आज के युग में बिना पैसों के जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। प्रत्येक व्यक्ति को अपने तथा अपने परिवार की मूलभूत आवश्यकताओं को पूर्ण करने के लिए पैसों की आवश्यकता होती है।
अब पैसों की आवश्यकता तो होती है परंतु प्रत्येक व्यक्ति विभिन्न तरीकों से पैसे कमाता है। कोई व्यक्ति दिन भर मजदूरी करता है। तब जाकर उसे चंद पैसे मिलते हैं। वही कोई उद्योगपति है जिसने अपना बिज़नस खड़ा कर करोड़ों पैसे कमाए हैं और भविष्य में भी संभव है की इससे भी अधिक पैसों को कमाएगा ।
हम इस अंतर को नहीं बदल सकते हैं और ना ही इस अंतर को दूर कर सकते हैं। किंतु हम अपनी आर्थिक स्थिति सुधारने की और प्रयास कर सकते हैं। हम आपको एक ऐसे बिजनेस आइडिया के विषय में बताएंगे जिसके द्वारा आप चंद सालों में ही अमीर बन सकते हैं।
आपको बस एक कार्य करना है। और कुछ सालों तक इंतजार करना है। और आप पैसे आसानी से तथा अधिक मात्रा में कमा सकते हैं।
तो चलिए प्रारंभ करते हैं आज का यह आर्टिकल ।जिसमें हम आपके सामने एक ऐसी युक्ति को रखेंगे जो आपको बिना ज्यादा मेहनत के धनी कर सकता है।
सागवान के पेड़ों में पत्ते नहीं पैसे लगते हैं:-
आपको जाहिर सी बात है कि यह बात महज एक मजाक ही लग रही होगी। के सागवान के पेड़ में पत्ते नहीं पैसे लगते हैं। है ना ! आज तक केवल कहावत और तानो में ही सुना होगा कि पैसे क्या पेड़ पर लगते हैं। तो जी हां। यह एक ऐसा पेड़ है जो एक बार बड़ा हो जाने के बाद आप पर पैसों की बारिश कर देगा।
पेड़ तो हमारे देश में बहुत सारे हैं। लेकिन उनमें यह सागवान वाली गुणवत्ता नहीं है। सागवान के लकड़ी की बाजार में बहुत ज्यादा डिमांड है। और यह उपलब्ध है एकदम कम मात्रा में। यदि ऐसी स्थिति में आप भी सागवान की लकड़ियों को बेचने लगे तो आप अनुमान लगा सकते हैं कि आप की कमाई कितनो की होगी।
कहां उगाया जा सकता है सागवान के पेड़ों को:-
वैसे तो खाद्य फसलों की भांती इसकी कोई अनुकूल परिस्थितियों की मांग नहीं होती है। हमारे देश में विभिन्न इलाकों में विभिन्न मौसम और तापमान पाया जाता है। कहां राजस्थान का सूखा इलाका वही कहा मेघालय का बरसाती इलाका। कहां जम्मू कश्मीर की जमा देने वाली सर्दी तो वही कहां तमिलनाडु, केरल ,कर्नाटक की झुलसा देने वाली धूप।
ना केवल मौसम और तापमान में इतना अंतर है। इसके अतिरिक्त मिट्टी की गुणवत्ता में भी उतनी ही विविधता पाई जाती है।
लेकिन इन सभी जगहों पर सागवान के पेड़ लगाए जा सकते हैं।
भला सागवान की लकड़ी का क्या प्रयोग:-
लकड़ी का प्रयोग तो लगभग सभी जगहों पर देखा जा सकता है।
- कहीं घरों के निर्माण में
- जहाजों को बनाने के लिए
- जलावन के लिए लकड़ी के रूप में
- घरों में प्रयोग होने वाले फर्नीचर के निर्माण में
- दरवाजे और चौखट बनाने में
जानिए सागवान की लकड़ी की गुणवत्ता:-
- सागवान की लकड़ी टेढ़ी-मेढ़ी नहीं होती है।
- यह सीधी होती है।
- इसमें दिमक अन्य लकड़ी की तुलना में देरी से लगती है।
- यह लकड़ी बहुत ही अधिक मजबूत होती है।
- मजबूत होने के साथ-साथ यह वजन में भी बहुत हल्की होती है।
- जहाज के निर्माण के लिए अत्यंत बढ़िया लकड़ी है।
एक सागवान के पेड़ से लगभग ₹20000 के आसपास पैसे मिल जाते हैं। यदि आप सागवान पेड़ की खेती करने के विषय में सोच रहे हैं तो सागवान की खेती आप को बहुत अधिक लाभ देगी।
सागवान के पेड़ उगाने के लिए कम पानी , कम खर्च और कम मेहनत लगती है। यदि आप 1 एकड़ जमीन में सागवान के पेड़ों को लगाते हैं तो यह आपको 12 वर्षों के पश्चात करोड़पति बना देगी।
सागवान के पेड़ कब लगाएं:-
यदि आप भी सागवान के पेड़ लगाने के विषय में सोच रहे हैं तो आपको बता दें कि इसको लगाने का सबसे बढ़िया समय मॉनसून का होता है। अर्थात अगस्त ,सितंबर और अक्टूबर का महीना इसकी खेती करने हेतु सर्वोत्तम होता है।
सागवान की खेती किस प्रकार की जाती है:-
आपको सागवान की खेती करने के लिए सर्वप्रथम खेत की जुताई करनी होगी। उस खेत में कभी लगाए गए पुराने फसलों के अवशेष को पूर्णता खत्म करना होगा। तत्पश्चात खेत में 8 से 10 फीट की दूरी में रख कर दो फीट चौड़ा और 1:30 फीट गहरा गड्ढा तैयार करना होगा। हां बता देगी आपको अच्छे उर्वरक की आवश्यकता होगी क्योंकि सागवान के वृक्षों को अधिक उर्वरक की आवश्यकता होती है।
सागवान के पेड़ों को उगाने के लिए किसने दिया प्रोत्साहन:-
सागवान वृक्ष का इतिहास स्वतंत्रता से भी पीछे तक जाता है। उस समय अंग्रेज हमारे देश द्वारा बनाए गए सामानों को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने के लिए रेल गाड़ियों का प्रयोग किया करते थे। उन रेलगाड़ियों की पटरी को आपस में अलग न होने देने के लिए लकड़ी के तख्तों का प्रयोग किया जाता था। और इन तख्तों का सीधा , सपाट , मजबूत और हल्का होना अनिवार्य था। यह गुणवत्ता केवल और केवल सागवान की लकड़ी में ही थी।
जिस वजह से इसकी उत्पादकता में वे विशेष ध्यान केंद्रित किया करते थे। रेल की पटरीओ को जोड़ने के अतिरिक्त सागवान की लकड़ी का प्रयोग जहाजों को बनाने हेतु भी किया जाता था। सागवान की लकड़ी हल्की , मजबूत और पानी में तैरती थी। इसके इसी गुणवत्ता के कारण जहाज बनाने में किसका प्रयोग किया जाता था।
इन्हीं सब गुणवत्ता के कारण आज भी इन लकड़ियों का प्रयोग किया जाता है।
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