सोयाबीन यह हमारे भारत में बहुत ही मशहूर फसलों में से एक माना जाता है। सोयाबीन को गोल्डन बींस के नाम से भी जाना जाता है। यह एक तिलहन फसल होती है। इससे भारत में सोयाबीन करीबन 18% तेल की पूर्ति हो जाती है। भारत में सोयाबीन से अलग-अलग सब्जियां और व्यंजन बनाए जाते हैं जो कि बेहद स्वादिष्ट लगते हैं। तो आज हम इस लेख में जानेंगे कि सोयाबीन की खेती किस तरह की जाती है।
किस तरह की भूमि में होती है सोयाबीन की खेती
जब भी आप सोयाबीन की खेती करते हैं तो हमेशा हल्की मिट्टी और रेतीली भूमि को छोड़कर सभी प्रकार की भूमि में सोयाबीन हो पाया जा सकता है। लेकिन हमें हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि जिस भी मिट्टी में पानी का निकास और चिकनी दोमट भूमि होती है वह सोयाबीन की फसल करने के लिए बहुत ही उपयुक्त मानी जाती है। जिन भी खेतों में पानी रुक जाता है, उनमें सोयाबीन बिल्कुल भी ना करें।सोयाबीन
अगर हम सोयाबीन की खेती करना चाहते हैं तो हमें उसके लिए भूमि तैयार करनी ग्रीष्म काल से शुरू कर देनी चाहिए। जम्मू में तैयार करते हैं तो उसके लिए सबसे पहले प्लाऊ करना चाहिए जिसके बाद कल्टीवेटर और बाद में रोटावेटर भी चलाना चाहिए।
अब आप सोच रहे होंगे कि प्लाऊ क्यों करना चाहिए तो हम आपको बता दें कि अगर हम भूमि पर पिलाओ करते हैं तो इससे भूमि में उपस्थित जो भी हानिकारक कीटाणु होते हैं वह खत्म हो जाते हैं। इसे करने से पुरानी फसलों की जड़े भी टूट जाती है और मिट्टी भुरभुरी हो जाती है। जब आप फसलों में प्लाऊ चला देते हैं तो आपको भूमि को 1 महीने तक धूप लगने देनी चाहिए।सोयाबीन
कब की जाती है सोयाबीन की कटाई
जब हम सोयाबीन की फसल उगाते हैं तो यह लगभग 90 से 120 दिनों में उग जाती हैं। अगर आपको लगे कि सोयाबीन के पत्ते सूख रहे हैं और गिरने लग गए हैं। साथ ही साथ फलिया भी सूख रही है तो यह समय आप समझ जाइए कि यह सोयाबीन की कटाई का समय आ चुका है। अगर आप सोयाबीन कटाई करवा रहे हैं तो हमेशा मजदूरों द्वारा इसकी दराती करवाएं। साथ ही साथ उसके बाद सोयाबीन को एक बार धूप में सुखाने के लिए रख दें। बाद में उसकी थ्रेशिंग करवा दें।
सोयाबीन की खेती में कितना लग जाता है खर्चा
अगर आप सोयाबीन की खेती 1 एकड़ में कर रहे हैं तो आप खेत बनवाई में कम से कम 2500 रुपए खर्च कर देंगे। अगर हम सोयाबीन के बीज के बाद करें तो इसके बीज ₹65 किलो के भाव से आ रहे हैं तो आपको 1 एकड़ जमीन के लिए तकरीबन 40 किलो बीज चाहिए तो इसके लिए आप की कुल लागत 2600 रुपए लग जाएगी।
जिसके बाद आपको बुवाई, निंदाई गुड़ाई, दवाइयां, कटाई, थ्रेशिंग, और अन्य लागत भी आपको लगानी पड़ेगी। जिसके बाद आपको लगभग 16000 से लेकर 18000 तक की लागत लगानी पड़ जाएगी।
कितनी होनी चाहिए बीज की मात्रा
अगर आप सोयाबीन की खेती कर रहे हैं तो आप सोयाबीन के बीज का भी इस्तेमाल करेंगे। अगर आप 1 एकड़ खेत में सोयाबीन की खेती कर रहे हैं तो आपको 25 से 30 किलोग्राम बीजों का प्रयोग करना होगा।
कितनी दूरी पर लगाया जाता है सोयाबीन
जब हम सोयाबीन की खेती करते हैं तो हमें उपजाऊ मिट्टी में दो जुताई के बीच 45 सेमी साथी साथ हल्की मिट्टी में 30 सेमी करनी चाहिए। सोयाबीन के दो पौधों के बीच 10 से 15 सेमी की दूरी होनी चाहिए। सोयाबीन के बीज बड़े पैमाने पर बोने चाहिए। जब भी हम सोयाबीन के बीज की बुआई करते हैं तो उसमें कम से कम 4 से 5 सेमी तक की गहराई रखनी चाहिए। अगर हम बहुत गहरी या फिर बहुत उतनी बुवाई कर देते हैं तो फसल सही से नहीं होती है।
क्या है सोयाबीन के फायदे
सोयाबीन के बहुत से फायदे होते हैं, जिससे हमारी सेहत बहुत ही अच्छी रहती है। तो हम आपको बताते हैं कि सोयाबीन के कौन-कौन से फायदे होते हैं तो आपको बता दें कि जब हम ज्यादा शुगर का इस्तेमाल कर लेते हैं तो हमें मधुमेह होने लगता है यानी कि डायबिटीज हो जाती है। इसलिए अगर हम सोयाबीन का सेवन करते हैं तो इससे यह समस्या दूर हो जाती है।
सोयाबीन के और भी फायदे हैं जैसे हड्डियों के लिए बहुत ज्यादा गुणकारी माना जाता है। साथ ही साथ ह्रदय रोग के लिए भी सोयाबीन बहुत ही फायदेमंद होता है। अगर आप वजन घटाना चाहते हैं तो सोयाबीन का सेवन जरूर करें। इसी के साथ-साथ सोयाबीन कैंसर के लिए भी बहुत ही ज्यादा अच्छा माना जाता है।
क्या हो सकती है सोयाबीन के नुकसान
अगर आप सोयाबीन का सेवन करते हैं तो आपको एलर्जी की समस्याएं हो सकती है जोकि बहुत आम बात है। अगर हम सोयाबीन का सेवन ज्यादा मात्रा में कर लेते हैं तो यौन क्षमता में भी प्रभाव पड़ सकता है। अगर हम सोयाबीन का अधिक मात्रा में सेवन कर लेते हैं तो कोलेस्ट्रोल का स्तर भी बढ़ जाता है, जो कि स्वास्थ्य के लिए बहुत ही नुकसानदायक हो जाता है।
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