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अश्वगंधा की खेती कैसे करे? पूरी जानकारी

अश्वगंधा की खेती कैसे करे? पूरी जानकारी अश्वगंधा एक ऐसी औषधि फसल है जो कि हर एक मानव जाति अपने रोजमर्रा के जीवन में उपयोग करता है। अश्वगंधा की खेती पर किसान भाई अपना मुनाफा आसान तरीके से बढ़ा सकते हैं।

अश्वगंधा की खेती कैसे करे? पूरी जानकारी
अश्वगंधा की खेती कैसे करे? पूरी जानकारी

अश्वगंधा औषधि प्रजाति का फसल है। और साथ ही आपको बता दें , कि किसान भाई इसको कम लागत में आसान तरीके से कर सकते हैं। खुशखबरी की बात यह है कि, अन्य फसलों की अपेक्षा इस पर प्राकृतिक आपदा का भी डर जो है वह बहुत ही कम रहता है।




तो आज हम बात करेंगे कि, आखिरकार किस तरीके से अश्वगंधा आपके जीवन के लिए बहुत ज्यादा जरूरी सामग्री है और किस तरीके से किसान भाई इसकी फसल कर अपना जीवन सुखी से यापन कर सकते हैं।

अश्वगंधा क्या है?

अश्वगंधा ऐसी प्रकार की औषधि फसल है । अश्वगंधा एक अद्वितीय गंध और ताकत बढ़ाने की क्षमता रखने वाला पौधा है.।




इसका वानस्पतिक नाम विथानिया सोम्निफेरा है।

अश्वगंधा महिलाओं के लिए काफी लाभकारी होता है।

साथ ही इससे कई औषधी और दवाइयां बनाई जाती हैं। यहीं कारण है कि इसकी मांग हमेशा बनी रहती है।अश्वगंधा के फल के बीज, पत्ते, छाल, डंठल और जड़ों की बिक्री होती है और अच्छी कीमत मिलती है।अश्वगंधा की खेती को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार योजनाएं भी चला रही है।

अश्वगंधा फसल के लिए उपयुक्त मिट्टी?

आपको बता दें कि की फसल की बुआई दो प्रकार से की जाती है. पहली विधि है कतार विधि।




इसमें पैधे से पौधे की दूरी 5 सेंटीमीटर और लाइन से लाइन की दूरी 20 सेंटीमीटर रखी जाती है।

दूसरा है छिड़काव विधि- इस विधि से ज्यादा अच्छे तरह से बुआई होती है।




हल्की जुताई कर के रेत में मिलाकर खेत में छिड़का जाता है. एक वर्ग मीटर में तीस से चालीस पौधे होते हैं।

अश्वगंधा की फसल कैसे करे इसकी मुख्य जानकारी?

आपको बता दे तो अश्वगंधा फसल की मदद से अश्वगंधा की बुआई के लिए सबसे उपयुक्त समय अगस्त का महीना होता है। इसकी खेती करने के लिए एक से दो बारिश अच्छी बारिश के बाद खेत की दो जुताई के बाद पाटा चलाकर समतल कर दिया जाता है।




जुताई के समय ही खेत में जैविक खाद डाल देते हैं। बुआई के लिए 10 से 12 किलो बीज प्रति हेक्टेयर की दर से पर्याप्त होता है।

सामान्यत: बीज का अंकुरण 7 से 8 दिन में हो जाता है. 8-12 महीने पुराने बीज का जमाव 70-80 प्रतिशत तक होता है।



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