रूस और यूक्रेन के बीच जारी तनाव के चलते को टर्न कीमतों में स्थिरता देखने को मिल रही है। राजस्थान की मंडियों में नरमा की कीमतें 10हज़ार से 11 हजार के बीच चल रही है। हरियाणा और पंजाब की मंडियों में नरमा 9200 से 10200 प्रति क्विंटल के बीच रहा।
देश में आवक 6500 गांठ रह गई है लेकिन भाव 7000 से 10000 पर स्थित है। 30 एमएम रूई आरडी 80 से 81 हजार के स्तर पर है।
अलवर, खैरथल, बहरोड लाइन पर 285 एमएम रुई अधिकतम 74500 बोली गई।
महाराष्ट्र में 30000 घाटों की आवक हुई और कपास का भाव 9500 से 10300 के आसपास दिखाई दिया। 30 एमएम रोहित 81 से 81500 पर कारोबार करती दिखाई दी।
कर्नाटक बेस्ट कपास का अधिकतम भाव 10700 के स्तर पर आ गया है जबकि 30 एमएम रूई 80500 से 81000 के स्तर पर है।
जबकि उड़ीसा में 31 एमएम रुई 83 से 83000 सो रुपए बोली जा रही है। गुंटूर में 30 एमएम रुई का भाव 81 से 82000 बोला गया। आदिलाबाद में कपास का भाव 8500 से 9900 और 29 एमएम रुई 80 हजार रूपये तक बोली गई।
वर्ष 2021-22 का कॉटन उत्पादन
इगो का कहना है कि केंद्र सरकार ने अभी वर्ष 2021 और 22 का को टर्न उत्पादन अनुमान 32.95 लाख से बढ़कर 34.06 लाख गांठ कर दिया है।
हालांकि फंडामेंटल और देश के अन्य को कॉटन विशेषज्ञ इस अनुमान से सहमत नहीं है और कॉटन का उत्पादन 2.5 करोड़ से 2.60 लाख तक सीमित होने की संभावना है।इसलिए अबकी बार नरमा की कीमतों में तेजी देखने को मिल रही है।
कॉटन में आने वाली है क्या बड़ी मुनाफावसूली?
बदन में कमी की आशंका और निर्यात के लिए कच्चे कपास की अधिक मांग के कारण वर्तमान समय में कपास की कीमतें वर्ष दर वर्ष 76. 5% अधिक है जबकि पिछले 1 महीने में 11.7% बढ़ी है।
सीसीआई के अनुसार जनवरी 2022 तक बाजार वर्ष 2021 22 फसल की आवक 18.27 मिलियन गांठ होने का अनुमान है जो 3 साल के औसत से 9 फ़ीसदी कम है।
सीसीआई ने 2021-22 सीजन में कपास के उत्पादन अनुमान को 12लाख बेल घटाकर 348.13 लाख बेल कर दिया है।जबकि पिछला अनुमान 360.13 लाख बेल उत्पादन का था। वही घरेलू खपत में 10 लाख बेल की बढ़ोतरी हुई है।