Apple (सेब) Farming Kaise Kare
सेब Apple को तो आप सभी लोग अच्छी तरह जानते ही होंगे , इसके खाने के बहुत सारे फायदे होते है , बीमारियो मे अक्सर लोग सेब का ही सेवन करते है । इस लिए बाजारो मे यह बहुत महंगी कीमतों मे बेचे जाते है । आज हम आपको इसके बारे मे पूरी जानकारी देंगे सेब को लगाने ए बेचने तक की । आइए देखते है :-
सेब की खेती के लिए मिट्टी व जलवायु ?
सेब की खेती के लिए अच्छी तरह की दोमट मिट्टी होनी चाइए जिक्की गहराई 45 सेमी और पीएच 5.5-6.5 तक की होनी चाइए इससे पैदावार अच्छी होती है । मिट्टी हाई अधः स्तर और जल मग्न परिस्थितियो से मुक्त होनी चाइए । इसमे भारी मिट्टिका वाली मिट्टी से बचना चाइए ।
सेब की खेती के लिए जलवायु बहुत फायदेमंद होती है । सेब के लिए शीतोष्ण फल है । लेकिन भारत मे सेब का उत्पादन क्षेत्र शीतोष्ण कटिबंधी क्षेत्र मेनही आते है , परंतु लेकिन इसमेप्रचलित समशीतोष्ण जलवायु हिमालयी परवातमालाओ और ऊंचे स्थानो के कारण होते है । गरमियो मे औसतन तापमान लगभग 21-24 डिग्री सेल्सियस होना चाइए । सेबो की उन क्षेत्रो मे अधिक पड़वार होती है । यह समुद्र ताल से 1500-2700 मीटर की ऊंचाई पर उगाये जाते है । सेबो की उन्नत खेती के लिए 1000-1250 मिमी सु वितरित वर्षा सेब के पेड़ो की सार्वोत्तम व्रद्धि और परिपूर्न्ता के लिए सबसे अनुकूल है ।
खाद
सेब की फसल मे उर्वरक कि मात्रा मिट्टी की उर्वरता और फसल पर अनुप्रयोग की जाती है जिसमे जैविक खाद पर यह निर्भर करती है । यह समान्यतौर पर से विकसित पेढ़ों के विभाजन मात्र 350 जी एन 175 जेपी 2ओ 5 और 350 जी के 2 ओ प्रति पौधो प्रतिवर्ष के अनुप्रयोग की सिफ़ारिश की जाती है यह किसमे पौधो को अधिक लाभ पाहुचती है जिसके कारण यह खाद के बारे मे बताया जाता है ।
किस्मे
सेब Apple की खेती के लिए हमे उन्नत किस्मों की फसल लगानी पढ़ती है जिसमे हमे अच्छा खासा फाइदा मिलता है , जिसे लगाकर हम अच्छी कमाई कर सकते है । इसमे तरह तरह की फसल की किस्मे जैसे रैड डिलीशियस मौसम के मध्य मे जो हिमाचल प्रदेश मे पाया जाता है । गोल्डन डिलीशियस मौसम के आखरी मे क्षेत्र जम्मू कश्मीर हिमाचल प्रदेश । , चौबत्तिया अनुपम क्षेत्र मे जो उत्तर प्रदेश , लाल अंबरी क्षेत्र जम्मू व कश्मीर ।
जिसमे सेब Apple की विदेशी किस्मे भी पायी जाती है जिसमे निम्न किस्मे जैसे , इटली टेबल प्रयोजन , बरेब्र्न , मोगेन्दी , गोल्डन सुप्रीम पिंक लेडी आदि तरह की विदेशी किस्मे दिखाई मिलती है । जो अलग अलग वातवर्ण मे दिखाई देती है ।
सेब की बाजार मे मांग
सेब Apple की बाजार मे मांग बहुत अधिक होती है जिसके कारण इसे लगाना बहुत लोग पसंद करते है इसमे बहुत फ़ायदा मिलता है जिसके कारण इसे हर किसान लगाना चाहता है इसकी खेती करना चाहता है लेकिन कुछ लोगो को इसकी पूरी ज्ंकरि नही होती है जो हमने आपको इसके बारे मे बताया है ।
सेब के पेढ़ का रोपण कैसे करे ?
सेब Apple के पौधो की रोपाई खेत मे बनये गए गड्ढो मे ही की जाती है । इन गड्ढो की दूरी उचित होनी चाइए । इन गड्ढो के मध्य छोटे गड्ढे बनाकर उसमे गोमूत्र का उपचरित कर लेना चाइए । उसके बाद ही पौधो को इन गड्ढो मे लगाना चाइए । सेब के पौधो की जड़ो मे अधिक दिन तक नमी बनाने के लिए उसमे नारियल के छिलके भी डाल सकते है । जिससे पौधे की जड़ो मे नमी बनी रहेंगी ।
जब भी आप पौधो को नर्सरी से लेकर आते हो तो वह एक साल पुराने होने चाइए जो पूरी तरह स्वस्थ रहना चाइए । सेब के पौधो की रोपाई जनवरी और फरवरी मे ही की जानी चाइए जो इनके लिए बहुत फायदे मांग समय होता है । जिससे पौधो को उचित समय तक अच्छा वातावरण मिलता है और पौधे अच्छे तरह से विकास कर पते है ।
खरपतवार पर नियंत्रण ?
पौधो की अच्छी तरह से उगाने के ल्लिए उनके अंदर अधिक खरपतवारों पर नियंत्रण करना जरूरी है । जिसके लिए खेत की निराई गुड़ाई की जाती है । जब भी कोई भी पौधे लगते हो तो उनके उप्पर किसी भी तरह की रसायनिक पदार्थो का उपयोग नही करना चाइए । इससे पौधो को बहुत हानी होती है । खरपतवार से बचने के ल्ये जब भी खेत मे दिखे तो उसकी समय समय पर निराई गुड़ाई करनी चाइए ।
रोगो से रोकथाम और उपचार ?
सेब के पौधो मे भी तरह तरह के रोग देखने के लिए मिलते है जिसके कारण पौधे की पैदावार और विकाश रुख जाता है और फिर हमे बहुत अधिक नुकसान देखने के लिए मिलता है । इस रोगो से बचने के लिए इसका उपचार जल्द से जल्द समय रहते करा लेना चाइए और फसलों को नुकसान होने से बचा लेना चाइए । इसमे लगने वाले रोग , क्लियरविंग मोठ , सफ़ेद रूईया किट रोग , सेब पापड़ी रोग , आदि प्रकार के रोग देखने के मिलते है जिनका समय रहते उपचार कर लेना चाइए ।
फसलों की तुड़ाई और पैदावार ?
सेब की फसल लगने केबड़ 130 से 140 दिन बाद फूल आने के बाद से तुड़ाई के लिए तैयार हो जाते है । जब फल पूरी तरह से आकार मे आ जाता है और कलर मे परिवर्तन दिखाई देता है तो वह तुड़ाई के लिए तैयार हो जाता है । जब भी फलो को तुड़ाई करते है तो उन्हे थोड़े से डंठल के साथ तोड़ना चाइए इससे यह बहुत दिन तक ताजे जैसे रहते है ।
जब भी आप फलो को तोड़े के उनके आकार और कलर चमक के आधार पर तोड़ लेना चाइए जिससे बाजार मे यहबिकने के लिए पूरी तरह से तैयार हो सके और इनकी डिमांड अधिक होने के चलते कमाई और भी अधिक हो जाएंगी ।
यह 3-4 साल बाद और लगने के लिए तैयार हो जाते है । सेब के आकार धीरे धीरे बढ़ता है । इसमे 3 साल के बाद 80% तक फल आ जाते है , और 6 साल बाद इसमे पूरी तरह से फल लगना शुरू हो जाता है । लेकिन यह फल एक साथ मे बहुत अधिक दे देता है । 1 एकड़ के खेत मे 400 से अधिक पौधो को लगाया जा सकता है ।
जिससे फल बेचने पर किसान भाइयो को बहुत अधिक कमाई होती है और इसमे ज्यादा बेनीफिट मिलता है इसमे लाखो तक की कमाई हो जाती है ।