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शरीर ही नहीं दिल भी बड़ा:जिस कुत्ते ने मां को मारा उसे छोड़ने को तैयार ना था बेटा,यूपी ही नहीं देश ने देखी इंसानियत की मिसाल

मालकिन सुशीला त्रिपाठी की जान लेने वाले हिंसक पिटबुल प्रजाति के कुत्ते ब्राउनी को नगर निगम की टीम बृहस्पतिवार को साथ ले गई। हालांकि, सुशीला का बेटा अमित त्रिपाठी ब्राउनी को नगर निगम की टीम को सौंपने को तैयार नहीं हो रहा था। काफी समझाने-बुझाने के बाद वह ब्राउनी को अपनी गोद में लेकर वाहन तक छोड़ने आया। फिलहाल उसे जरहरा स्थित स्वान केंद्र में एकांतवास में रखा जाएगा। दो दिन बाद उसकी नसबंदी होगी।
कुत्ता

बृहस्पतिवार सुबह 11 बजे नगर निगम की टीम कैसरबाग के बंगाली टोला में दिवंगत सुशीला त्रिपाठी के घर पहुंची। ब्राउनी ने इसी घर में मंगलवार को हमला कर अपनी मालकिन की जान ले ली थी। निगम की टीम को देखते ही अमित त्रिपाठी नाराज हो गए।

नगर निगम के पशु चिकित्सक डॉक्टर अभिनव वर्मा ने उनको समझाया कि वह जिस कुत्ते को लेकर इतने भावुक हैं, उसी ने उनकी मां पर हमला किया था। पड़ोसियों में भी इसे लेकर नाराजगी और डर है। ऐसे में कुत्ते को इस घर में रखना ठीक नहीं है। करीब 10 मिनट तक समझाने के बाद अमित तैयार हुए।

डॉक्टर अभिनव ने उनसे कहा कि वे खुद उसे लेकर नगर निगम की गाड़ी तक चलें, ताकि उसके व्यवहार का भी पता चल सके। अमित उसे अपनी गोद में लेकर चले और उसके मुंह पर उन्होंने तौलिया डाल दिया, ताकि वह यह न जान सके कि उसे कहां ले जाया जा रहा है। इस दौरान हिंसक कुत्ते को देखने के लिए वहां भीड़ जमा हो गई।

15 दिन बाद तय होगा, किसे मिलेगा ब्राउनी
नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि 15 दिन तक कुत्ते के व्यवहार पर नजर रखी जाएगी। सामान्य होने पर 15 दिन के बाद ही उसे किसी को देने पर विचार किया जाएगा। यह भी संभव है कि ब्राउनी को किसी प्रशिक्षित ट्रेनर को गोद दिया जाए। डॉ. अभिनव वर्मा ने बताया कि जरहरा तक लाते वक्त कुत्ते का व्यवहार सामान्य रहा। उसने कोई आक्रामकता नहीं दिखाई। फिलहाल ब्राउनी को अमित त्रिपाठी को नहीं सौंपा जाएगा।

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