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कम समय में बनना है करोड़पति तो आज ही शुरू करें काजू की खेती, भारत नहीं विदेशों में भी है इसका डिमांड

पहले ग्रामीण क्षेत्रों में ही खेती किसानी को अच्छा माना जाता था लेकिन आज के समय में शहरी क्षेत्र के बच्चे भी खेती किसानी में अपना हाथ आजमाने लगे.

आपको बता दें कि खेती में आज के समय में काफी अच्छा मुनाफा होने लगा है यही कारण है कि लोग खेती करके कम समय में अमीर बनना चाहते हैं. खेती में वैज्ञानिक तरीकों का उपयोग करने से लोगों को काफी फायदा होता है.

आज कई तरह की खाद और रासायनिक तरीके मौजूद है जिसका उपयोग करने से काफी अच्छा मुनाफा होने लगा है इसलिए लोग खेती करके कम समय में अमीर बनना चाहते हैं.

खेती के माध्यम से अमीर बनना चाहते हैं तो आज हम आपको एक ऐसे खेती के बारे में बताने वाले हैं जो आपको कम समय में करोड़पति बना सकता है. आज हम आपको काजू की खेती के बारे में विस्तार से बताने वाले हैं. आइए जानते हैं काजू की खेती का सही तरीका.

कैसे होती है काजू की खेती
ऊष्णकटिबंधीय स्थानों पर इसकी अच्छी पैदावार होती है. जिन जगहों पर तापमान सामान्य रहता है वहां पर इसकी खेती करना अच्छा माना जाता है. इसके लिए समुद्रीय तलीय लाल और लेटराइट मिट्टी को इसकी फसल के लिए अच्छा माना जाता है. इसलिए दक्षिण भारत में बड़े पैमाने पर इसकी खेती की जाती है. इसकी खेती समुद्र तल से 750 मीटर की ऊंचाई पर करना चाहिए. अच्छी पैदावार के लिए इसे नमी और सर्दी बचाना होता है. क्योकि नमी और सर्दी की वजह से इसकी पैदावार प्रभावित होती है. अगर अच्छी तरह से देखभाल की जाए तो काजू की खेती कई तरह मिट्टियों में की जा सकती है.

कम समय में बनना है करोड़पति तो आज ही शुरू करें काजू की खेती, भारत नहीं विदेशों में भी है इसका डिमांड

काजू  की खेती के लिए उपयुक्त मौसम

काजू की खेती में ऊष्णकटिबंधिय जलवायु को सबसे अच्छा माना जाता है. इसके अलावा गरम और आद्र जलवायु जैसी जगहों पर इसकी पैदावार काफी अच्छी होती है. काजू के पौधो को अच्छे से विकसित होने के लिए 600-700 मिमी बारिश की जरुरत होती है. सामान्य से अधिक सर्दी या गर्मी होने पर इसकी पैदावार प्रभावित हो सकती है. सर्दियों में पड़ने वाला पाला भी इसकी फसल को नुकसान पहुंचाता है.

काजू की खेती के लिए ऐसे करें तैयारी
काजू लगाने के लिए खेत की अच्छी तरह से दो बार गहरी और तिरछी जुताई करनी चाहिए. इसे लगाने के लिए दो पौधों के बीच की दूरी चार मीटर होनी चाहिए. इस तरह से एक हेक्टेयर में 500 पौधे लगा सकते हैं. लगाने से पहले गड्ढे में गोबर की खाद को उचित मात्रा में मिट्टी से मिला कर भरना होता है. इसके बाद अच्छे से गड्ढों को भरकर इसकी सिंचाई करनी चाहिए. काजू के पौधों को तैयार करने के लिए इसके बीज को सीधे खेत में लगाया जा सकता है.

काजू के पौधों को लगाने के लिए एक महीने पहले ही गड्ढा तैयार करना चाहिए. इसके बाद अच्छे से गड्ढे की निकाई गुड़ाई करके उसमें छोटा गड्ढा करके काजू के पौधे लगा सकते हैं. बारिश के मौसम में इसके पौधे लगाने से इन्हें सिंचाई की जरुरत नहीं होती है और जल्दी ही पौधे तैयारहो जाते हैं.

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