PM fasal Bima kaise karen : प्रकृति एवं अन्य आपदाओं से प्रसन्न सुरक्षा मुहैया कराने के लिए केंद्र सरकार ने पूरे देश के लिए समग्र रूप से प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना चलाई हुई है इस योजना के तहत रबी एवं खरीफ फसलों का बीमा किया जाता है। सरकार ने यह योजना 13 जनवरी 2016 को शुरू की थी। योजना के तहत किसानों को किसी भी प्राकृतिक आपदा के कारण फसल में हुई हानि पर बीमा कवर देने का प्रावधान किया गया है, यानि किसानों की फसल को प्राकृतिक आपदाओं के कारण खराब होने पर प्रीमियम का भुगतान देकर एक सीमा तक हुई हानि कम करायेगी।
प्रीमियम राशि को प्रत्येक किसान की आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए काफी कम रखा गया है। खरीफ पर 5 फीसदी व रबी पर मात्र 1.5 फीसदी प्रीमियम राशि है। फसल बीमा योजना किसानों के लिए सुरक्षा कवच के समान बताई जाती है।
फसल बीमा योजना के तहत इन फसलों का बीमा किया जाएगा
फसल बीमा योजना (PM fasal Bima kaise karen) के अंतर्गत सोयाबीन के अलावा अन्य फसल का भी बीमा होता है। खरीफ फसलों में संतरा, केला, पपीता, प्याज, मिर्च, बैंगन, टमाटर आदी बागवानी फसलें भी सम्मिलित है। हालांकि इनके प्रीमियम की दरें अलग है। इन फसलों का बीमा करवाने के लिए किसान अपने निकटतम बीमा कंपनी के प्रतिनिधि से संपर्क कर सकते हैं। इधर योजना के तहत ओडिशा सरकार ने खरीफ फसल सत्र-2022 के लिये आठ और रबी मौसम 2022-23 में नौ फसलों को ‘फसल बीमा योजना’ के तहत लाने का फैसला लिया है। योजना के तहत किसान खरीफ सत्र 2022 के दौरान इन आठ फसलों मूंगफली, मक्का, अरहर, रागी, धान, हल्दी, कपास और अदरक का बीमा कर सकेंगे। तो वहीं रबी सत्र 2022-23 के लिए धान, मूंगफली, काला चना, हरा चना, सरसों, सूरजमुखी, गन्ना, आलू और प्याज समेत कुल नौ फसलों का बीमा किया जाएगा। विशेष सचिव संजीव चड्ढा ने कहा कि आम तौर पर ग्राम पंचायत और शहरी स्थानीय निकाय धान के लिए बीमा इकाई होगी। धान के अलावा अन्य फसलों के लिए ब्लॉक बीमा इकाई होगी। खरीफ बीमा के लिए नामांकन की अंतिम तारीख 31 जुलाई होगी।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना इन राज्यों में चल रही है
प्राकृति आपदा जैसे कि सूखा पड़ना, ओले पड़ना से हर साल किसानों की फसल प्रभावित होती है। साथ ही किसानों मौसम की मार और इन प्राकृतिक आपदा से हर साल लाखों का नुकसान होता है। किसानों को इन परेशानियों को देखते हुए केन्द्र सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की शुरूआत 13 मई 2016 को प्रधानमंत्री द्वारा की गयी थी। फसल बीमा योजना के तहत केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा प्राकृतिक आपदा से हुई फसल हानि की क्षतिपूर्ति के लिए बीमा कवर दिया जाता है। हालांकि केन्द्र सरकार की इस योजना को अभी भी कई राज्यों में लागू नहीं किया है। वहां पर राज्य सरकारें अपने स्तर पर योजनाएं चलाकर किसानों की मदद करती हैं।
देश में 5 राज्य ऐसे है जो प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की तर्ज पर संचालित की जा रही दूसरी योजनाओं से किसानों को लाभ पहुंचा रहे है। देश के इन 5 राज्यों आंध्र प्रदेश में फसल बीमा योजना को डॉ. वाईएसाअर मुफ्त फसल बीमा योजना, बिहार में बिहार राज्य फसल सहायता योजना, गुजरात में मुख्यमंत्री सहायता योजना, झारखंड में झारखंड फसल राहत योजना, पश्चिम बंगाल में बांग्ला शश्य बीमा योजना, मध्यप्रदेश में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के नाम से संचालित है। योजना को पहली बार देश भर में फसल कटाई के बाद चक्रवात एवं बेमौसम बारिश का जोखिम भी शामिल किया गया है। पहली बार सही आकलन और शीघ्र भुगतान के लिए मोबाइल और सैटेलाइट टेक्नोलॉजी के व्यापक उपयोग पर जोड़ दिया गया है।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से जुड़े आवश्यक सवाल/जवाब
प्रश्न : फसल बीमा क्या है ?
उत्तर : फसल बीमा (PM fasal Bima kaise karen) किसानों की फसलों से जुड़े जोखिम की वजह से हो सकने वाले नुकसान से रक्षा करने का माध्यम है। इससे किसानों को अचानक आए जोखिम या खराब मौसम से फसल को हुए नुकसान की भरपाई की जाती है।
प्रश्न : इस समय कौन सी फसल बीमा योजनाएं चल रही है?
उत्तर : इस समय राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना (एनएआईएस), संशोधित राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना (एमएनएआईएस), मौसम आधारित फसल बीमा योजना (डब्ल्यूबीसीआईएस), एवं नारियल पान बीमा योजना (सीपीआईएस), चल रही है। राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना और संशोधित कृषि बीमा योजना को रबि 2015-16 के बाद बंद कर किसानों को अधिक सुरक्षा देने के लिए अब खरीद 2016 से प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) शुरू की जा रही है।
प्रश्न : पहले की योजनाओं (एनआईएस) और (एमएनएआईएस) को रबी 2015-16 के बाद क्यों बंद किया जा रहा है?
उत्तर : इस योजना में किसानों को पुरानी सभी योजनाओं की तुलना में सबसे कम प्रीमियम राशि देनी होगी। किसानों को प्रीमियम की रकम का बोझ अब महसूस नहीं होगा। इस बोझ की वजह से पहले बहुत से किसान बीमा नहीं कराते थे और इन्हें नुकसान होने पर कोई भरपाई नहीं मिल पाती थी। नई योजना में अब सभी किसानों को लिए खरीद में ज्यादा से ज्यादा 2 फ़ीसदी और रवि में ज्यादा से ज्यादा 1.5 फ़ीसदी बीमा दर रखी गई है। इसके अलावा सालाना बागवानी/व्यावसायीक फसल के लिए प्रीमियम किधर ज्यादा से ज्यादा 5 फ़ीसदी की गई है यह दरे पहले की काफी कम है।
प्रश्न : क्या पहले की योजनाओं की तरह इस नई योजना में भी किसानों को कैंपिंग की समस्या का सामना करना पड़ेगा?
उत्तर : नही, पहले की योजनाओ में अधिक प्रीमियम होने पर बीमित राशी की सीमा तय करने से नुकसान होने पर भरपाई की रकम भी कम हो जाया करती थी, इसलिए नई योजना में इस प्रावधान को समाप्त कर दिया गया है अब किसानों को भी मत राशि की पूरी रकम के अनुसार पूरा ह मिल सकेगा
प्रश्न : इस योजना के तहत कौन-कौन से जोखिम कवर किए गए हैं ?
उत्तर : इस योजना के तहत निम्नलिखित जोखिम कवर किए गए हैं-
1) उपज नुकसान के आधार पर-– इस योजना में आग लगने क्या अलावा बिजली गिरने, तूफान, ओला पढ़ने, चक्रवात, अंधड़, बवंडर, बाढ़, जलभराव, जमीन धंसने सुखा, खराब मौसम, कीट एवं फसल को होने वाली बीमारियां आदि जोखिम से फसल को होने वाले नुकसान को शामिल करके एक ऐसा बीमा कवर दिया जाएगा, जिसमें इनसे होने वाले सारे नुकसान से सुरक्षा प्रदान की जाएगी।
2) सुरक्षित बुआई के आधार पर– अगर बीमित किसान बुआई/ रोपाई के लिए खर्च करने के बावजूद खराब मौसम की वजह से बुआई/रोपाई नहीं कर सकते तो वह बीमित राशि के 25% तक नुकसान का दावा ले सकेंगे।
3) फसल कटाई के बाद – फसल को चक्रवात, बेमौसम बारिश और स्थानीय आपदा जैसे ओलो, जमीन धंसने और जल भराव से होने वाले नुकसान का अंदाजा प्रभावित खेत के आधार पर किया जायेगा और इसके अनुसार किसानो के नुकसान का आकलन करके दावे तय किए जाएंगे।
प्रश्न : इस योजना के तहत कौन-कौन से राज्य भागीदार है ?
उत्तर : यह योजना सभी राज्य सरकारों और संघ शासित क्षेत्रों के लिए स्वैच्छिक है। अतः इस योजना में सभी राज और संघ शासित क्षेत्र शामिल हो सकते हैं।
प्रश्न : इस योजना के तहत कौन-कौन से किसान किन-किन फसलों का बीमा करा सकते हैं ?
उत्तर : राज्य सरकारों संघ शासित क्षेत्रों द्वारा तय किए गए इलाके में तय की गई फसल जो कि अनाज, खाद्यान्न, तिलहन, सालाना व्यावसायिक और बागवानी फसल हो सकती है, उगाने वाले किसान बीमा करा सकते हैं। नई बीमा योजना किए गए क्षेत्र मैं कैसीसी खाता धारा किसानों ( जिन्हें ऋणी किसान कहा जाता है) के लिए अनिवार्य है तथा अन्य सभी किसान अगर चाहे तो बीमा का लाभ ले सकते हैं।
प्रश्न : इस योजना के तहत किसान बीमा कैसे ले सकता है ?
उत्तर : इस योजना (PM fasal Bima kaise karen) के तहत बैंक कैसीसी खाता (जिन्हें ऋणी किसान कहा जाता है) धारक किसानों के लिए जरूरी प्रीमियम बीमा कंपनी के पास अपने आप भेज देते हैं और उन किसानों का बीमा हो जाता है अन्य सभी किसानों निकटतम बैंक या तय की गई बीमा कंपनी के स्थानीय एजेंट को प्रीमियम का भुगतान करके फसल बीमा करा सकते हैं।
प्रश्न : क्या नई फसल बीमा योजना में खेत वार और नुकसान का आकलन करने का नियम है ?
उत्तर : नई बीमा योजना में यह नियम बनाया गया है, कि स्थानीय आपदाओं जैसे ओला पढ़ने, जमीन धंसने और जल जलभराव से नुकसान होने पर योजना में खेत वार नुकसान का आकलन किया जाएगा। ठीक उसी तरह फसल कटाई के बाद खेत में पड़ी हुई फसल को 14 दिन के भीतर चक्रवात और बेमोसम बरसात से नुकसान होने पर पर भी खेत वार आकलन करके भुगतान करने का नियम बनाया गया है।
प्रश्न : क्या इस योजना में खराब मौसम के कारण बुवाई/रोपाई ना कर पाने पर नुकसान का मुआवजा देने का प्रावधान है ?
उत्तर : हां, बीमा की गई फसल की खराब मौसम के कारण बुवाई/रोपाई ना कर पाने पर बीमा मूल्य राशि का 25 फीसदी तक सीधे किसानों के खाते में जमा करने का प्रावधान इस योजना में किया गया है।
प्रश्न : फसल बीमा करवाने के लिए किससे संपर्क करें?
उत्तर : फसल बीमा के लिए अपने निकटतम बैंक का शाखा कृषि सहकारिता समिति, बीमा कंपनी उनके एजेंट से संपर्क करें।
प्रश्न : क्या फसल बीमा में नुकसान के दावे के भुगतान को जल्द से जल्द करने के लिए कोई उपाय किए गए हैं ?
उत्तर : नयी योजना में स्मार्टफोन से फसल कटाई आकलन की तस्वीरें खींच कर सर्वर पर अपलोड की जाएगी। जिससे फसल कटाई के आंकड़े जल्द से जल्द बीमा कंपनी को मिल सकेंगे। इससे दावो का भुगतान करने में लगने वाले समय को काफी कम किया जाएगा। रिमोट सेंसींग ओर ड्रोन जैसी तकनीक के इस्तेमाल से फसल कटाई प्रयोग की संख्या को कम करने में और नुकसान के आकलन में सहायता मिलेगी।
प्रश्न : इस योजना के तहत बीमा इकाई क्या है ?
उत्तर : यह योजना क्षेत्र दृष्टिकोण के आधार पर अमल मैं लाई जाएगी। मुख्य फसल के लिए बीमा इकाई ग्राम/ग्राम पंचायत स्तर पर होगी और अन्य फसलों के लिए बीमा इकाई राज्य सरकार द्वारा तय की जाएगी और यह ग्राम/ग्राम पंचायत से बड़े आकार की भी हो सकती है।
प्रश्न : इस योजना के तहत किसानों के लिए भी बीमीत राशि क्या होगी ?
उत्तर : इस योजना के तहत बीमित राशि से जिला स्तर तकनीकी समिति (डीएलटीसी) द्वारा उस फसल के लिए वित्त पैमाने के बराबर होगी।
प्रश्न : पूर्व की मौसम आधारित फसल बीमा योजना मैं क्या संशोधन किया गया है ?
उत्तर : मौसम आधारित फसल बीमा योजना (PM fasal Bima kaise karen) को संशोधित करके प्रशासनिक मानक और परिचालन के प्रावधान अब पीएमएफ बुवाई के समान कर दिए गए है जैसे इस योजना के तहत अब किसान के हिस्से की प्रीमियम दर को सभी फसलों के लिए खरीद मैं ज्यादा से ज्यादा 2% तथा रबी में ज्यादा से ज्यादा 1.5% किया गया है, और वार्षिक बागवानी-वाणिज्यिक फसल के लिए किसान की प्रीमियम दर को ज्यादा से ज्यादा 5% कर दिया गया है तथा सीमित राशि पर कंपनी का प्रावधान भी हटा दिया गया है ताकि किसानों को पूर्ण बीमित राशि की क्षतिपूर्ति मिल सके।
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