा है.

डीएपी का भाव फिक्स 
सहकारिता विभाग के अधिकारियों ने बताया कि डीएपी को लेकर इस साल शुरुआत में काफी असमंजस की स्थिति थी. पहले 1200 रुपये बोरी में किसानों को खाद बेची गई. बाद में यह 1700 और फिर 1900 रुपये प्रति बोरी तक हो गई. राज्य सरकार द्वारा केंद्र सरकार से बढ़ी हुई कीमत को वापस लेने का अनुरोध भी किया गया. अन्य राज्यों से भी मांग आई, जिसे देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बढ़ी हुई कीमतों का भार किसान पर नहीं आने देने का निर्णय किया. सरकार ने तय किया कि किसान को सिर्फ1200 रुपये में ही प्रति बोरी डीएपी मिलेगी.

इस साल साढ़े चार लाख टन यूरिया का भंडार ज्यादा 

कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इस वर्ष पिछले साल की तुलना में साढ़े चार लाख टन यूरिया का भंडार ज्यादा है. एक अप्रैल से सात जून 2022 प्रदेश में आठ लाख 96 हजार टन यूरिया उपलब्ध है. इसमें से दो लाख 76 हजार टन बेची जा चुकी है, जो पिछले साल की तुलना में 83 हजार टन अधिक है. डीएपी भी चार लाख नौ हजार टन अभी उपलब्ध है, जो पिछले साल से एक लाख 44 हजार टन ज्यादा है. इसमें से एक लाख 42 हजार टन का विक्रय हो चुका है.

किसी भी प्रकार की गड़बड़ी होने पर किसान यहां करें शिकायत

संयुक्त पंजीयक सहकारिता अरविंद सिंह सेंगर ने बातचीत में बताया कि अधिकारियों को स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए जा चुके हैं कि अब कोई भी समिति 1200 रुपये से ज्यादा दाम में डीएपी की बोरी नहीं बेच सकती है. वहीं दूसरी खाद (Single Super Phosphate Fertilizer Price Increased) भी अधिक दाम पर बेचना पूरी तरह गैरकानूनी है. यदि इससे अधिक कीमत लिए जाने की शिकायत मिली तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि ऐसी स्थिति में वे जिले में उप संचालक को शिकायत करें. कॉल सेंटर नंबर 0755-2558323 पर भी किसान शिकायत दर्ज करा सकते हैं.

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