पितृ पक्ष में अमावस्या पर अपने पूर्वजों की याद को अर्पित करने के लिए करने का रिवाज होता है. इस दौरान पितरों के आत्माओं को तृप्ति मिलने का विशेष महत्व होता हैअमावस्या व्रत भी धार्मिक मान्यताओं में महत्वपूर्ण है. इसमें लोग नियमित रूप से व्रत रखते हैं और इस दिन विशेष पूजा, ध्यान और दान करते हैं. यह व्रत मन को शुद्ध करने, आत्मशुद्धि करने और अच्छे कर्मों के प्रति समर्पण करने का अवसर प्रदान करता है।
AMAVASYA JULY 2023: अमावस्या का दिन होता है बेहद खास,जानिए कैसे मिलेगा अमावस पर पुण्य और क्यों है इसका महत्व
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AMAVASYA JULY 2023: अमावस्या का दिन होता है बेहद खास,जानिए कैसे मिलेगा अमावस पर पुण्य और क्यों है इसका महत्व
अमावस्या का महत्व
अमावस्या का महत्व व्यक्ति के आध्यात्मिक और सामाजिक संबंधों को मजबूत करने में भी होता है. इस प्रकार, अमावस्या धार्मिक, आध्यात्मिक और सामाजिक आयामों में महत्वपूर्ण होती हैविभिन्न धार्मिक संप्रदायों में अमावस्या का महत्व अलग-अलग हो सकता है. यह दिन ध्यान, उपासना, तपस्या, दान और धर्मिक कार्यों के लिए एक अवसर होता है।
AMAVASYA JULY 2023: अमावस्या का दिन होता है बेहद खास,जानिए कैसे मिलेगा अमावस पर पुण्य और क्यों है इसका महत्व
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AMAVASYA JULY 2023: अमावस्या का दिन होता है बेहद खास,जानिए कैसे मिलेगा अमावस पर पुण्य और क्यों है इसका महत्व
अमावस्या (Amavasya july 2023) का अलग-अलग धर्म में महत्व
अमावस्या को धार्मिक विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक परंपराओं में महत्वपूर्ण दिन माना जाता है यह अंधकार का दिन होता है, जब पूर्णता की अवस्था से दूर होता है और नये चंद्रमा की प्रारंभिक दृष्टि देता है इसलिए, अमावस्या को ध्यान और साधना के लिए एक उचित अवसर माना जाता है. यहां कुछ धार्मिक संप्रदायों और आध्यात्मिक विचारधाराओं में अमावस्या के दिन को महत्व दिया जाता है.
• हिन्दू धर्म- हिन्दू धर्म में,को पितृ पक्ष के दौरान महत्वपूर्ण माना जाता है. पितृ पक्ष में अमावस्या के दिन अपने पूर्वजों की आत्माओं को याद करने, उन्हें श्रद्धा और प्रेम के साथ तर्पण करने का विशेष अवसर होता है. यह मान्यता है कि इस दिन पितरों की आत्माओं को संतुष्ट करने से उनकी आत्मा शांति प्राप्त करती है।
• जैन धर्म- अमावस्या के दिन जैन धर्म में संयम और तपस्या का महत्व दिया जाता है. जैन धर्म के अनुसार, अमावस्या का दिन अपने आपको अधिक संयमित करने, व्रत और उपवास रखने का अवसर होता है. यह आत्मशुद्धि और स्वाध्याय के लिए एक उपयुक्त अवसर माना जाता है।
• इस्लाम- इस्लाम धर्म में, अमावस्या को शबे बरात के रूप में मान्यता प्राप्त है. इस मौके पर, मुसलमान रात को मस्जिदों में जाकर दुआएं करते हैं और अल्लाह से माफी मांगते हैं. यह मान्यता है कि इस रात को अल्लाह रात के दौरान को की गई दुआओं को सुनते हैं और लिखते हैं।
• बौद्ध धर्म- अमावस्या को बौद्ध धर्म में उपासना और ध्यान के लिए एक प्रमुख दिन माना जाता है. बौद्ध भिक्षुसंघ अमावस्या के दिन विश्राम और मनन के लिए अधिक समय निकालता है।