Homeब्रेकिंग न्यूज़इस समय सोयाबीन की फसल में इस तरह करें कीट एवं खरपतवारों...

इस समय सोयाबीन की फसल में इस तरह करें कीट एवं खरपतवारों का नियंत्रण

सोयाबीन की फसल में कीट एवं खरपतवार का नियंत्रण

 

देश में कई राज्यों में खरीफ सीजन में सोयाबीन की खेती की जाती है।

सोयाबीन की बुवाई शुरू करने का समय अब लगभग समाप्त हो चुका है परंतु कई किसान अभी तक वर्षा की कमी के चलते सोयाबीन की बुआई नहीं कर पाए हैं।

अभी की परिस्थिति को देखते हुए इंदौर स्थित सोयाबीन अनुसंधान केंद्र ने किसानों के लिए विशेष सलाह जारी की है। 

सोयाबीन अनुसंधान केंद्र द्वारा जारी की गई सलाह में बताया गया है कि सोयाबीन की बुआई हेतु जुलाई माह के प्रथम सप्ताह तक का समय सबसे उपयुक्त होता है।

अतः जो किसान अभी तक बोनी नहीं कर पाए हैं वह किसान अपने क्षेत्र के अनुकूल कोई अन्य फसल का चयन कर लगाएँ।

 

इस वर्ष सोयाबीन की खेती किये जाने वाले क्षेत्रों में बोवनी की तिथियों में काफी अंतर है।

कुछ क्षेत्रों में जहां सोयाबीन की फसल 20–25 दिन की एवं कुछ क्षेत्रों में 10–15 दिन की हो गई है वहीं कुछेक क्षेत्रों में इसकी बोनी पिछले सप्ताह ही हुई है|

अत: उक्त परिस्थितियों में सोयाबीन कृषकों के लिए निम्न कृषि कार्य अपनाने की सलाह है|

 

सोयाबीन में खरपतवार का नियंत्रण

  • सोयाबीन में खरपतवार नियंत्रण के लिए वरीयता अनुसार हाथ से निंदाई/डोरा/कुलपा/ खड़ी फसल में उपयोगी रासयनिक खरपतवारनाशक में से किसी एक विधि का प्रयोग करें। 
  • जिन कृषकों ने बोवनी पूर्व या बोवनी के तुरंत बाद उपयोगी खरपतवारनाशक का छिड़काव किया है, वे 20–30 दिन की फसल होने पर डोरा / कुलपा चलायें।

इन दवाओं से करें सोयाबीन में कीटों का नियंत्रण

  • बोनी की तिथियों में भिन्नता होने से कीटों का प्रकोप भी अधिक समय तक रहने की आशंका हैं। अत: सुरक्षात्मक रूप से कीटनाशकों का छिड़काव करें | सलाह हैं कि पत्ती खाने वाले कीटों से सुरक्षा हेतु फूल आने से पहले ही सोयाबीन फसल में क्लोरइंट्रानिलिप्रोल 18.5 एस.सी. (150 मिली./हे.) का छिड़काव करें | इससे अगले 30 दिनों तक पर्णभक्षी कीटों से सुरक्षा मिलेगी |
  • जिन्होंने बोवनी के तुरंत बाद उपयोगी खरपतवारनाशकों का अभी तक प्रयोग नहीं किया हैं, सलाह हैं कि अनुशंसित कीटनाशकों के साथ संगतता पाए जाने वाले निम्न खरपतवारनाशकों एवं कीटनाशकों में से किसी एक को मिलाकर छिडकाव करें।
  • कीटनाशक :- क्लोरइंट्रानिलिप्रोल 18.5 एस.सी. (150 मिली/हे.) या किव्नाल्फोस 25 ई.सी. (1 ली. / हे.) या इंडोक्साकर्ब 15.8 एस.सी (333 मि.ली./हे.)
  • खरपतवारनाशक :- इमाजेथापायर 10 एस.एल. (1 ली./हे.) या किव्जालोफोप इथाइल 5 ई.सी. (1 ली./हे.)
  • कुछ क्षेत्रों में सोयाबीन फसल में तना मक्खी का प्रकोप होने के लक्षण देखे गए हैं। इसके नियंत्रण हेतु सलाह हैं कि पूर्वमिश्रित कीटनाशक थायोमिथोक्सम 12.60% + लैम्ब्डा सायहेलोथ्रिन 09.50% जेड.सी. (125 मिली./हे.) छिड़काव करें|

डाउनलोड करें लैंड कैलकुलेटर ऐप

find out how many acres of land by walking around the farm

group banner

यह भी पढ़े : पैडी (राइस) ट्रांसप्लांटर सब्सिडी पर लेने के लिए आवेदन करें

 

यह भी पढ़े : खरीफ फसलों की बीमा-दरें निर्धारित, अंतिम तारीख 31 जुलाई

 

शेयर करे

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular