मध्यप्रदेश :सरकारी स्कूलों के प्रति मन-मस्तिक में बनी छवि सुधारने के लिए स्थानीय प्रशासन ने यहां के एक सरकारी स्कूल में दर्ज दूर-दराज से आने वाले विद्यार्थियों के लिए निःशुल्क बस सुविधा प्रारंभ की है।
स्कूल का नाम सीएम राइज शासकीय हायर सेकंडरी स्कूल महाराजवाड़ा क्रमांक-3 है, जो महाकाल क्षेत्र में स्थित है। बस का किराया प्रति छात्र, प्रतिमाह एक हजार रुपये है, जिसका भुगतान शासन द्धारा किया जाना तय हुआ है। यानी पालकों पर किसी तरह का वित्तीय भार नहीं डाला गया है। बस सुविधासुविधा मिलने से विद्यार्थी और उनके माता-पिता बेहद खुश हैं।
जिला शिक्षा अधिकारी आनंद शर्मा ने कहा है कि जिले में कुल आठ सीएम राइज स्कूल हैं। शेष सात स्कूलों में भी बस सेवा शुरू की जाएगी।
सीएम राइज स्कूल योजना, मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान की महत्वकांक्षी योजना है। इसका उद्देश्य एक परिसर में संचालित पहली से 12वीं तक के स्कूलों को सर्व संसाधन संपन्ना बनाना, विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मुहैया कराना है। इसके लिए स्कूल में विषयवार योग्य शिक्षकों की नियुक्ति, उनका प्रशिक्षण हो चुका है। यहां होने वाली हर दिन की पढ़ाई और
अन्य गतिविधियों की मानीटरिंग नियमित रूपसे स्थानीय और केंद्रीय स्तर पर की जा रही है। सभी स्कूलों के भवनों का निर्माण जल्द होगा। बड़नगर और उज्जैन के सीएम राइज जाल सेवा हायर सेकंडरी स्कूल का भवन बनाने को भूमिपूजन हो चुका है।
बड़नगर में 37 करोड़ रुपये से और उज्जैन में 34 करोड़ 43 लाख रुपये से स्कूल भवन का निर्माण किया जाएगा।
इधर, स्कूल से तीन किलोमीटर दूर कृष्ण विहार कालोनी निवासी 11वीं के छात्र तुषार के पिता संजय राव ने नईदुनिया से कहा कि पहले बेटा साइकिल से स्कूल जाता था। अब बस से आता-जाता है। शासन ने निःशुल्क बस सुविधा देकर सराहनीय कदम उठाया है।
सीएम राइज स्कूल के विद्यार्थियों को घर से स्कूल और स्कूल से घर छोड़ने का कांट्रेक्ट विनायक टूर एंड ट्रेवल्स ने जिला शिक्षा विभाग से किया है। मुख्य शर्त यह है कि विनायक कंपनी क्षमता से अधिक विद्यार्थियों को बस में नहीं बैठाएगी और निर्धारित समय पर विद्यार्थियों को स्कूल लाएगी और स्कूल छूटने पर घर छोड़ेगी।
किराया उन्हीं बच्चों का शासन अदा करेगा, जिनका निवास स्कूल से 3 से 15 किलोमीटर दूर है। बस में महिला कंडक्टर, सीसीटीवी कैमरे, अग्नि क्षमन यंत्र, जीपीएस सिस्टम, स्पीड गवर्नर लगे होने की भी अनिवार्यता भी रखी है। हालांकि पड़ताल में पाया है कि अभी बसों में महिला कंडक्टर नियुक्त नहीं है।
उज्जैन का जीवाजीगंज हायर सेकंडरी स्कूल, जाल सेवा हासे स्कूल, झारड़ा हासे स्कूल सहित बड़नगर, घट्टिया, तराना, खाचरौद के उत्कृष्ट विद्यालय, जिन्हें सीएम राइज स्कूल में तब्दील किया गया है।
वर्तमान में ये स्कूल मौजूदा भवन में ही संचालित हो रहे हैं। मगर जल्द ही इनका रिनोवेशन होगा। नई बिल्डिंग का निर्माण भी होगा। इसके लिए शासन ने बजट में हर स्कूल के 32 करोड़ रुपये से अधिक स्वीकृत किए हैं।
ठेकेदार ने बिना अनुमति स्कूल में लगा दी निगम की सिटी बसें
चौकाने वाली बात यह है कि विनायक टूर एंड ट्रेवल्स ने अपनी निजी बसें सीएम राइज स्कूल में अटैच न करके नगर निगम की सिटी बसें अटैच कर दी है।
वो बसें जो शहरी नागरिकों को सस्ती और सुलभ परिवहन सुविधा मुहैया कराने के लिए केंद्र सरकार ने साल 2013 में जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीकरण मिशन मद से दी थी।
स्कूल में सिटी बसें अटैच कर दी गई हैं, इसकी जानकारी नगर निगम आयुक्त, निगम की उज्जैन सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड के सीईओ तक को नहीं है।
नईदुनिया ने जब उन्हें बताया कि जिस निर्धारित रूट पर चलाने को आपने विनायक टूर एंड ट्रेवल्स को बस चलाने के लिए दी थीं, उसके विपरित रूट पर बगैर अनुमति के बस चल रही है तो दोनों अफसर चौके। सीईओ ने कहा कि अगर ये सत्य है तो कार्रवाई करेंगे। परिणाम यह निकला कि देर शाम यूसीटीएसएल ने विनायक कंपनी को नोटिस जारी कर दिया।