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कैसे करें कद्दूवर्गीय सब्जी की उन्नति जनवरी के महीने में, जानिए ये मुख्य कारण

कैसे करें कद्दूवर्गीय सब्जी की खेती

हम सब जानते हैं कि हर मौसम में खेती (कद्दूवर्गीय सब्जी) करने का तरीका भी अलग अलग होता है क्योंकि मिट्टी की जो प्रवृत्ति होती है वह हर मौसम में बदलती रहती है अगर आप एक ही जैसी सब्जी हर मौसम में लग जाएंगे तो यह नामुमकिन है कि आप उसमें मुनाफा कमा पाएंगे।

इसलिए हर एक किसान खेती करने से पहले मौसम का आकलन और मिट्टी का आकलन जरूर करता है तभी वह किसी खेती और किसी फल और सब्जी लगाने के बारे में सोचता है। ऐसा सोचकर नहीं करता है तब वह कभी भी मुनाफे का हकदार नहीं होता है।

तो आज हम बात करेंगे कद्दूवर्गीय सब्जी के बारे में तो किस तरीके से आखिरकार कद्दू के वर्ग और प्रजाति की सब्जी का उन्नति से रोपन किया जाए और जिससे कि किसानों को भी बहुत मुनाफा हो और वह भी जनवरी के महीने में सर्दी के महीने में। आइए अपना ध्यान केंद्रित करते हैं कि आखिरकार किस तरीके जनवरी के महीने में कद्दूवर्गीय सब्जी के उत्पादन में तेजी लाया जाए। जिससे की किसान अच्छा खासा मुनाफा कमा सकें।

बेहतरीन तरीके से कद्दू उत्पादन बढ़ाने के लिए

किसान जनवरी में कद्दूवर्गीय सब्ज़ियों की बुवाई कर सकते हैं। आपको बता दें कि कद्दूवर्गीय सब्ज़ियों की बिजाई साल में 2 बार की जाती है। इसमें JAN-MARCH  और जून-जुलाई का समय आता है। Pumpkin Vegetables की बिजाई polyhouse में भी दिसंबर-जनवरी में की जा सकती है। इस वर्ग की सब्ज़ियों की मांग भी Market में बनी रहती है। इसकी वजह इनमें मौजूद पोषण तत्व जैसे Vitamins,Iron  तत्व पर्याप्त मात्रा में हैं जो स्वास्थ्य के लिए काफी Profitable हैं। साथ ही आपको बता दें, कि किसान कद्दूवर्गीय सब्जियों में बीज की मात्रा कम से कम 4 से 5 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से ले सकता है।

pumpkin farm कद्दूवर्गीय सब्जी
Image Source- jagran.com

अब हम जानेंगे कि कद्दू (कद्दूवर्गीय सब्जी) में आखिरकार कितने तरीके के प्रकार होते हैं।

  • कद्दू- Pusa विश्वास,Pusa विकास, Pusa Hybrid-1
  • चप्पन कद्दू- आस्ट्रेलियन Green, पैटीpen, अर्ली yellow, pusa अलंकार और प्रोलिफ़िक
  • पेठा- pusa उज्जवल
  • लौकी-pusa नवीन, pusa संदेश, pusa संतुष्टि, pusa समृद्धि, पी एस पी एल और pusa hybrid-3
  • कद्दूवर्गीय सब्जियों में खाद की आवश्यकता 15 से 20 तक प्रति हेक्टेयर गोबर की खाद 80 किलोग्राम नत्रजन 50 किलोग्राम फास्फोरस और 50 किलोग्राम पोटाश की जरूरत पड़ती है।
  • अगर आपको कद्दूवर्गीय सब्जियों की खेती करनी है। तो उसके लिए आपको खेत में लगभग 45 सेंटीमीटर चौड़ी और 30 से 40 सेंटीमीटर गहरी नालिया बनानी पड़ेगी। फिर एक नाली से दूसरी नाली की दूरी फसल की बेल की बढ़वार के मुताबिक यानी कि लगभग 5 मीटर से 5. 0 मीटर तक रखें । और जैसी ही यह प्रक्रिया पूरी हो तब नाली में नमी की मात्रा को देखते हुए भुरीभुरी मिट्टी में लगभग 0.50 से 1. 0 मीटर की दूरी पर बीज की बुवाई कर दे।
  • बुवाई की प्रक्रिया के बाद आपको फसल में समय-समय पर पानी का प्रबंध भी करना है और सिंचाई के साथ आप निराई – गुड़ाई भी करते रहे ।

पॉलीहाउस तकनीक का किस तरीके से ले कद्दूवर्गीय सब्जियों में मदद

  • हम सब जानते हैं कि आज के समय में Poly House Technology  बहुत ही बेहतरीन तरीके से किसान को मदद कर रहा है। आपको बता दें तो आप आसानी से पॉलीहाउस तकनीक का इस्तेमाल कद्दू की खेती में भी कर सकते हैं। उत्तर भारत के मैदानी क्षेत्रों में गर्मी के मौसम के लिए अगेती फसल तैयार करने के लिए Poly House में January में ही किसान इन सब्ज़ियों को बो सकते हैं।
  • किसान poly House बनाकर पौध तैयार कर सकते हैं। इन पौधों को तैयार करने के लिए 15×10 सेंटीमीटर आकार के Poly Bag में 1:1:1 मिट्टी, बालू और गोबर की खाद भरकर तैयार करें और उसमें जल निकास की व्यवस्था के लिए रास्ता बना लें। थैलियों में लगभग 1 सेंटीमीटर की गहराई पर बीज की बुवाई करके बालू की पतली परत बिछा लें और पानी लगा दें। इसके बाद लगभग 4 से 5 हफ्ते बाद पौधे खेत में लगाने योग्य हो जाते हैं।
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