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Coconut Farming : नारियल की खेती कैसे करे, कैसे लाखों रुपए कमाए

Coconut Farming कैसे करे

आज हम आपको बताएँगे की नारियल की खेती Coconut Farming कैसे करते है और इससे होने वाले फायदे और कमाई के बेहतरीन जरिया भी हम आपको बताएँगे ।

नारियल की खेती coconut farming india
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भारतवर्ष मे नारियल के पेड़ लंबे समय तक फल देने वाला पौधा है , इसमे 80 वर्ष तक के होने के बाद तक इसमे फल आते रहते है , आप इसकी खेती कर कमाई कर सकते है , यह 80 साल तक हरा भरा रहता है । नरिया के फल को हिन्दू धर्मा के धार्मिक अनुष्ठानों मे उपयोग किया जाता है । नारियल के पेढ़ को अधिकांश लोग स्वर्ग क पौधा भी कहा जाता है । नारियल के पेढ़ की लंबाई 10 मीटर से अधिक तक की हो सकती है । नारियल के पौधे क ताना पत्ती रहित होता है ।

नारियल के पेढ़ पर लगने वाले फलो क इस्तेमाल कई जगह किया जाता है , इसका उपयोग धार्मिक कार्यो और चिकित्सा के लिए भी किया जाता है , कच्चे नारियल क इस्तेमाल अक्सर लोग नारियल पनि के रूप मे करते है , और इसके कच्चे गूदे को खाया जाता है । पेढ़ पर लगे नरिया जब पक जाते है तब उसका तेल निकाला जाता हाई जिसे मार्केट मे Coconut Oil के नाम से जाना जाता है । इससे निकले तेल क इस्तेमाल खाने से लेकर लगाने और कई तरह की दवाई बनाने के लिए उपयोग मे लायी जाती है ।

अगर आप भी नारियल की खेती Coconut Farming करने के बारे मे सोच रहे हो तो हम आपको इसकी पूरी जानकारी देंगे ऐसे देखते है ।

मिट्टी का परिक्ष्ण ?

जब भी आप नारियल की खेती Coconut Farming करते हो तो आपको सबसे पहले बलुई मिट्टी वाली जगह क चयन करना चाइए नारियल की खेती इसी मिट्टी पर की जाती है । अगर आपके पास बलुई दोमट मिट्टी है और वह पर जल निकासी या जल धारण वाली जगह है तो आप उस जगह पर भी नारियल की खेती कर सकते है । लेकिन चट्टान वाली जगह पर इसकी खेती नही की जा सकती है । अगर आपके पास काली और पथरीली जमीन है तो आप उस पर भी खेती नही कर सकते है । इस लिए नहीं कर सकते है क्यू की नारियल की जड़े बहुत अधिक लंबी होने के कारण यह जमीन के अंदर तक जाती है ।

तापमान और जलवायु ?

जब भी अप नारियल की खेती Coconut Farming करते हो तो आपको खेती के लिए उष्ण और उपोषण जलवायु की जरूरत होती है । इसकी खेती के लिए Low Humidity वाली ज्यादा जरूरी होइट है । नारियल की खेती के लिए आद्रता 60 % तक की होनी चाइए । तब जाकर इसके फलो मे गुणवत्ता की कमी देखने की मिलती है । जब नारियल की खेती करने पर उसमे फल आ जाते है तब उसे पकने के लिए गर्म मौसम की जरूरत होती है ।

नारियल की किस्मे ?

अभी तक देखा जाए तो नारियल की मुखी रूप से दो ही प्रजातियों को देखा गया है , लेकिन नारियल की तीसरी प्रजाति भी विकसित कर ली गयी है । आइये हम आज देखते है :-

लंबी प्रजाति

लंबी प्रजाति के नारियल अक्सर गैर परम्परात क्षेत्रो मे आसानी से उगाये जा सकते है । ये आकार मे बड़े होते है , इनकी उंटर भी देखा जाए तो अन्य प्रजातियों से अधिक होती है । लंबी प्रजातियों के पौधो को पनि की कम जरूरत होती है । इनकी खेती मुखी रूप से पश्चिमी तटीय क्षेत्रो मे की जाती है । इस तरह से लंबे प्रजाति के पौधो के लक्षण होते है ।

बौनी प्रजाति

इस प्रताजी को बौनी प्रजाति इस लिए कहा जाता है क्यू की यह आकार मे छोटे होते है । इस लिए इन्हे बौनी प्रजाति कहा जाता है । इन नारियलों की उम्र लंबे प्रजातियों के अपेक्षा कम होती है । इनकी खेती गैर परंपरागत रूप क्षेत्रो मे नही की जा सकती है । इस पौधो को पनि की अधिक जरूरत होती है इसकी पैदावार बहुत कम होती है , इस फसलों को लगाने पर इनकी देखभाल बहुत अधिक करना होता है इस लिए इसे बहुत कम लगते है ।

संकर प्रजाति

संकर प्रजाति को लंबी और बौनी यह दोनों प्रजाति से मिलकर बनाया गया है । इन किस्मों को निम्न रूप से अलग अलग जलवायु वाले क्षेत्रो के लिए बनाया गया है क्यू की कुछ ही क्षेत्रो मे इसकी खेती हॉट है बाकी क्षेत्रो मे नही इस लिए इस प्रजाति को बनाया गया है । यह प्रजाति का निर्माण केरल क्रषी विश्वविध्यालय और तमिलनाडू क्रषी विश्वविद्धयालय दोनों के द्वारा मिलकर संकर प्रजाति की 10 किस्मों को बनाया गया है । इस प्रजाति को इस लिए तैयार किया गया क्यू की यह अधिक पैदावार दे सकते । इस लिए इसे तैयार किया गया है । इस प्रजाति की किस्मों की खेती कर इस से अधिक पैदावार निकली जा सकती आई ।

खेती की जुताई ?

अगर आप नारियल की खेती करना चाहते हो तो आपको सबसे पहले आने खेत की जुताई करनी चाइए और पूरे खेत को समतल बना लेना चाइए । इससे बारिश का पनि खेत मे रुका नही राहेंगा और खेत मे जलभराव नही होंगा । आपको सबसे पहले 20 से 25 फिट की दूरी पर आपको 1 मीटर लंबे चौड़े गड्डे बना लेना है ,गड्डे आपको एक लाइन से पंक्तियो मे बनाना है । आपको पंक्तियो  मे ही गड्ढे की दूरी होनी चाइए जो 20 से 25 फिट की दूरी पर होना चाइए ।

नारियल का पेढ़ लगाने का समय और तरीका ?

नारियल की खेती करते समय आप जब भी नारियल का पेढ़ लगाने का समय जून से सितंबर तक का सही होता है । जब पेढ़ लगते समय मे बारिश हो ज्जए तो आपको नारियल के पेढ़ नही लगाना चाइए । यह इस लिए नही किया जाना चाइए क्यू की नारियल के पौधो को नष्ट होने की बहुत अधिक संभावना होती है । जहा पर पनि की उचित मात्र होती है वह पर आप 1 महीने पहले ही इसका रोपण कर सकते ही । जिस सामी बारिश के सामी मे बाढ़ आने की समबावना अधिक होती है ऐसे स्थानो पर बारिश के बाद रोपण किया जाना चाइए ।

जब आप नारियल का रोपण करते है तो जिस गड्ढे मे आप रोपण कर रहे हो उसमे आपको पुरानी वाली गोबर खाद को डाल का कुछ दिन तक उसमे ऐसे ही खुला छोड़ दे । उसके बाद इसमे आपको हल्की मिट्टी डाल देना है और ढक देना है । जब यह अच्छी तरह मिट्टी मे मिल जाती है तो आप उस गड्ढे मे खुरपी से या किसी राड़ से गड्ढा कर के उसमे नारियल क पौधा उसमे लगा देना है ।

नारियल के पौधे की देखभाल कैसे करे ?

जब भी आप नारियल की खेती करते होतो आपको बीजो को लगाने के बाद से 3से 4 साल तक पेढ़ो की अच्छी तरह से देखभाल करना है । इस प्रकार आपको प[औधों को ज्यादा गर्मी और ज्यादा सर्दी से बचाकर आपको रखना है । नारियल के पौधो को शुरुआत मे व्रद्धि करने के लिए हवा की जरूरत होती है । आपको जड़ो के पास बचाए गए तीन से चार साल तक एकक छोटा सा गड्ढा बना लें है । बाद मे इसे ढक देना है ।

नारियल की खेती करने पर उसमे सिंचाई के लिए आपको ड्रिप विधि का उपयोग कर सकते है । ड्रिप सिंचाई विधि के कारण पौधो को अच्छी तरह से जल मिल जाता है जिससे पौधा अच्छी तरह से विकसित होने के लिए बन जाता है । और इसका असर पैदावार मे भी देखने के लिए मिल जाता है । जब गर्मी के मौसम मे पौधो को तीन दिन के अंतराल मे पनि देना चाइए । और सरदियों के मौसम मे1 सप्ताह के अंतराल मे सिंचाई कर सकते यह बहुत काफी है ।

इस प्रकार से आप नारियल की खेती कर सकते है । बाकी और भी कोई जानकारी बची तो तो हम आपको आने वाली पोस्ट मे जरूर बताएँगे ।

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