विदेशी बाजारों में तेजी के रुख के बीच दिल्ली बाजार में लगभग सभी तेल तिलहनों के भाव में तेजी दिखी। दूसरी ओर सरसों की नई फसल की मंडियों में आवक बढ़ने से मंगलवार को सरसों तेल-तिलहन के भाव भारी गिरावट के साथ बंद हुए। वहीं, इंदौर के संयोगिता गंज अनाज मंडी में मंगलवार को मसूर के भाव में 50 रुपये प्रति क्विंटल की कमी हुई।
ये है गिरावट की बड़ी वजह
बाजार सूत्रों ने कहा कि विदेशी बाजारों में तेजी के बावजूद मंडियों में सरसों के नये फसल की आवक बढ़ने से सरसों तेल तिलहन के भाव में गिरावट देखी गई। सोयाबीन जैसे तेलों से सरसों का दाम कम हो गया है, जिससे आगे जाकर सरसों तेल में और गिरावट आने की संभावना है।सूत्रों ने कहा कि सरकार को आयात पर निर्भरता कम करने के लिए तिलहन उत्पादन को बढ़ाने पर ध्यान केन्द्रित करना होगा। आयातित तेलों के दाम महंगे हुए हैं। आयातित तेलों के भाव ऊंचा रहने से सरसों की पेराई अधिक होगी।
दिल्ली मंडी में थोक भाव इस प्रकार रहे- (भाव- रुपये प्रति क्विंटल)
- सरसों तिलहन – 7,725-7,750 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये।
- मूंगफली – 6,275 – 6,370 रुपये।
- मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) – 14,000 रुपये।
- मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड तेल 2,285 – 2,470 रुपये प्रति टिन।
- सरसों तेल दादरी- 15,100 रुपये प्रति क्विंटल।
- सरसों पक्की घानी- 2,225-2,270 रुपये प्रति टिन।
- सरसों कच्ची घानी- 2,425-2,520 रुपये प्रति टिन।
- तिल तेल मिल डिलिवरी – 16,700-18,200 रुपये।
- सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 15,200 रुपये।
- सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 15,000 रुपये।
- सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 13,800।
- सीपीओ एक्स-कांडला- 12,700 रुपये।
- बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 13,650 रुपये।
- पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 14,400 रुपये।
- पामोलिन एक्स- कांडला- 13,200 रुपये (बिना जीएसटी के)।
- सोयाबीन दाना 7,100-7,150 रुपये।
- सोयाबीन लूज 6850-7015 रुपये।
- मक्का खल (सरिस्का) 4,000 रुपये।
बाजार में सरसों दो तीन महीने ही रहेगा और ऐसे में सहकारी संस्था- हाफेड और नेफेड को सरसों न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर मिलना मुश्किल है, इसलिए उन्हें बाजार भाव से ही सही, सरसों की खरीद कर सरसों का पर्याप्त स्टॉक बना लेना चाहिये जो संकट की स्थिति में हमारी मदद करेगा। सहकारी संस्था हाफेड को अपनी पेराई मिलों के लिए भी सरसों की खरीद करनी चाहिये।
सरकारी राशन की दुकानों पर मिले खाद्य तेल
सूत्रों ने कहा कि 80 और 90 के दशक में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के माध्यम से गरीब लोगों की मदद के लिए खाद्य तेल मिला करते थे। सरकार को खाद्य तेलों की महंगाई से गरीबों को बचाने के लिए आयात शुल्क घटाने बढ़ाने के चक्र से निकलकर पीडीएस के माध्यम से सस्ते दामों पर खाद्य तेलों की आपूर्ति सुनिश्चित करने के बारे में गौर करना चाहिये, क्योंकि शुल्क की घट बढ़ से किसानों में अपनी फसल को लेकर अनिश्चितता का भाव पैदा होता है और उन्हें तिलहन उत्पादन बढ़ाने की प्रेरणा नहीं मिल पाती। सूत्रों ने कहा कि शुल्क की घट बढ़ करने का रास्ता तेल तिलहन के मामले में आत्मनिर्भरता हासिल करने की राह में सबसे बड़ा रोड़ा है।
मसूर के भाव में कमी
दलहन
- चना (कांटा) 4900 से 4950,
- मसूर 6700 से 6750,
- तुअर (अरहर) निमाड़ी (नई) 5400 से 6200, तुअर सफेद (महाराष्ट्र) 6300 से 6400, तुअर (कर्नाटक) 6400 से 6500,
- मूंग 7200 से 7400, मूंग हल्की 6000 से 6800,
- उड़द 6800 से 7000, उड़द मीडियम 5500 से 6000, उड़द हल्की 2500 से 4500 रुपये प्रति क्विंटल।
दाल
- तुअर (अरहर) दाल सवा नंबर 8400 से 8500,
- तुअर दाल फूल 8600 से 8800,
- तुअर दाल (नई) 9100 से 9800,
- आयातित तुअर दाल 8200 से 8300,
- चना दाल 5800 से 6400,
- मसूर दाल 8150 से 8450,
- मूंग दाल 8300 से 8600,
- मूंग मोगर 8800 से 9100,
- उड़द दाल 7800 से 8100,
- उड़द मोगर 9000 से 9400 रुपये प्रति क्विंटल।
चावल
- बासमती (921) 9500 से 10000,
- तिबार 8000 से 8500,
- दुबार 7000 से 7500,
- मिनी दुबार 6000 से 6500,
- मोगरा 3500 से 5500,
- बासमती सैला 6000 से 8500,
- कालीमूंछ 7000 से 7500
- राजभोग 6400 से 6500,
- दूबराज 3500 से 4000,
- परमल 2500 से 2700,
- हंसा सैला 2450 से 2600,
- हंसा सफेद 2300 से 2450,
- पोहा 3300 से 3800 रुपये प्रति क्विंटल।