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पशुओं के बीमा पर सरकार दे रही है 70 प्रतिशत तक का अनुदान

अनुदान पर पशु बीमाकिसानों की आय में खेती के साथ-साथ पशुपालन का भी योगदान महत्वपूर्ण है। फसल और पशु दोनों के लिए असुरक्षा रहती है, जैसे फसल प्राकृतिक आपदा की वजह से बर्बाद हो जाती है वैसे ही पशु भी बीमारी, मौसम या दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं। जिससे किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ता है। किसानों को दोनों ही तरह के नुकसान से बचाने के लिए सरकार द्वारा बीमा योजनाएँ चलाई जा रही है, जिससे किसानों एवं पशुपालकों को हुए नुकसान की भरपाई की जा सके। मध्यप्रदेश सरकार राज्य में पशु पालकों को पशुधन बीमा पर 70 प्रतिशत तक का अनुदान दे रही है।पशुपालन एवं डेयरी विकास मंत्री श्री प्रेमसिंह पटेल ने बताया कि योजना का उद्देश्य पशुपालकों को उनके पशुओं के लिये बीमा सुविधा प्रदान कर पशुओं की मृत्यु से होने वाली हानि की क्षतिपूर्ति करना और होने वाली आर्थिक हानि को रोकना है। योजना में दुधारू पशु सहित अन्य मवेशी भी शामिल हैं। यह योजना प्रदेश के सभी जिलों में लागू है। पशु बीमा पर दिया जाने वाला अनुदानपशुधन बीमा योजना में गरीबी रेखा के ऊपर वाले हितग्राहियों का 50 प्रतिशत अनुदान पर प्रीमियम बीमा किया जाता है। इसमें केन्द्रांश और राज्यांश 25-25 प्रतिशत शामिल है। वहीं अनुसूचित जाति, जनजाति, गरीबी रेखा से नीचे वाले हितग्राहियों का 70 प्रतिशत अनुदान पर प्रीमियम बीमा किया जाता है। इसमें केन्द्रांश 40 प्रतिशत और राज्यांश 30 प्रतिशत शामिल है।योजना में सभी प्रकार के पशुओं – दुधारू, देशी/संकर गाय-भैंस अन्य पशु जैसे घोड़ा, गधा, भेड़, बकरी, सूअर, खरगोश, नर गौ-भैंस वंश आदि का बीमा किया जाता है। एक हितग्राही के अधिकतम 5 पशुओं का बीमा प्रीमियन अनुदान पर किया जाता है। अभी तक किया गया 20 करोड़ रुपए का भुगतानपशुपालन मंत्री श्री प्रेमसिंह पटेल ने बताया कि पशुधन बीमा योजना में हितग्राहियों को अब तक 20 करोड़ 21 लाख 41 हजार रूपये दावा राशि का भुगतान किया जा चुका है। पिछले 3 सालों में बीमा कंपनी को 6 करोड़ 94 लाख 94 हजार का प्रीमियन भुगतान किया गया है। योजना में वर्ष 2014-15 में 11168, वर्ष 2015-16 में 37486, वर्ष 2016-17 में 59113, वर्ष 2017-18 में 38219, वर्ष 2018-19 में 52908, वर्ष 2019-20 में 52704 पशुओं का बीमा किया गया।इस वर्ष अब तक 48 हजार 200 पशुओं का बीमा किया जा चुका है।

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