Cultivation Of Pineapple: आज के समय में बहुत से किसानो का ध्यान परम्परागत खेती से हटकर उन्नत खेती और नई-नई तकनीक पर ज्यादा आकर्षित हो रहा है। और आज के समय में किसान आधुनिक खेती का दौर चल रहा है। और अब किसान बाजार में जिस भी फल सब्जी या मसालों की ज्यादा मांग चल रही है। उस फसल का ज्यादा उत्पादन कर रहे है। फल और सब्जियों की अनोखी किस्म से बहुत सा मुनाफा कमाया जा सकता है। आज के समय में फलो में अनानास की डिमांड ज्यादा है। आइये जाने अनानास की खेती के जुडी जानकारी किसान भाई अनानास का उत्पादन करके अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।
अनानास का पौधा
अनानास का पौधा कैक्टस के पौधे की ही एक प्रजाति है। अनानास का वैज्ञानिक नाम कोमोसस है। अनानास का पौधा एक खाद्य उष्णकटिबंधीय है। अनानास की खेती मुख्य रूप से दक्षिण ब्राजील में की जाती है। अनानास को अंग्रेजी में पाइनएप्पल कहा जाता है।
भारत में अनानास की खेती
भारत में मुख्य रूप से केरल, आंध्र प्रदेश, त्रिपुरा, पश्चिम बंगाल में अनानास की खेती की जाती है। असम, मिजोरम में भी अनानास की बागवानी की जाती है। लेकिन अब मध्यप्रदेश, बिहार और उत्तरप्रदेश के किसान भी अनानास का उत्पादन करने लगे हैं। केरल, आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल में भी 12 महीने अनानस की खेती की जाती है।
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अनानास के लिए जलवायु
अनानास के लिए 22 से 32 डिग्री का तापमान बहुत अच्छा रहता है। अनानास की खेती के लिए दिन-रात के तापमान में कम से कम 4 डिग्री का अंतर होना चाहिए। अनानास के लिए 100 से लेकर 150 सेंटीमीटर की बारिश की ज़रूरत होती है। अनानास के लिये गर्म नमी वाली जलवायु बहुत अच्छी रहती है।
अनानास के लिए उपजाऊ मिट्टी
अनानास की बागवानी के लिए दोमट मिट्टी या रेतीली दोमट भूमि अच्छी होती है। इसके अलावा जल के भराव वाली जमीन में इसकी खेती नहीं करनी चाहिए। इसके लिए अम्लीय मिट्टी का पी.एच. मान 5 से 6 के बीच होना चाहिए। अनानास की खेती के लिए अधिक जीवाश्म वाली बलुई मिट्टी अच्छी रहती है।
अनानास की उन्नत किस्म
अनानस की जायनट क्यू, क्वीन, रैड स्पैनिश, मॉरिशस मुख्य किस्म हैं। अनानास की क्वीन किस्म बहुत जल्दी से पकने वाली किस्म है। जायनट क्यूइस किस्म की खेती पछेती फसल के रूप में की जाती है। रेड स्पैनिशइस किस्म में रोगों का प्रकोप काफी कम होता है। इस किस्म का उपयोग ताज़े फल के रूप में किया जाता है।
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अनानास सिचाई व्यवस्था
अनानास के पौधे का रोपण बारिश के मौसम में किया जाता है तो इसमें सिंचाई की अधिक आवश्यकता नहीं होती है। इसमें सिंचाई के लिए ड्रिप इरिगेशन विधि को अपनाना सबसे उपयुक्त रहता है। पौधों के अंकुरित होने के बाद 10-15 दिनों के अंतराल पर सिंचाई करते रहना चाहिए।
अनानास की लागत और कमाई
लागत की बात करे तो अनानस की कमाई के लिए एक हेक्टेयर खेत में 16 से 17 हजार पौधे लगाए जा सकते हैं। जिससे 3 से 4 टन अनानास का उत्पादन होता है। एक फल लगभग 2 किलो का होता है, जिसका मूल्य बाजार में 150-200 रुपए तक आसानी से मिल जाता है। इसकी प्रोसेसिंग इंडस्ट्रीज में भी काफी अच्छी मांग है। अनानास का उपयोग जूस, डिब्बा बंद स्लाइस आदि में होता है।
Cultivation Of Pineapple