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राज्य में की जाएगी 3000 नए कस्टम हायरिंग केंद्रों की स्थापना

कस्टम हायरिंग केंद्र की स्थापनाकृषि के क्षेत्र में मशीनों का उपयोग बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार राज्य सरकारों के साथ मिलकर कस्टम हायरिंग केंद्रों की स्थापना कर रही है, जिसके लिए किसानों, उद्यमियों सहकारी समितियों एवं ग्राम पंचायतों को कस्टम हायरिंग सेंटर की स्थापना के लिए अनुदान दिया जाता है। इन केंद्रों से किसान अपनी आवश्यकता के अनुसार किराए से कृषि यंत्र ले सकते हैं। इससे जहां किसानों को कम दरों पर कृषि यंत्र मिल जाते हैं वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार भी उपलब्ध होता है।लोकसभा में सांसद श्री उदय प्रताप सिंह ने मध्य प्रदेश में नये कस्टम हायरिंग सेंटर, कौशल विकास केंद्र एवं यंत्र दूत की स्थापना को लेकर सवाल किए थे। जिसके जबाब में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर बताया कि मध्य प्रदेश में 3,000 नये कस्टम हायरिंग खोलने जा रही है | जिससे किसानों को ज्यादा से ज्यादा आधुनिक कृषि यंत्र उपलब्ध हो सकेंगे। साथ ही राज्य में कौशल विकास केंद्रों की स्थापना भी की जाएगी। स्थापित किए जाएँगे 3000 कस्टम हायरिंग केंद्रइस सवाल के जवाब में देश के कृषि और कल्याण मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि नये वित्त वर्ष में मध्य प्रदेश में 3,000 नये कस्मत हायरिंग सेंटर खोले जाएंगे | इसके अलावा राज्य में कौशल विकास केंद्र की स्थापना भी किया जायेगा | मौजूदा समय में राज्य भोपाल, जबलपुर, सतना, सागर और ग्वालियर संभागों में कौशल विकास केंद्र संचालित किए जा रहे है | आगे वित्त वर्ष में उज्जैन, नर्मदापुरम, चंबल और शहडोल संभागों में 4 नये कौशल विकास केंद्र शुरू करने का लक्ष्य है |600 नये कृषि यंत्र प्रणाली स्थापित किया जाएगा कृषि मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने सवाल के जवाब में बताया कि मध्य प्रदेश शासन की यंत्रदूत ग्राम योजना के तहत 600 ग्रामों में यंत्रीकृत कृषि प्रणाली स्थापित करने का भी लक्ष्य रखा गया है, जिसके अंतर्गत नियोजित तरीके से प्रशिक्षण एवं भ्रमण कार्यक्रमों के साथ – साथ बड़े स्तर पर क्लस्टर प्रदर्शनों का आयोजन किया जाता है |कस्टम हायरिंग योजना (CHC) के तहत किसानों को दी जाने वाली सब्सिडी मध्यप्रदेश में किसानों को 25 लाख रुपए तक के कस्टम हायरिंग केंद्र CHC की स्थापना पर सरकार द्वारा सब्सिडी दी जाती है| योजना के तहत कस्टम हायरिंग सेंटर स्थापित करने के लिए किसानों को 40 प्रतिशत अधिकतम 10 लाख तक का “क्रेडिट लिंक्ड बेक एंडेड” अनुदान दिया जाता है | अनुदान की गणना सब मिशन ऑन एग्रीकल्चर मेकेनाइजेशन योजना में प्रत्येक यंत्र हेतु दिए गए प्रावधान के अनुसार दिया जाता है |इसके अलावा इस योजना पर लिए गए बैंक ऋण पर 3 प्रतिशत का अतिरिक्त ब्याज अनुदान भी लाभार्थी किसानों को दिया जायेगा |

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