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अंजीर की खेती कैसे होती है,कम समय मे लखपती बना देगी यह खेती

अंजीर की खेती कैसे होती है,कम समय मे लखपती बना देगी यह खेती

अंजीर (Fig) एक स्वास्थ्यवर्धक फल है। इसमें दूसरे फलों की मुकाबले काफी मिठास होती है। इसमें विटामिन ए बी, सी और कैल्शियम की भरपूर मात्रा पाई जाती है। अंजीर के सेवन से सर्दी-जुकाम, दमा, स्तन कैंसर और अपच, नपुंकसता जैसी बीमारियों में काफी लाभ मिलता है। व्यापारिक रुप से देखा जाए तो अंजीर (Fig) बहुत महंगा फल होता है। अंजीर की खेती (anjeer ki kheti) करने वाले किसान काफी अच्छा लाभ कमा सकते है।

अंजीर की खेती (Fig Farming) पर एक नज़र
भारत में इसकी (Fig Farming) खेती तमिलनाडु, कर्नाटक, महाराष्ट्र, गुजरात और उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा की जाती है।

अंजीर के प्रति पौधे से 20-30 किलो फल प्राप्त होते हैं।

बाजार में अंजीर 500 से 800 रुपए प्रति किलोग्राम तक बिकता है।

अंजीर की खेती (anjeer ki kheti) से आप प्रति हेक्टेयर 30 लाख रुपए तक की कमाई कर सकते हैं।

अंजीर की खेती के लिए उपयुक्त जलवायु और मिट्टी
अंजीर की खेती (anjeer ki kheti) के लिए शुष्क और आर्द्र जलवायु की आवश्यकता होती है। इसके लिए उचित जल निकासी वाली उपजाऊ दोमट भूमि की जरूरत होती है। 6 से 7 पीएचमान वाली मिट्टी में इसकी पैदावार अच्छी होती है। तापमान की बात करें, तो अंजीर के लिए 25 से 35 डिग्रीसेंटीग्रेड तापमान पैदावार के लिए उपयुक्त होती है।

 

अंजीर की खेती कैसे होती है,कम समय मे लखपती बना देगी यह खेती
अंजीर की खेती कैसे होती है,कम समय मे लखपती बना देगी यह खेती

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बुआई और बीज की मात्रा
अंजीर के पौधों की रोपाई जुलाई से अगस्त के महीने की जाती है। इसके पहले आप पौधे के लिए नर्सरी तैयार कर लें। प्रति हेक्टेयर 250 पोधों की जरूरत होती है। पौध से पौध की दूरी 5 मीटर रखें।

अंजीर के खेत की तैयारी
खेत की तिरछी जुताई करके फसल अवशेष को हटा लें।

इसके बाद खेत की मिट्टी को रोटावेटर से भुरभुरी बना लें।

खेत में पाटा चलाकर समतल बना लें।

इसके बाद 5 मीटर की दूरी पर गढ्ढे बना लें।

इन गढ्ढों में पौधे की रोपाई के बाद हल्की सिंचाई कर दें।

अंजीर की उन्नत किस्में
पंजाब अंजीर

इस किस्म के फल आकार में बड़े और पीले रंग के होते हैं।

पौधे 2 साल बाद फल देना शुरू कर देते हैं।

पौधे 10 से 15 फीट लंबे होते हैं।

5 वर्षीय पौधे की औसतन पैदावार 16 से 18 किलोग्राम तक प्राप्त होता है।

पुणे अंजीर

पुणे अंजीर का फल मध्यम और पीले होते हैं।

पौधे 38 से 40 डिग्री तापमान के मध्य अच्छी बढ़ोतरी करते हैं।

पौधे की पूर्ण आयु पर ऊंचाई 8 फीट और चौड़ाई 2.5 मीटर तक होती है.

पहली तुड़ाई 12 महीने बाद ही की जा सकती है।

मार्शलीज अंजीर

यह अंजीर की हाइब्रिड किस्म है।

इसका भंडारण अधिक समय तक किया जा सकता है।

पौधे की ऊंचाई 3 से 5 मीटर के लगभग हो जाती है।

प्रत्येक पौधे से प्रतिवर्ष 20 से 25 किलोग्राम तक फल प्राप्त हो जाते हैं।

पुणेरी अंजीर

इस किस्म के फल स्वादिष्ट और जामुनी रंग के होते हैं।

पौधे की ऊंचाई 9 से 12 फीट तक होती है।

पौधे आर्द्रता के प्रति सहनशील होते हैं।

प्रत्येक पौधे से प्रतिवर्ष 22 से 25 किलोग्राम तक फल प्राप्त किए जा सकते हैं।

दिनकर अंजीर

इस किस्म के फल मध्यम आकार के और हल्के पीले होते हैं।

पहली तुड़ाई बीज बुआई के 3 वर्ष बाद प्राप्त की जा सकती है।

इसकी खेती मुख्य तौर पर महाराष्ट्र में की जाती है।

प्रत्येक पौधे की प्रतिवर्ष औसतन पैदावार 18 से 20 किलोग्राम तक प्राप्त होती है।

ब्राउन टर्की

इस किस्म के फल मध्यम आकार के और जामुनी भूरे रंग के होते हैं।

फल 20 मई से 25 जून के मध्य पककर तैयार हो जाते हैं।

प्रत्येक पौधे की प्रतिवर्ष औसतन पैदावार 50 से 55 किलोग्राम तक प्राप्त होती है।

अंजीर को सुखाकर पाएं अच्छी कमाई
अंजीर की खेती (anjeer ki kheti) करने वाले किसान काफी लाभ कमाते हैं। इसमें काफी मिठास पाई जाती है। इसे सुखाकर सूखे फलों की तरह भी इस्तेमाल किया जाता है। अंजीर के ताजे फसलों से ज्यादा लाभ सूखे फसल से होता है।

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