गेहूं की खेती:गेहूं का यह वैरायटी आपको कम समय में बना देगा अमीर,काफी ज्यादा फायदेमंद होता है इस गेहूं की खेती
विश्व भर में, भोजन के लिए उगाई जाने वाली धान्य फसलों में मक्का के बाद गेहूं दूसरी सबसे ज्यादा उगाई जाने वाले फसल है, धान का स्थान गेहूं के ठीक बाद तीसरे स्थान पर आता है। देश में गेहूं का सबसे अधिक उत्पादन छह राज्यों हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश और बिहार में होता है । देश के कुल खाद्यान उत्पादन में गेहूं का योगदान लगभग 37 प्रतिशत है | गेहूं में प्रोटीन की मात्रा अन्य आनाजों की तुलना में सबसे अधिक होती है इसलिए खाद्यान के रूप में यह बहुत ही महत्वपूर्ण है और इसकी मांग दुनियाभर में रहती है |
निरंतर बढती आबादी की मांग को पूरा करने के लिए गेहूं का उत्पादन और उत्पादकता को लगातार बढाना होगा | उत्पादन बढाने के लिए गेहूं को सही समय पर सिंचाई की आवश्यकता होती है | सर्दी के मौसम में देश में बारिश न के बराबर होती है जिसके चलते किसानों को सिंचाई के लिए अन्य संसाधनों पर निर्भर रहना पड़ता है | ऐसे में देश के भारतीय कृषि अनुसन्धान परिषद के विभन्न संस्थानों के वैज्ञानिकों के प्रयास से ऐसी किस्में विकसित की गई है | भारत में गेहूं उत्पादन में वृद्धि एवं गुणवत्ता के लिए करनाल में भारतीय गेहूं एवं जो अनुसन्धान केंद्र स्थापित किया गया है | बेहतर गेहूं उत्पादकता के लिए उन्नत किस्मों के साथ-साथ नई कृषि पद्धतियों को अपनाकर कुशल आदान प्रबंधन करने से लागत कम होगी | नीचे किसान समाधान आपके लिए गेहूं की नवीनतम तकनीक की जानकारी लेकर आया है |
खेती की तैयारी
गेहूं की नई विकसित किस्में
बीज शोधन, बीज की मात्रा एवं बुआई
गेहूँ की मेड़ पर बुआई (बेड प्लान्टिंग)
खाद एवं उर्वरक की मात्रा
गेहूं में सिंचाई
खरपतवार प्रबंधन
गेहूं की फसल में लगने वाले मुख्य कीट एवं रोग
गेहूं उत्पादन के लिए खेती की तैयारी
अधिकांश किसान धान के बाद ही ही गेहूं की बुआई अपने खेतों में करते हैं | अतः गेहूँ की बुआई में बहुधा देर हो जाती है | हम पहले से यह निश्चित कर लेना होगा की खरीफ में धान की कौन से प्रजाति का चयन करे रबी में उसके बाद गेहूँ की कौन से प्रजाति बोयें | गेहूँ की अच्छी उपज प्राप्त करने के लिए धान की समय से रोपाई आवश्यक हैं जिससे गेहूँ के लिए खेत अक्टूबर माह में खाली हो जायें | दूसरी बात ध्यान देने योग्य यह है कि धान में पड़लिंग में लेवा के कारण भूमि कठोर हो जाती हैं | भारी भूमि में पहले मिट्टी पलटने वाले हल से जुताई के बाद डिस्क हैरो से दो बार जुताई करके मिट्टी को भुरभुरी बनाकर ही गेहूँ की बुआई करना उचित होगा | डिस्क हैरो के प्रयोग से धान के ठुंठ छोटे-छोटे टुकड़ों में कट जाते हैं | इन्हे शीघ्र सडाने हेतु 15-20 किग्रा. नत्रजन (यूरिया के रूप में) प्रति हेक्टर खेत को तैयार करते समय पहली जुताई पर अवश्य दे देना चाहिए | ट्रेक्टर चालित रोटावेटर द्वारा एक ही जुताई में खेत पूर्ण रूप से तैयार हो जाता है |
गेहूं की सिंचित दशा में बुआई के लिए उपयुक्त किस्में
भारतीय कृषि विज्ञानिकों के द्वारा अलग-अलग मिट्टी एवं जलवायु क्षेत्रों के अनुसार कई किस्में विकसित की गई है किसान भाई अपने क्षेत्र के अनुसार उन गेहूं की सभी विकसित किस्मों की जानकारी अपने जिले में स्थित कृषि विभाग या कृषि विज्ञान केंद्र से प्राप्त कर सकते हैं | देश में गेहूं में लगने वाले विभन्न रोगों से बचाव के लिए बहुत सी अवरोधी किस्में भी विकसित की गई है | नीचे कुछ विकसित किस्में एवं उनकी विशेषताएं दी जा रही हैं | किसान भाई अपने क्षेत्र के अनुसार इन किस्मों का चयन कर सकते हैं |
गेहूं की उन्नत एवं विकसित किस्में
किस्मों की विशेषताएं
देवा(के.-9107)
वर्ष–1996 जारी
उत्पादकता 45-50 क्विंटल प्रति हेक्टेयर, पकने की अवधि 130-135 दिन, पौधें की ऊँचाई – 105-110 सेमी.,रतुआ, झुलसा एवं करनाल बंट के लिए अवरोधी |
के.-0307
वर्ष–2007 जारी
उत्पादकता 55–60 क्विंटल प्रति हेक्टेयर, पकने की अवधि 125-100 दिन, पौधें की ऊँचाई – 85-95 सेमी., रतुआ, झुलसा एवं करनाल बंट के लिए अवरोधी |
एच.पी.-1731(राजलक्ष्मी)
वर्ष–1995 जारी
उत्पादकता 55–60 क्विंटल प्रति हेक्टेयर, पकने की अवधि 130-140 दिन, पौधें की ऊँचाई- 85-96 सेमी. रतुआ,झुलसा एवं करनाल बंट के लिए अवरोधी |
नरेन्द्र गेहूँ –1012
वर्ष –1998 जारी
उत्पादकता 50-55 क्विंटल प्रति हेक्टेयर, पकने की अवधि 135-140 दिन, पौधें की ऊँचाई- 85-95 सेमी. रतुआ, झुलसा एवं करनाल बंट के लिए अवरोधी |
उजियार (के.-9006)
वर्ष–1998 जारी
उत्पादकता 50–55 क्विंटल प्रति हेक्टेयर, पकने की अवधि 130-135 दिन, पौधें की ऊँचाई – 105-110 सेमी. रतुआ, झुलसा एवं करनाल बंट के लिए अवरोधी |
पूसा व्हीट 3237 (एच.डी.3237)
वर्ष–2019 जारी
उत्पादकता 48.4 क्विंटल प्रति हेक्टेयर, पकने की अवधि 145 दिन, पौधें की ऊँचाई – 105-110 सेमी. पीला एवं भूरा रस्ट अवरोधी रोग एवं अच्छी |
एच.यू.डब्लू.-468
वर्ष–1999 जारी (राज्य – बिहार, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश)
उत्पादकता 55–60 क्विंटल प्रति हेक्टेयर, पकने की अवधि 130-140 दिन, पौधें की ऊँचाई – 85–95 सेमी.
डी.एल.-784–3 (वैशाली)
वर्ष –1993 जारी
उत्पादकता 45-50 क्विंटल प्रति हेक्टेयर, पकने की अवधि 130-135 दिन, पौधें की ऊँचाई – 85–90 सेमी.
यू.पी.-2382
वर्ष – 1999 जारी
उत्पादकता 60–65 क्विंटल प्रति हेक्टेयर, पकने की अवधि 135-140 दिन, पौधें की ऊँचाई – 95–100 सेमी.
एच.पी.-1761
वर्ष–1997 जारी
उत्पादकता 45-50 क्विंटल प्रति हेक्टेयर, पकने की अवधि 135-140 दिन, पौधें की ऊँचाई- 90-95 सेमी.
डी.बी.डब्लू.-17
वर्ष – 2007 जारी (राज्य – दिल्ली, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड)
उत्पादकता 60-65 क्विंटल प्रति हेक्टेयर, पकने की अवधि 125-135 दिन, पौधें की ऊँचाई – 95-100 सेमी. रतुआ अवरोधी |
एच.यू.डब्लू.-510
वर्ष–1998 जारी
उत्पादकता 50–55 क्विंटल प्रति हेक्टेयर, पकने की अवधि 115-120 दिन, पौधें की ऊँचाई – 95-100 सेमी.
पी.बी.डब्लू.-443
वर्ष – 2000 जारी (राज्य–असम, बिहार, हिमाचल प्रदेश, ओंडिशा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल)
उत्पादकता 50-55 क्विंटल प्रति हेक्टेयर, पकने की अवधि 125-135 दिन, पौधें की ऊँचाई – 90-95 सेमी. रतुआ अवरोधी
पी.बी.डब्लू.-343
वर्ष–1997 जारी
उत्पादकता 60-65 क्विंटल प्रति हेक्टेयर, पकने की अवधि 125-140 दिन, पौधें की ऊँचाई – 90-95 सेमी.
एच.डी.-2824
वर्ष–2003 जारी (राज्य – असम, बिहार, झारखण्ड, ओंडिशा, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल)
उत्पादकता 55-60 क्विंटल प्रति हेक्टेयर, पकने की अवधि 125-135 दिन, पौधें की ऊँचाई – 90-100 सेमी. रतुआ अवरोधी
सी.बी.डब्लू.-38
वर्ष – 2009 जारी
उत्पादकता 44.4 क्विंटल प्रति हेक्टेयर, पकने की अवधि 112-129 दिन, पौधें की ऊँचाई – 80-105 सेमी. ताप सहिष्णु, चपाती एवं ब्रेड योग्य | आयरन एवं जिंक की अधिकता |
के.-1006
वर्ष–2015 जारी
उत्पादकता 47.0 क्विंटल प्रति हेक्टेयर, पकने की अवधि 120-125 दिन, पौधें की ऊँचाई – 88-90 सेमी. रतुआ एवं झुलसा अवरोधी |
के.-607 (ममता)
वर्ष–2014 जारी
उत्पादकता 42.4 क्विंटल प्रति हेक्टेयर, पकने की अवधि 120-125 दिन, पौधें की ऊँचाई – 85-88 सेमी. रतुआ एवं झुलसा अवरोधी |
डी.बी.डब्लू.-187 (करन वन्दना)
वर्ष – 2019 जारी
उत्पादकता 48.8 क्विंटल प्रति हेक्टेयर, पकने की अवधि 120 दिन, पौधें की ऊँचाई – 85-88 सेमी. पीला एवं भूरे रस्ट अवरोधी (बायो-फोर्टीफाईड प्रजाति-आयरन 43.1 प्रतिशत)
पूसा यशस्वी (एच.डी.-3226)
वर्ष – 2019 जारी
उत्पादकता 57.5 क्विंटल प्रति हेक्टेयर, पकने की अवधि 142 दिन, पौधें की ऊँचाई – 85-88 सेमी. स्ट्रिप, लीफ एवं करनाल बंट तथा ब्लेक रस्ट, पाउडरी मिल्ड्यू, फ्लेग स्मट एवं फुटराट ले प्रति उच्च अवरोधी |
के.आर.एल.283
वर्ष – 2018 जारी
उत्पादकता 20.9 क्विंटल प्रति हेक्टेयर, पकने की अवधि 128-133 दिन, पौधें की ऊँचाई – 85-88 सेमी. लीफ ब्लाइट, करनाल बंट एवं हिल बंट के प्रति अवरोधी |
एच.आई.8759 (पूसा तेजस)
वर्ष – 2017 जारी
उत्पादकता 56.9 क्विंटल प्रति हेक्टेयर, पकने की अवधि 117 दिन, पौधें की ऊँचाई – 85-88 सेमी. उच्च प्रोटीन, जिंक एवं आयरन, पास्ता बनाने वाली प्रजाति | (बायो- फोर्टीफाईड प्रजाति- प्रोटीन 12.5 प्रतिशत, आयरन 41.1 पीपीएम, जिंक 42.8 पीपीएम) |
एच.डी.3171
वर्ष – 2017 जारी
उत्पादकता 28 क्विंटल प्रति हेक्टेयर, पकने की अवधि 130–140 दिन, पौधें की ऊँचाई – 85-88 सेमी. काला, पीला एवं भूरा रस्ट अवरोधी, उच्च जिंक एवं आयरन (बायो- फोर्टीफाइड प्रजाति-जिंक 47.1 पीपीएम)
पी.बी.डब्लू.-660
वर्ष–2016 जारी
उत्पादकता 35.3 क्विंटल प्रति हेक्टेयर, पकने की अवधि 134-172 दिन, पौधें की ऊँचाई – 85-88 सेमी. पीला एवं भूरा रस्ट अवरोधी, अच्छी चपाती वाली |
आर.ए.आई.-4238
वर्ष – 2016 जारी
उत्पादकता 45.5 क्विंटल प्रति हेक्टेयर, पकने की अवधि 114 दिन, पौधें की ऊँचाई – 85-88 सेमी. अच्छी चपाती वाली |
यू.पी.-2784
वर्ष – 2016 जारी
उत्पादकता 44.2 क्विंटल प्रति हेक्टेयर, पकने की अवधि 120–130 दिन, पौधें की ऊँचाई – 85-88 सेमी. पीला, भूरा रस्ट अवरोधी तथा लीफ ब्लाइट मध्यम अवरोधी |
एच.आई.8737 (पूसा अनमोल)
वर्ष – 2015 जारी
उत्पादकता 53.4 क्विंटल प्रति हेक्टेयर, पकने की अवधि 125 दिन, पौधें की ऊँचाई – 85-88 सेमी. काला एवं भूरा रस्ट तथा करनाल बंट अवरोधी |
डी.बी.डब्लू.107
वर्ष – 2015 जारी
उत्पादकता 41.3 क्विंटल प्रति हेक्टेयर, पकने की अवधि 94-130 दिन, पौधें की ऊँचाई – 85-88 सेमी. भूरा रस्ट अवरोधी तथा ताप सहिष्णु |
एन.डब्लू.5054
वर्ष – 2014 जारी
उत्पादकता 47.0 क्विंटल प्रति हेक्टेयर, पकने की अवधि 130 दिन, पौधें की ऊँचाई – 85-88 सेमी. भूरा रस्ट एवं फोलर ब्लाइट अवरोधी |
एच.डी.3086 (पूसा गौतम)
वर्ष – 2014 जारी
उत्पादकता 54.6 क्विंटल प्रति हेक्टेयर, पकने की अवधि 143 दिन, पौधें की ऊँचाई – 85-88 सेमी. पीले एवं भूरा रस्ट अवरोधी |
एम.पी.3336 (जे.डब्लू.3336)
वर्ष – 2013 जारी
उत्पादकता 44.7 क्विंटल प्रति हेक्टेयर, पकने की अवधि 107 दिन, पौधें की ऊँचाई – 85-88 सेमी. ब्लेक एवं लीफ रस्ट सहिष्णु ब्रेड बनाने योग्य |
डब्लू.1105 वर्ष – 2013 जारी
(राज्य – दिल्ली, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड)
उत्पादकता 51.5 क्विंटल प्रति हेक्टेयर, पकने की अवधि 142 दिन, पौधें की ऊँचाई – 85-88 सेमी. पीला रस्ट, लीफ ब्लाइट एवं पाउडरी मिल्ड्यू अवरोधी तथा ताप सहिष्णु |
एच.आई.8713 (पूसा मंगल)
वर्ष – 2013 जारी (राज्य – छत्तीसगढ़, गुजरात, मध्य-प्रदेश, राजस्थान, उत्तरप्रदेश)
उत्पादकता 52.3 क्विंटल प्रति हेक्टेयर, पकने की अवधि 122 दिन, पौधें की ऊँचाई – 85-88 सेमी. ड्युरम, क्षेत्रीय रोग अवरोधी |
पी.बी.डब्लू.-644
वर्ष – 2012 जारी (राज्य – दिल्ली, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान, उत्तरप्रदेश, उत्तराखण्ड)
उत्पादकता 31.4 क्विंटल प्रति हेक्टेयर, पकने की अवधि 137-167 दिन, पौधें की ऊँचाई – 85-88 सेमी. स्ट्रिप एवं लीफ रस्ट तथा लीफ ब्लाइट अवरोधी | चपाती योग्य |
डी.पी.डब्लू.621-50 (पीबीडब्लू621 एवं डीबीडब्लू–50)
वर्ष–2011 जारी (राज्य – दिल्ली, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान, उत्तरप्रदेश)
उत्पादकता 51.7 क्विंटल प्रति हेक्टेयर, पकने की अवधि 144 दिन, पौधें की ऊँचाई – 85-88 सेमी. पीला एवं लीफ रस्ट अवरोधी |
डब्लू.एच.डी.-943
वर्ष – 2011 जारी (राज्य – दिल्ली, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान, उत्तरप्रदेश, उत्तराखण्ड)
उत्पादकता 48.0 क्विंटल प्रति हेक्टेयर, पकने की अवधि 144 दिन, पौधें की ऊँचाई – 85-88 सेमी. ड्युरम प्रजाति, पीला रस्ट अवरोधी, उच्च प्रोटीन | पास्ता बनाने योग्य |
के.402
वर्ष – 2013 जारी
उत्पादकता 55-60 क्विंटल प्रति हेक्टेयर, पकने की अवधि 120-125 दिन, पौधें की ऊँचाई – 85-88 सेमी. रतुआ, झुलसा अवरोधी
डी.बी.डब्लू.-39
वर्ष – 2010 जारी (राज्य – असम, बिहार, झारखण्ड, ओंडिशा, उत्तरप्रदेश, पश्चिम बंगाल)
उत्पादकता 44.6 क्विंटल प्रति हेक्टेयर, पकने की अवधि 121–125 दिन, पौधें की ऊँचाई – 85-105 सेमी. लीफ एवं स्ट्रिप रस्ट तथा लीफ ब्लाइट अवरोधी | बिस्किट एवं चपाती बनाने योग्य |
एच.डी.2967
वर्ष – 2014 जारी
उत्पादकता 50.4 क्विंटल प्रति हेक्टेयर, पकने की अवधि 143 दिन, पौधें की ऊँचाई – 90-95 सेमी. रस्ट अवरोधी |
पी.बी.डब्लू.-502
वर्ष – 2004 जारी (राज्य – हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, उत्तरप्रदेश)
उत्पादकता 45-60 क्विंटल प्रति हेक्टेयर, पकने की अवधि 126–134 दिन, पौधें की ऊँचाई – 80-90 सेमी. रस्ट अवरोधी |
एन.डब्लू.-5054
वर्ष – 2014 जारी
उत्पादकता 55-60 क्विंटल प्रति हेक्टेयर, पकने की अवधि 122-124 दिन, पौधें की ऊँचाई – 100-105 सेमी. रस्ट एवं झुलसा अवरोधी |
एच.डी.-3043
वर्ष–2012 जारी
उत्पादकता 42.80 क्विंटल प्रति हेक्टेयर, पकने की अवधि 143 दिन, पौधें की ऊँचाई – 85-90 सेमी. लीफ एवं स्ट्रिप रस्ट अवरोधी, चपाती बनाने योग्य |
डी.बी.डब्लू.-90
वर्ष – 2014 जारी
उत्पादकता 42.80 क्विंटल प्रति हेक्टेयर, पकने की अवधि 121 दिन, पौधें की ऊँचाई – 76–105 सेमी. स्ट्रिप एवं लीफ रस्ट अवरोधी तथा ताप सहिष्णु |
पी.बी.डब्लू.-1 जेड.एन.(एच.पी.बी.डब्लू.-01)
वर्ष – 2017 जारी
उत्पादकता 51.7 क्विंटल प्रति हेक्टेयर, पकने की अवधि 141 दिन, पौधें की ऊँचाई – 90-100 सेमी. पीला एवं भूरा रस्ट अवरोधी, उच्च जिंक एवं आयरन (बायो-फोर्टीफाईड प्रजाति – आयरन 40 पीपीएम, जिंक 40.6 पीपीएम)
डब्लू.बी.-2
वर्ष – 2017 जारी
उत्पादकता 51.6 क्विंटल प्रति हेक्टेयर, पकने की अवधि 120-125 दिन, पौधें की ऊँचाई – 90-100 सेमी. पीला एवं भूरा रस्ट अवरोधी, उच्च जिंक एवं आयरन (बायो- फोर्टीफाईड प्रजाति-जिंक 42 पी.पी.एम., आयरन 40 पीपीएम)
पी.बी.डब्लू.-723 (उन्नत पी.बी.डब्लू.-343)
वर्ष – 2017 जारी
उत्पादकता 49.2 क्विंटल प्रति हेक्टेयर, पकने की अवधि 126–134 दिन, पौधें की ऊँचाई – 80-90 सेमी. पीला एवं भूरा रस्ट अवरोधी |
जी.डव्लू.-366
जारी वर्ष- 2007
उत्पादकता 55-57 क्विंटल प्रति हेक्टेयर, पकने की अवधि 110–115 दिन,
एमपी 1106
जारी वर्ष-2003
उत्पादकता 55-60 क्विंटल प्रति हेक्टेयर, पकने की अवधि 115-120 दिन, पीला एवं भूरा रस्ट अवरोधी |
लोक-1
जारी वर्ष 1982
उत्पादकता 42-45 क्विंटल प्रति हेक्टेयर, पकने की अवधि 105-110 दिन, पीला एवं भूरा रस्ट अवरोधी |
जी.डव्लू.- 173
जारी वर्ष 1994
उत्पादकता 43-45 क्विंटल प्रति हेक्टेयर, पकने की अवधि 100-105 दिन, पीला एवं भूरा रस्ट अवरोधी |
डव्लू.एच- 1105
जारी वर्ष- 2013
दिल्ली, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर, पंजाब, राजस्थान, उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड
कोटा एवं उदयपुर को छोड़कर समस्त राजस्थान के सिंचित क्षेत्र के लिए पीली एवं भूरी रोली रोग रोधी., पकने की अवधि 135-142 दिन, प्राप्त उपज 48-50 क्विंटल प्रति हैक्टेयर
राज. 4073
सामान्य बुआई, गर्म जलवायु सहनशील, पकने की अवधि 120-130 दिन, प्राप्त उपज 55-60 क्विंटल प्रति हैक्टेयर
एच.डी.-3086 पूसा गौतमी
कोटा एवं उदयपुर खंड को छोड़कर समस्त राजस्थान के सिंचित क्षेत्र हेतु, पकने की अवधि 140-145 दिन, प्राप्त उपज 54-55 क्विंटल प्रति हैक्टेयर
एच.डी.- 2967
पकने की अवधि 135-140 दिन, प्राप्त उपज 48-51 क्विंटल प्रति हैक्टेयर, सामान्य बुआई, करनाल बाँट व रोली रोधक किस्म
राज. 4083
राजस्थान, कर्णाटक, महाराष्ट्र
पकने की अवधि 115-118 दिन, प्राप्त उपज 40-45 क्विंटल प्रति हैक्टेयर, पछेती बुआई रोली रोधक
राज. 4120
असम, बिहार, झारखण्ड, उत्तरप्रदेश, पश्चिम बंगाल, राजस्थान
पकने की अवधि 117-124 दिन, प्राप्त उपज 48-58 क्विंटल प्रति हैक्टेयर, सामान्य बुआई, रोली रोधक किस्म
राज. 4079
राजस्थान
पकने की अवधि 115-125 दिन, प्राप्त उपज 47-50 क्विंटल प्रति हैक्टेयर, गर्म तापक्रम सहनशीलता, रोली रोधक
राज. 4238
पकने की अवधि 115-120 दिन, प्राप्त उपज 40-48 क्विंटल प्रति हैक्टेयर,रोली, करनाल बंट रोधी, पछेती बुआई
एच.आई. 8713
पकने की अवधि 130-140 दिन, प्राप्त उपज 55-58 क्विंटल प्रति हैक्टेयर, कठिया गेहूं, रोली रोधक किस्म
सिंचित दशा (विलम्ब से बुआई हेतु) गेहूं की विकसित किस्में :-
गेहूं की किस्में
गेहूं की किस्मों की विशेषताएं (विलम्ब से बुआई)
डी.बी.डब्लू.-14
वर्ष–2002 जारी
उत्पादकता 40-45 क्विंटल प्रति हेक्टेयर, पकने की अवधि 108-128 दिन, पौधें की ऊँचाई – 70-95 सेमी.
एच.यू.डब्लू.-234
वर्ष–1988 जारी
उत्पादकता 35-45 क्विंटल प्रति हेक्टेयर, पकने की अवधि 110-120 दिन, पौधें की ऊँचाई – 85-90 सेमी.
एच.आई.-1563
वर्ष–2011 जारी (राज्य – असम, बिहार, झारखण्ड,
ओंडिशा, उत्तरप्रदेश, पश्चिम बंगाल)
उत्पादकता 37.6 क्विंटल प्रति हेक्टेयर, पकने की अवधि 110-115 दिन, पौधें की ऊँचाई – 85-90 सेमी. लीफ रस्ट एवं लीफ ब्लाइट अवरोधी, चपाती, ब्रेड एवं बिस्किट योग्य प्रजाति, आयरन जिंक एवं कांपर की अधिकता |
सोनाली एच.पी.-1633
वर्ष – 1992 जारी
उत्पादकता 35-40 क्विंटल प्रति हेक्टेयर, पकने की अवधि 115-120 दिन, पौधें की ऊँचाई – 115-120 सेमी. |
एच.डी.-2643 (गंगा)
वर्ष–1997 जारी
उत्पादकता 35-45 क्विंटल प्रति हेक्टेयर, पकने की अवधि 120-130 दिन, पौधें की ऊँचाई – 85-95 सेमी.
के.-9162
वर्ष–2005 जारी (राज्य – उत्तरप्रदेश)
उत्पादकता 40-45 क्विंटल प्रति हेक्टेयर, पकने की अवधि 110-115 दिन, पौधें की ऊँचाई –90-95 सेमी.
के.-9533
वर्ष – 2005 जारी
उत्पादकता 40-45 क्विंटल प्रति हेक्टेयर, पकने की अवधि 105-110 दिन, पौधें की ऊँचाई – 85-90 सेमी.
एच.पी.-1744
वर्ष – 1997 जारी
उत्पादकता 35-45 क्विंटल प्रति हेक्टेयर, पकने की अवधि 120-130 दिन, पौधें की ऊँचाई – 85-95 सेमी. |
नरेन्द्र गेहूँ – 1014
वर्ष – 1998 जारी
उत्पादकता 35-45 क्विंटल प्रति हेक्टेयर, पकने की अवधि 110-115 दिन, पौधें की ऊँचाई – 85-100 सेमी. रतुआ एवं झुलसा अवरोधी |
के.9423
वर्ष – 2005 जारी (राज्य – उत्तरप्रदेश)
उत्पादकता 35-45 क्विंटल प्रति हेक्टेयर, पकने की अवधि 85-100 दिन, पौधें की ऊँचाई – 85-90 सेमी. |
के.-7903
वर्ष – 2001 जारी
उत्पादकता 30-40 क्विंटल प्रति हेक्टेयर, पकने की अवधि 85-100 दिन, पौधें की ऊँचाई – 85-90 सेमी. |
नरेन्द्र गेहूँ – 2036
वर्ष – 2002 जारी
उत्पादकता 40-45 क्विंटल प्रति हेक्टेयर, पकने की अवधि 110-115 दिन, पौधें की ऊँचाई – 80-85 सेमी. रतुआ अवरोधी |
यू.पी.- 2425
वर्ष – 1999 जारी
उत्पादकता 40-45 क्विंटल प्रति हेक्टेयर, पकने की अवधि 120-125 दिन, पौधें की ऊँचाई – 90-95 सेमी.
एच.डब्लू.-2045
वर्ष – 2002 जारी
उत्पादकता 40-45 क्विंटल प्रति हेक्टेयर, पकने की अवधि 115-120 दिन, पौधें की ऊँचाई – 95-100 सेमी. रतुआ झुलसा अवरोधी |
नरेन्द्र गेहूँ – 1076
वर्ष – 2002 जारी
उत्पादकता 40-45 क्विंटल प्रति हेक्टेयर, पकने की अवधि 110-115 दिन, पौधें की ऊँचाई – 80-90 सेमी. रतुआ झुलसा अवरोधी |
पी.बी.डब्लू.-373
वर्ष – 1997 जारी
उत्पादकता 35-45 क्विंटल प्रति हेक्टेयर, पकने की अवधि 120-135 दिन, पौधें की ऊँचाई – 85-90 सेमी.
डी.बी.डब्लू.-16
वर्ष – 2006 जारी (राज्य – दिल्ली, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश,
जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान, उत्तरप्रदेश)
उत्पादकता 40-45 क्विंटल प्रति हेक्टेयर, पकने की अवधि 120-125 दिन, पौधें की ऊँचाई – 85-90 सेमी.
ए.ए.आई.डब्लू.- 06
वर्ष – 2014 जारी
उत्पादकता 35-45 क्विंटल प्रति हेक्टेयर, पकने की अवधि 110-115 दिन, पौधें की ऊँचाई – 105-110 सेमी. लीफ रस्ट अवरोधी |
एच.डी.-3059 (पूसा पछेती)
वर्ष – 2013 जारी
उत्पादकता 39.5 क्विंटल प्रति हेक्टेयर, पकने की अवधि 157 दिन, पौधें की ऊँचाई – 93 सेमी. रस्ट अवरोधी, ताप सहिष्णु, उच्च प्रोटीन तथा ब्रेड, बिस्किट, चपाती योग्य |
एच.डी.- 2985 (पूसा बंसत)
वर्ष – 2011 जारी
उत्पादकता 35-45 क्विंटल प्रति हेक्टेयर, पकने की अवधि 105-110 दिन, पार्टीकल टाइप रोग अवरोधी |
पी.बी.डब्लू.- 71
वर्ष – 2013 जारी
उत्पादकता 40-45 क्विंटल प्रति हेक्टेयर, पकने की अवधि 100-110 दिन, टाप अवरोधी |
पी.बी.डब्लू.- 752
वर्ष 2019 जारी
उत्पादकता 49.7 क्विंटल प्रति हेक्टेयर, पकने की अवधि 120 दिन, पीला एवं भूरा रस्ट अवरोधी (बायो-फोर्टीफाईड प्रजाति-प्रोटीन 12.4%)
पी.बी.डब्लू.-757
वर्ष – 2019 जारी
उत्पादकता 36.7 क्विंटल प्रति हेक्टेयर, पकने की अवधि 104 दिन, पीला एवं भूरा रस्ट अवरोधी (बायो-फोर्टीफाईड प्रजाति-जिंक 42.3 पीपीएम)
डी.बी.डब्लू.-173
वर्ष – 2018 जारी
उत्पादकता 47.2 क्विंटल प्रति हेक्टेयर, पकने की अवधि 122 दिन, पीला एवं भूरा रस्ट अवरोधी तथा ताप सहिष्णु, प्रोटीन एवं आयरन में अधिकता | (बायो- फोर्टीफाईड प्रजाति-प्रोटीन 125 प्रतिशत, आयरन 40.7 पीपीएम)
ए.ए.आई.डब्लू.-9
वर्ष – 2018 जारी
उत्पादकता 40-45 क्विंटल प्रति हेक्टेयर, पकने की अवधि 110-115 दिन, लीफ रस्ट, लीफ ब्लाइट एवं लाजिंग एवं सैटिरिंग के प्रति अवरोधी | उच्च तापमान सहिष्णु |
एच.डी. 3118 (पूसा वत्सला)
वर्ष – 2015 जारी
उत्पादकता 41.7 क्विंटल प्रति हेक्टेयर, पकने की अवधि 109-120 दिन, पीला एवं भूरा रस्ट के प्रति उच्च अवरोधी |
डब्लू.एच.-1124
वर्ष – 2015 जारी
उत्पादकता 42.7 क्विंटल प्रति हेक्टेयर, पकने की अवधि 123 दिन, पीला एवं भूरा रस्ट अवरोधी एवं ताप सहिष्णु |
डी.बी.डब्लू.-71
वर्ष – 2014 जारी
उत्पादकता 42.7 क्विंटल प्रति हेक्टेयर, पकने की अवधि 119 दिन, क्षेत्रीय रोंगों के प्रति अवरोधी एवं ताप सहिष्णु, उच्च प्रोटीन |
डी.बी.डब्लू.-88
वर्ष – 2014 जारी
उत्पादकता 54.2 क्विंटल प्रति हेक्टेयर, पकने की अवधि 143 दिन, पीला, भूरा रस्ट अवरोधी |
एच.डी.-2985 (पूसा बसन्त )
वर्ष – 2011 जारी
उत्पादकता 37.7 क्विंटल प्रति हेक्टेयर, पकने की अवधि 105-110 दिन, लीफ रस्ट एवं फोलियर ब्लाइट अवरोधी, बिस्किट एवं चपाती योग्य |
एम.पी.—1203
वर्ष – 2009 जारी (राज्य – मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, राजस्थान)
उत्पादकता 41.2 क्विंटल प्रति हेक्टेयर, पकने की अवधि 110 दिन, रोग अवरोधी एवं उच्च प्रोटीन |
पी.बी.डब्लू.-590
वर्ष – 2009 जारी (राज्य – दिल्ली, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश,
जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान, उत्तराखण्ड)
उत्पादकता 42.2 क्विंटल प्रति हेक्टेयर, पकने की अवधि 121 दिन, ताप सहिष्णु, लीफ रस्ट अवरोधी, उच्च प्रोटीन, चपाती योग्य |
पूसा गेहूँ –111 (एच.डी.-2932)
वर्ष – 2008 जारी
उत्पादकता 42.0 क्विंटल प्रति हेक्टेयर, पकने की अवधि 109 दिन, ब्लेक एवं भूरा रस्ट अवरोधी, उच्च आयरन जिंक | चपाती योग्य |
ऊसरीली भूमि के लिए गेहूं की किस्में
के.आर.एल.-1-4
वर्ष – 1990 जारी
उत्पादकता 30-45 क्विंटल प्रति हेक्टेयर, पकने की अवधि 130–145 दिन, पौधें की ऊँचाई – 90-100 सेमी.
के.आर.एल.-19
वर्ष – 2000 जारी (राज्य – बिहार, दिल्ली, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, ओंडिशा, पंजाब, राजस्थान, उत्तरप्रदेश, पश्चिम बंगाल)
उत्पादकता 40-45 क्विंटल प्रति हेक्टेयर, पकने की अवधि 130-145 दिन, पौधें की ऊँचाई – 90-100 सेमी.
के.-8434 (प्रसाद)
वर्ष – 2001 जारी
उत्पादकता 45-50 क्विंटल प्रति हेक्टेयर, पकने की अवधि 135-140 दिन, पौधें की ऊँचाई – 90-95 सेमी.
एन.डब्लू.-1067
वर्ष – 2005 जारी
उत्पादकता 45-50 क्विंटल प्रति हेक्टेयर, पकने की अवधि 125-130 दिन, पौधें की ऊँचाई – 90-95 सेमी. रतुआ अवरोधी |
के.आर.एल.-210
वर्ष – 2012 जारी (राज्य – असम, बिहार, दिल्ली, हरियाण, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, ओंडिशा, पंजाब, राजस्थान, उत्तरप्रदेश, उत्तराखण्ड)
उत्पादकता 33-45 क्विंटल प्रति हेक्टेयर, पकने की अवधि 112-125 दिन, पौधें की ऊँचाई – 65-70 सेमी. रतुआ अवरोधी |
के.आर.एल.- 213
वर्ष – 2011 जारी (राज्य – असम, बिहार, दिल्ली, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, ओंडिशा, झारखण्ड, पंजाब, राजस्थान, उत्तरप्रदेश, पश्चिम बंगाल, उत्तराखण्ड)
उत्पादकता 32.5 क्विंटल प्रति हेक्टेयर, पकने की अवधि 117-125 दिन, पौधें की ऊँचाई – 60-72 सेमी. रतुआ अवरोधी (रस्ट) |
एच.यू.डब्लू.-669 (मालवीय 669)
वर्ष – 2018 जारी
उत्पादकता 24.1 क्विंटल प्रति हेक्टेयर, पकने की अवधि 132 दिन, सभी रस्ट एवं लीफ ब्लाइट के लिए अवरोधी |
डब्लू.1142
वर्ष – 2015 जारी
उत्पादकता 48.1 क्विंटल प्रति हेक्टेयर, पकने की अवधि 150-156 दिन, पीला एवं भूरा रस्ट तथा सुखा एसवं लीजिंग के प्रति सहिष्णु |
छत्तीसगढ़ के लिए गेहूं की नई विकसित अनुशंसित किस्में
हर्षिता (HI – 1531), उर्जा (HP-2664), पूसा व्हिट-111(HD-2932), MP-1203, MPO(JW) , 1215 (MPO 1215), JW-3288, पूसा मंगल (HI 8713), MP 3336 (JW 3336)
हरियाणा के लिए गेहूं की नई विकसित अनुशंसित किस्में
UP-2338, WH-896, श्रेष्ठ (HD-2687), UP-2425, KRL-1, PBW-396, WH-283, HD-2329, कुंदन (DL-153-2), RAJ-3077, WH-416, WH-542, DBW – 16, DBW-17, PBW-502, VL-GEHUN-832, WH-1021, PBW-550, PBW-590, MACS 6222, PDW 314, WHD-943, DPW 621-50(PBW 621 & DBW 50), WH-1080 , KRL-210, HD 3043, PBW 644, HD-2967, WH 1105, DBW-71, DBW 90, पूसा गौतमी (HD) 3086) DBW 88
बिहार के लिए गेहूं की नई विकसित अनुशंसित किस्में
गंगा (HD-2643), मालवीय व्हिट -468 (HUW-468), PBW-443, HD-2733 (VSM, कौशाम्बी (HW-2045), HD-2307, HP-1493, HDR-77, सोनाली (HP-1633), शताब्दी (K-0307), HD 2733 (VSM), पूसा व्हिट-107 (HD-2888), DBW 14, नरेन्द्र व्हिट – 2036, MACS-6145, पूर्वा (HD 2824), RAJ-4120, DBW 39, पूसा प्राची (HI-1563), पूसा बसंत (HD 2985, KRL-210
झारखण्ड के लिए गेहूं की नई विकसित अनुशंसित किस्में
कौशाम्बी (HW-2045), शताब्दी (K-0307), पूसा व्हिट-107 (HD-2888), DBW 14, नरेन्द्र व्हिट – 2036, MACS-6145, पूर्वा (HD 2824), RAJ-4120, DBW 39, पूसा प्राची (HI-1563), पूसा बसंत (HD 2985) दिल्ली के लिए
दिल्ली के लिए गेहूं की नई विकसित अनुशंसित किस्में
UP-2338 , श्रेष्ठ(HD-2687), UP-2425, KRL-19, PBW-396, HD-2329, WH-542, DBW – 16, WH-1021 , PBW-550, PBW-590, MACS 6222, PDW 314, WHD-943, DPW 621-50(PBW 621 & DBW 50), KRL-210, HD 3043, PBW 644, HD-2967, WH 1105, DBW-71, DBW 90, पूसा गौतमी (HD) 3086 ), DBW 88
बीज दर, बीज शोधन एवं बुआई की विधि
गेहूँ की बुआई पर्याप्त नमी पर करना चाहिए | देर से पकने वाली प्रजातियों की बुआई समय से अवश्य कर देना चाहिए अन्यथा उपज में कमी हो जाती है | जैसे-जैसे बुआई में विलम्भ होता जाता है, गेहूँ की पैदावार में गिरावट की दर बढती चली जाती है | दिसम्बर से बुआई करने पर गेहूँ की पैदावार 3 से 4 कु./हे. एवं जनवरी में बुआई करने पर 4 से 5 कु./हे. प्रति सप्ताह की दर से घटती है | गेहूँ की बुआई सिडड्रिल से करने पर उर्वरक एवं बीज बचत की जा सकती है |
बीज दर एवं बीज शोधन :
लाइन में बुआई करने पर सामान्य दशा में 100 किग्रा. तथा मोटा दाना 125 किग्रा. प्रति है, तथा छिडकाव बुआई की दशा में सामान्य दाना 125 किग्रा. मोटा-दाना 150 किग्रा. प्रति हे. की दर से प्रयोग करना चाहिए | बुआई से पहले जमाव प्रतिशत अवश्य देख ले | राजकीय अनुसंधान केन्द्रों पर सुविधा नि:शुल्क उपलब्ध है | यदि अंकुरण क्षमता कम हो तो उसी के अनुसार बीज दर बढ़ा ले तथा यदि बीज प्रमाणित न हो तो उसका शोधन अवश्य करें | बीजों का कार्बाक्सिन, एजेटोवैक्टर व पी.एस.वी. से उपचारित कर बोआई करें | सीमित सिंचाई वाले क्षेत्रों में रेज्ड वेड विधि से बुआई करने पर सामान्य दशा में 75 किग्रा. मोटा दाना 100 किग्रा. प्रति हे. की दर से प्रयोग करे |